सागर टूरिस्ट गाइड के प्रशासन से सागर क्षेत्र के पर्यटन के क्षेत्र में एक नया आयाम जुड़ जाएगा” — रुपेश उपाध्याय, ऐडिशनल कलेक्टर सागर
सागर। डॉक्टर हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय के ई.एम.आर.सी.विभाग में एडिशनल कलेक्टर श्री रूपेश उपाध्याय जी की अध्यक्षता में सागर जिले में पर्यटन के विकास हेतु एक ‘सागर टूरिस्ट गाइड ‘ प्रकाशन के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई । इस बैठक में प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर नागेश दुबे,ई.एम.आर.सी . के निर्देशक डॉक्टर पंकज तिवारी ,इंक मीडिया सागर के निर्देशक डाॅ. आशीष द्विवेदी प्राचीन भारतीय इतिहास विभाग के डॉक्टर मशहूर अहमद कादरी उपस्थित रहे। इस महत्वपूर्ण बैठक में एडिशनल कलेक्टर श्री उपाध्याय ने सागर के अंचल के पर्यटनीय महत्व पर प्रकाश डाला । उनके अनुसार जिला प्रशासन के द्वारा एक टूरिस्ट गाइड का प्रकाशन किया जाना है इस इस टूरिस्ट गाइड के प्रकाशन से जन सामान्य एवं विद्यार्थीगण सागर क्षेत्र के पर्यटनकी दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों से परिचित होंगे एवं पर्यटन के प्रति उनकी रुचि बढ़ेगी
प्राचीन भारतीय इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो . नागेश दुबे के अनुसार ” सागर क्षेत्र पुरातत्व एवं पर्यटन की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है सागर जिले में अनेक स्थान पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है । इन स्थानों में पर्यटन संबंधी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाना आवश्यक है । इसके साथ ही टूरिस्ट गाइड के प्रकाशन से सागर जिले में स्थित इन जिले में स्थित इन अतिमहत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों के संबंध में जन सामान्य एवं विद्यार्थियों में रुचि बढ़ेगी । इस टूरिस्ट गाइड से इन पर्यटन स्थलों में किस प्रकार पहुंचाजा सकता है। पर्यटन स्थलों के धार्मिक एवं ऐतिहासिक तथा पुरातात्विक दृष्टि से इनके महत्व पर प्रकाश पड़ेगा । सागर जिले में एरण,गढ़पेहरा , धामोनी ,राहतगढ़, खिमलासा ,आबचंद, खानपुर, रहली का सूर्य मंदिर , जैन मंदिर ,पंडरीनाथ का मंदिर, रानगिर का हरसिद्धि मंदिर , टिकीटोरिया का देवी मंदिर, सागर नगर में स्थित सागर झील, सागर का किला एवं सागर में स्थित विभिन्न मंदिर, विश्वविद्यालय नौरादेही अभ्यारण आदि अनेक स्थल पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। जो की सागर जिले के पर्यटन को विकसित करने में महत्वपूर्ण हो सकते हैं ।” ई. एम.आर.सी. के निर्देशक डॉक्टर पंकज तिवारी ने सागर झील पर धर्म सागर झील के महत्व पर प्रकाश डाला ।इस झील को भी पर्यटन का एक मुख्य स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है।इंक मीडिया के निर्देशक डॉक्टर आशीष द्विवेदी ने सागर की शान डॉक्टर हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “विश्वविद्यालय परिसर को पर्यटन की दृष्टि से महत्व प्रदान किया जा सकता है।यहां स्थित विभिन्न विभाग, संग्रहालय, बोटैनिकल गार्डन ,प्रयोगशालाएं एवं इस विश्वविद्यालय के सुंदर एवं प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण परिसर को भी पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा सकता है ।” प्राचीन भारतीय इतिहास विभाग के डॉक्टर मशहूर अहमद कादरी ने सागर क्षेत्र की शैलचित्रकला के विविध स्थलों जैसे – आबचंद, रानगिर, गौरीदांत, नरयावली ,खानपुर, मढैयागौड आदि अनेक स्थल शैलचित्रों से चित्रित शैलाश्रयों के लिए प्रसिद्ध हैं। जिनमें पर्यटन की संभावनाएं विद्यमान हैं। व्यवसाय प्रबंधन विभाग की डॉक्टर ने विचार व्यक्त किया कि सागर क्षेत्र में पर्यटन हेतु अनेक सुविधाऐं विकसित की जानी आवश्यक हैं। टूरिस्ट गाइड निश्चित रूप से इसमें महत्वपूर्ण सिद्ध होगी इस बैठक निर्णय लिया गया कि जिला प्रशासन एवं विश्वविद्यालय के सहयोग से टूरिस्ट गाइड एवं अन्य प्रयास आगे भी किए जाएंगे ।जिनसे सागर क्षेत्र के पर्यटन से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान कीं एवं सागर क्षेत्र में पर्यटन को विकसित करने की दिशा में यथा संभव प्रयास किए जाएंगे।