नाबालिग के साथ जबरन दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 10 वर्ष सश्रम कारावास एवं पॉच हजार रूपये अर्थदण्ड

नाबालिग के साथ जबरन दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 10 वर्ष सश्रम कारावास एवं पॉच हजार रूपये अर्थदण्ड

सागर। नाबालिग के साथ जबरन दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त शिवम उर्फ शुभम पिता राजा वासुदेव को द्वितीय अपर-सत्र न्यायाधीश, देवरी जिला-सागर की अदालत ने पाक्सों एक्ट की धारा- 3/4 के अंतर्गत दोषी करार देते हुये भा.द.वि. की धारा- 376 (2) के तहत 10 वर्ष सश्रम कारावास एवं पॉच हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया। न्यायालय द्वारा बालिका को क्षतिपूर्ति के रूप में युक्तियुक्त प्रतिकर 1,00,000/- (एक लाख रूपये) दिये जाने का आदेश दिया गया। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्ग दर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी  वंदा चौहान ने की ।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि षिकायतकर्ता/पीड़िता ने थाना देवरी में इस आषय की रिपोर्ट लेख कराई कि दिनांक 15.02.2018 को दिन में लगभग 3.30 बजे पीड़िता पानी भरने जा रही थी, तभी अभियुक्त उसे रास्ते में मिला और उसका रास्ता रोककर जबरदस्ती उसका हाथ पकड़कर अपने दोस्त के घर के अंदर ले गया। उस समय घर में कोई नहीं था। अभियुक्त ने पीड़िता को घर के अंदर ले जाकर उसके साथ जबजस्ती दुष्कर्म किया । घटना उपरांत पीड़िता ने अपने घर आकर अपनी मॉ को पूरी घटना बताई उसके बाद वह थाने पर रिपोर्ट कराई आई। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-देवरी द्वारा भादवि की धारा-342, 376 (2)भा.दं.सं. एवं धारा 3/4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजो को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत द्वितीय अपर-सत्र न्यायाधीश, देवरी जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित कियाहै।

 

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