रिहायशी इलाके में पहुंचा छह फीट लंबा मगरमच्छ,दहशत में आए ग्रामीण
दमोह जिले की इमलिया चौकी अंतर्गत ग्राम खजुरिया में 6 फीट लंबा मगरमच्छ दिखने के बाद हड़कंप मच गया। मगर डैम से निकालकर रिहायशी इलाके में आ गया था। इमलिया चौकी प्रभारी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों के साथ मिलकर आसपास घेरा बंदी कर वन विभाग को सूचित किया गया। जिसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन कर उसे सुरक्षित तालाब में छोड़ा गया। जिसके बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। जानकारी के अनुसार इमलिया चौकी के राजा पटना गांव के नजदीक खजुरिया गांव में सुबह सुबह यह मगरमच्छ दिखाई दिया जो समीप ही सतधरू डैम से निकलकर ग्रामीण इलाके में आ गया था। जानकारी देते हुए इमलिया चौकी प्रभारी राकेश पाठक ने बताया कि वह अनुविभाग की गश्त पर थे और तारादेही से लौट रहे थे। राजा पटना गांव के समीप पहुंचते ही ग्रामीणों ने उन्हें बताया की सतधरू डैम से 6 फीट लंबा मगरमच्छ गांव में बनी खखरी के समीप बैठा है। वह तत्काल मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों की सहायता से चारों ओर लकड़ी गाड़ दी और वन विभाग को सूचित किया। कुछ देर बाद रेंजर विक्रम चौधरी वन अमले के साथ पिंजरा लेकर मौके पर पहुंचे और रेसक्यू ऑपरेशन कर उसे पिंजरे में बंद कर सिंगोरगढ़ के तालाब में सुरक्षित छोड़ा गया। बता दें कि रिहाइशी इलाके में मगरमच्छ के आने से ग्रामीण भयभीत थे और यदि तत्काल चौकी प्रभारी पाठक मौके पर नहीं पहुंचते तो मगर किसी को भी नुकसान पहुंचा सकता था। जब उसे पिंजरे में कैद कर सुरक्षित इलाके में छोड़ दिया गया तब ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। जानकारी के अनुसार इमलिया चौकी के राजा पटना गांव के नजदीक खजुरिया गांव में सुबह सुबह यह मगरमच्छ दिखाई दिया जो समीप ही सतधरू डैम से निकलकर ग्रामीण इलाके में आ गया था। जानकारी देते हुए इमलिया चौकी प्रभारी राकेश पाठक ने बताया कि वह अनुविभाग की गश्त पर थे और तारादेही से लौट रहे थे। राजा पटना गांव के समीप पहुंचते ही ग्रामीणों ने उन्हें बताया की सतधरू डैम से 6 फीट लंबा मगरमच्छ गांव में बनी खखरी के समीप बैठा है। वह तत्काल मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों की सहायता से चारों ओर लकड़ी गाड़ दी और वन विभाग को सूचित किया। कुछ देर बाद रेंजर विक्रम चौधरी वन अमले के साथ पिंजरा लेकर मौके पर पहुंचे और रेसक्यू ऑपरेशन कर उसे पिंजरे में बंद कर सिंगोरगढ़ के तालाब में सुरक्षित छोड़ा गया। बता दें कि रिहाइशी इलाके में मगरमच्छ के आने से ग्रामीण भयभीत थे और यदि तत्काल चौकी प्रभारी पाठक मौके पर नहीं पहुंचते तो मगर किसी को भी नुकसान पहुंचा सकता था। जब उसे पिंजरे में कैद कर सुरक्षित इलाके में छोड़ दिया गया तब ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।