केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने राहुल गांधी को जमकर आड़े हाथों लिया, गांधी परिवार को घेरा

राहुल गांधी द्वारा विदेश की धरती पर भारत का उपहास देश की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी – डॉ. वीरेन्द्र कुमार 

सागर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता टीकमगढ़ संसदीय क्षेत्र से सांसद एवं भारत सरकार के केन्द्रीय मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने धर्मश्री स्थित पार्टी कार्यालय में पत्रकार वार्ता के माध्यम से पत्रकारों से चर्चा की। पत्रकारवार्ता के दौरान भाजपा जिला अध्यक्ष गौरव सिरोठिया, नरयावली विधायक प्रदीप लारिया, जय प्रकाश चतुर्वेदी, वृन्दावन अहिरवार, रामबिहारी चौरसिया, भाजपा प्रदेश पेनलिस्ट प्रवक्ता प्रदीप राजौरिया, पूर्व विधायक सोनाबाई अहिरवार, शैलेन्द्र ठाकुर पार्षद, जिला मीडिया प्रभारी श्रीकांत जैन, आलोक केशरवानी साथ में रहे। पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा केन्द्रीय मंत्री वीरेन्द्र कुमार ने कहा कि राहुल गांधी ने अपनी हालिया अमेरिकी यात्रा के दौरान कहा कि वह ‘आरक्षण हटा देंगे। ये वही धुन है जो राहुल गांधी का परिवार नेहरू के जमाने से गाता आ रहा है।

कांग्रेस पार्टी ने 57 वर्षों तक देश पर शासन किया, लेकिन इस दौरान दसने अपने राजनीतिक उद्देश्यों को साधने के लिये संवैधानिक प्रक्रियाओं का दुरूप्योग किया और सामाजिक उद्देश्यों की उपेक्षा की। कांग्रेस ने कभी भी संविधान क मूलभूत आरक्षण सिद्धांतो को सही भावना और रूप में लागू करने की राजनीतिक इच्छा शक्ति नहीं दिखाई।

जवाहरलाल नेहरू

नेहरू सरकार ने 1956 में पिछड़े वर्गों को आरक्षण देने की काका कालेकर रिपोर्ट को खारिज कर दिया। नेहरू ने 1961 में मुख्य मंत्रियों को पत्र लिखकर कहा कि आरक्षण से अक्षमता और दोयम दर्जे का मानक पैदा होता है।

नेहरू ने डॉ. अंबेडकर के सामाजिक व राजनैतिक जीवन को समाप्त करने का षडयंत्र किया। 1952 में लोकसभा चुनाव और 1954 में लोकसभा उपचुनाव में डॉ. अंबेडकर को हराने का पाप किया।

धारा 370 और 35 अ को समाप्त कर जम्मू कश्मीर के अनुसूचित जाति वर्ग को 70 वर्ष बाद सामाजिक न्याय व सम्मान देने का काम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने किया।

इंदिरा गांधी

-1975 में इंदिरा गांधी जी ने आपातकाल लगाकर संविधान की आत्मा को कुचला था।

इंदिरा गांधी ने मंडल आयोग की रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डालकर ओबीसी आरक्षण में देरी की।

-1966 से 1977 तक संविधान में 25 बार संशोधन हुआ। 42 वें संशोधन में 41 अनुच्छेदों में संशोधन और 11 नए अनुच्छेद जोड़े गये। 2014 के बाद मोदी जी कार्यकाल में संविधान में केवल आठ बार संशोधन हुआ था, यह अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुये किया गया था।

कुछ महत्वपूर्ण संशोधन निम्नलिखित है:

• 2017 में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) को संवैधानिक दर्जा दिया गया।
• 2019 में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ई. डब्ल्यू, एस.) के लिये आरक्षण की शुरूआत

• 2019 में वित्त आयोग और संविधान की छठी अनुसूची से संबंधित प्रावधानों में संशोधन।

• 2019 में लोकसभा और विधानसभाओं में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (एससी / एसटी)

आरक्षण का 10 वर्षों के लिये विस्तार किया गया।

• 2021 में राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों का अपनी ओबीसी सूची में परिवर्तन करने का अधिकार प्रदान किया गया।

राजीव गांधी

– राजीव गांधी ने मंडल आयोग की रिपोर्ट का विरोध किया और 1990 में लोकसभा में आरक्षण का पुरजोर विरोध किया और मुसलमानों को आरक्षण देने की वकालत की, जो बाबा साहेब के मूल संविधान के खिलाफ था।

अल्पसंख्यक संस्थान और आरक्षण

– जामिया मिलिया (2011) और एएमयू (1981) जैसे सरकारी सहायता प्राप्त संस्थानों को अल्पसंख्यक संस्थानों के रूप में वर्गीकृत किया गया, जिससे अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ों को आरक्षण देने से इनकार कर दिया गया।

93 वें संवैधानिक संशोधन (2005) के तहत अल्पसंख्यक संस्थानों को आरक्षण प्रदान करने से छूट दी गई। इस एक कदम से सैकड़ों संस्थानों से पिछड़े समुदायों के अधिकार छी लिय गये।

संविधान

देश 1947 में आजाद हुआ, 57 वर्ष केन्द्र में कांग्रेस सरकार रहते हुये संविधान दिवस नहीं बनाया गया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2015 से शासकीय स्तर पर संविधान दिवस मनाना चालू किया। उसके बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2015 में संसद के दोनों सदनों में संविधान पर चर्चा कराने का निर्ण किया, जिसका कांग्रेस ने विरोध किया।

