पवित्र परम्पराओं को जीवित रखने का साक्ष्य है होली”- डाॅ.प्रतिभा तिवारी

पवित्र परम्पराओं को जीवित रखने का साक्ष्य है होली”- डाॅ.प्रतिभा तिवारी

सागर। आज स्वयं सिद्धा एवं भारतीय स्त्री शक्ति के संयुक्त तत्वधान में होली महोत्सव का आयोजन किया गया। उक्त वाक्य अध्यक्षीय उद्बोधन में भारतीय स्त्री शक्ति की प्रदेश उपाध्यक्ष, डाॅ प्रतिभा तिवारी ने कहा कि – होली भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख पर्व है जो खुशी, आनंद, प्रेम और एकता का प्रतीक है। इसे पूरे उत्साह के साथ हम मना रहे है। इसे सामाजिक बन्धनों को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर मानना चाहिए। होली के दिन हमें युवाओं और बुजुर्गों के बीच विभिन्न गतिविधियों, नृत्य, संगीत, खाने-पीने और खुशी के साझा लाभ को अनुभव करना चाहिए। हमें यह भी याद रखना चाहिए क्योंकि होली एक आपसी समझ, समरसता और समानता का प्रतीक है। हम महिलाओं को इस महत्वपूर्ण पर्व के तत्वों के साथ परिचित करना चाहिए और उन्हें शिक्षा देनी चाहिए कि होली को सम्पूर्ण आनंद और संतुष्टि के साथ मनाएं और दुसरों के साथ प्यार और सम्मान का आदान-प्रदान करें। होली हमारे साथी और पवित्र परंपराओं को जीवित रखने साक्ष्य है और हमें इसका समर्थन करते हुए इसका आनंद लेना चाहिए। इस एकता, मित्रता और भाईचारे के प्रतीक होली को आज हम बहिन मना कर अपने संगठित समूह और सहयोग सहभागिता से अपनी गरिमामयी संस्कृति को चरितार्थ कर रहे हैं आप सभी का इस पावन अवसर पर स्वागत है। अपने कहा त्यौहार हमें एक-दूसरे से मिलने और आपसी सामंजस्य की ओर भी ले जाते है हम सषक्त हो तथा समाज के सभी वर्ग में अपनी समानता का प्रयास करे यही होली का सही अर्थ होगा। फाग उत्सव पौराणिक कथा एवं पुराणों के अनुसार रंग वाली होली खेलने का संबंध भगवान श्रीकृष्ण और ब्रज की किशोरी राधा रानी से है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार  कृष्ण ने ग्वालों के संग मिलकर होली खेलने की प्रथा शुरू की थी। यही कारण है कि आज भी ब्रज में धूमधाम से होली खेली जाती है इसके संदर्भ में दीप प्रज्जवल के साथ होली महोत्सव का शुभारंभ एवं गणमान्य संभ्रान्त महिलाओं का समागम हुआ। तदुपरान्त वक्तव्य की अगली श्रृंखला में जिला स्वास्थ्य अधिकारी, डाॅ ज्योति चैहान ने कहा कि – होली न केवल त्यौहार है वरन् होलिका दहन के साथ हमें बुराई पर अच्छाई की विजय का संदेष देता है। यह हिंदू संस्कृति का महत्वपूर्ण अंग है और हमें हमारी धार्मिक और संास्कृतिक विरासत को मान्यता देनी चाहिए। होली के दिन हमें अपने अंदर जीवन की प्रकृति को बचाने का इरादा और धार्मिक भावनाओं को मजबूती से रखने की प्रेरणा मिलती है। हम स्त्रियों को स्वयं को स्वस्थ्य रखना है तभी समाज भी स्वस्थ्य होगा क्योंकि स्त्री घर की नीव है। स्वस्थ महिला ही किसी भी कार्य को मन लगाकर करता है। स्वस्थ महिला ही जीवन में सफलता प्राप्त कर सकता है और वह ही इस जीवन का आनंद ले सकता है। इस अवसर पर हमारी गणमान्य निधी जैन जी ने कहा कि – होली हमें प्रेम का संदेश देता है और हमारे बीच एकता और सौहार्द को स्थापित करता है। होली को धार्मिक और संस्कृतिक महत्व देकर हमें इसे सदैव इसमें आनंदित रहना चाहिए। हमारा स्वास्थ्य शारीरिक और मानसिक रूप से भी पूर्ण स्वास्थ होना चाहिए क्योंकि शारीरिक कार्य करने की क्षमता आपको शारीरिक और मानसिक रूप से स्वास्थ रहने की इच्छा देती है। अगर हम स्वास्थ है तो उन सभी बुरे विचारों को हमें त्याग देना चाहिए जो स्वास्थ्य और जीवन के लिए नुकसानदायक है। स्वस्थ महिला ही किसी भी कार्य को मन लगाकर करती है। आभार ज्ञापन श्रीमती शालिनी तिवारी के द्वारा दिया गया। इस अवसर पर डाॅ0 राजुल सिंघई,  श्रीदेवी तिवारी,  शैलबाला बैरागी,  मधु दरे,  अनिता पाली,  रितू सिंह,  रितू वघेल, श्रीमती सुष्मिता सिंह, श्रीमती ज्योति गौतम,  सुमन तिवारी के साथ महिला समुदाय ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति देकर इस कार्यक्रम को सफल बनाया। कल्याण मंत्र के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

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