डिस्पोजल सामग्री का उपयोग हमारे स्वास्थ्य के साथ-साथ नगर की स्वच्छता में भी बाधक है – निगम आयुक्त
सागर। डिस्पोजल बर्तनो का उपयोग हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक है, इसे हमें समझना होगा और उसका उपयोग बंद करना होगा क्योंकि डिस्पोजल एवं अमानक प्लास्टिक सामग्री केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक ही नहीं है, वरन् शहर की सफाई व्यवस्था के साथ नाला ,नालियों की सफाई व्यवस्था के लिए भी बाधक है क्योंकि यह नालियों को चोक करती हैं वही जल स्रोतों के आसपास फेकने से भूमिगत जलस्रोत को प्रदूषित करती हैं, इसलिए पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य को नुकसानदायक डिस्पोजल वस्तुओं का इस्तेमाल न करें और उनके स्थान पर स्टील, चिनी मिट्टी, मिट्टी या कांच की सामग्री का उपयोग करें । यह समझाईस नगर निगम आयुक्त राजकुमार खत्री ने राजघाट चौराहे पर स्थित होटल के संचालक और ग्राहकों को देते हुए कहा कि इनके इस्तेमाल पश्चात आसपास फेकने से गंदगी फैलती है क्योंकि ग्राहक डिस्पोजल सामग्री का उपयोग कर यहां – वहा रास्ते में फेंकते हैं इसलिए होटल में डस्टबिन आवश्यक रूप से रखें ,जिसमें इन डिस्पोजलों को डाला जाए तथा इसके स्थान पर कांच के गिलासों का इस्तेमाल करें जो नागरिकों के लिए भी बेहतर है और इससे गंदगी भी नहीं फैलेगी।
तत्पश्चात उन्होंने राजघाट चौराहे के पास रोड निर्माण ठेकेदार द्वारा टाटा की पाइपलाइन को क्षतिग्रस्त किया गया है उसका भी अवलोकन किया और टाटा के इंजीनियर और ठेकेदार को समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिए । उन्होंने टाटा के इंजीनियरों के साथ डुगडुगी पहाड़ी पर बने संपवेल का निरीक्षण किया और इसकी जानकारी ली।