2010 मे, जब संविधान के 60 वर्ष पूरे हुये, तो गुजरात में अपने कार्यकाल के दौरान, तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने संविधान गौरव यात्रा आयोजित की। इस यात्रा में संविधान की प्रति को हाथी के मस्तक पर रखकर पूरे शहर में निकालकर सम्मानित किया गया।

कांग्रेस ने संविधान को अपनाने के बाद 90 मौकों पर निर्वाचित सरकारों को बर्खास्त करने के लिये अनुच्छेद 356 का दुरूपयोग किया, जिससे संविधान का मजाक उड़ाया गया।

डॉ. अंबेडकर और संविधान सभा ने संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण को मान्यता नहीं दी थी, फिर भी OBC कोटा से आंध्र प्रदेश में 4% केरल में 8% और तमिलनाडू में 3.5% आरक्षण मुस्लिम समुदाय को देकर संविधान का उल्लंघन किया।
कांग्रेस पार्टी ने डॉ. अंबेडकर का अपमान किया

कांग्रेस ने अपनी सरकारों में कभी भी बाबा साहेब का तैल चित्र संसद में नहीं लगने दिया न ही उन्हें कभी भारत रत्न देने का विचार किया।

पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने ‘कल्याण मंत्रालय’ को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय’ के रूप में बदला। उन्होंने कहा कि एक असमान समाज में जहां अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग अभी भी ऐतिहासिक अक्षमताओं से पीड़ित है, वे जो चाहते है वह सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण है, न कि केवल कल्याण, मंत्रालय का नाम बदलने का हमारा निर्णय कल्याण की अवधारणा की तुलना में समानता और सामाजिक-आर्थिक मुक्ति के मूल्यों के प्रति एक मजबूत प्रतिबद्धता द्वारा निर्देशित है।

बाबासाहब के जीवन से जुड़े सभी ऐतिहासिक स्थलों को केवल भूमि व स्थल न मानकर अपितु उनको तीर्थ स्थल का सम्मान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार ने दिया। बाबा साहेब के जीवन से जुड़ी पांच महत्वपूर्ण स्थानों को भाजपा सरकारों ने विकसित किया। पंचतीर्थ में महू में डॉक्टर अंबेडकर की जन्मभूमि लंदन में शिक्षा भूमि, नागपुर में दीक्षा भूमि, दिल्ली का महापरिनिर्वाण स्थल मुंबई में चैत्य भूमि शामिल है।

पूर्व प्रधानमंत्री माननीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी एवं पूर्व उप प्रधानमंत्री श्री लालकृष्ण आडवाणी जी के प्रयास से ही 1990 में बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर को भारत रत्न से सम्मनित किया गया। अनुसूचित जाति पर अध्ययन, अनुसंधान, विश्लेषण और नीति निर्माण करने के लिये डॉ. अंबेडकर अंतराष्ट्रीय केंद्र की स्थापना माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2017 में की बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर को स्मरण करते हुये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भीम ऐप का शुभारंभ किया, जिससे निम्न, मध्यम वर्ग के व्यापारियों, किसानों, गरीबों को ताकत प्रदान की गयी।

कांग्रेस ने 57 वर्षों तक देश पर शासन किया है लेकिन नागरिकों को बिजली, पानी, बैंक, खाते, शौचालय, घर आदि जैसी बुनियादी सेवाएं प्रदान नहीं की गई। हमारी सरकार ने पिछले वर्षों में बाबासाहेब के सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र के दृष्टिकोण को पूरा करने का प्रयास किया है।

पत्रकार वार्ता में भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने अपने विभाग के संबंध में बताते हुये कहा कि 2047 में देश को विकसित राष्ट्र बनाने के मामले में मेरे विभाग ने भी बड़चड़कर कार्य योजना बनाई सबका साथ, सबका विकास में देश के दिव्यांग लोग भी भूमिका निभायें यह हमारे विभाग की प्राथमिकता है अभी हाल ही में देहरादून में विज्ञान के क्षेत्र में दिव्यांगों की भूमिका को लेकर सफल प्रयाश हो चुके है इसी तरह विभाग द्वारा दिव्यांग जनों के उपकरण निर्माण की इकाई का पुर्ननिर्माण कर उच्च गुणवत्ता के दिव्यांग उपकरण देश में भी बनाये जा रहे है।

केन्द्रीय मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने बताया कि सामाजिक न्याय, अधिकारिता विभाग शिक्षा के लिये समर्थन नशा मुक्त अभियान आदर्श ग्राम की पहल, किफायती ऋण योजना, सफाई कर्मियों का कल्याण,
नमस्ते स्कीम, ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को एकीकृत करना, वरिष्ठ नागरिक कल्याण, भिक्षावृत्ति मुक्त राष्ट्र के लिये स्माइल पहल, विमुक्त, घंमंतू और अर्ध घुमंतू समुदायों का सशक्तिकरण सहित बड़े पैमाने पर पूरे देश में योजनायें चलाकर सामाजिक न्याय विभाग के अंतर्गत आने वाले लोगों को सशक्त एवं सक्षम बनाने की दिशा में बड़े पैमाने पर योजनाओं का कियान्वयन किया जा रहा है।

उक्ताशय की जानकारी भाजपा प्रदेश पेनलिस्ट प्रवक्ता प्रदीप राजौरिया ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी

प्रेसवार्ता का संचालन भाजपा प्रदेश पेनलिस्ट प्रवक्ता प्रदीप राजौरिया एवं आभार जिला मीडिया प्रभारी श्रीकांत जैन ने व्यक्त किया।

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