दिग्विजय सिंह को कोर्ट का नोटिस, विधायक पर कालाबाजारी के आरोप पर सुनवाई 21 जुलाई को 

दिग्विजय सिंह को कोर्ट का नोटिस, विधायक पर कालाबाजारी के आरोप पर सुनवाई 21 जुलाई को 

जबलपुर। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जबलपुर स्थित एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष मजिस्ट्रेट डीपी सूत्रकार ने उन्हें एक मामले में नोटिस जारी किया है। यह मामला भाजपा विधायक सुशील तिवारी ‘इंदू’ की छवि धूमिल करने से जुड़ा है, जिसमें अगली सुनवाई 21 जुलाई को तय की गई है।

क्या है मामला ?

भाजपा विधायक सुशील तिवारी ‘इंदू’ की ओर से कोर्ट में यह आरोप लगाया गया है कि दिग्विजय सिंह ने 15 मई 2024 को एक पत्रकार वार्ता के दौरान यह बयान दिया था कि “पनागर क्षेत्र में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत आने वाला 50-60 प्रतिशत अनाज कालाबाजारी कर खुले बाजार में बेचा जा रहा है।”

यह बयान विधायक तिवारी के अनुसार न केवल उनकी साख को नुकसान पहुंचाने वाला था, बल्कि इससे मतदाताओं के बीच उनकी छवि भी खराब हुई और चुनावी नुकसान की आशंका जताई गई। इस प्रेस वार्ता को इंटरनेट मीडिया पर भी साझा किया गया था, जिससे बात और ज्यादा फैली।

विधायक के वकीलों की दलील

परिवादी की ओर से अधिवक्तागण अभिजीत अवस्थी, जय कुमार द्विवेदी और रोहित रघुवंशी ने कोर्ट में कहा कि यह बयान दुर्भावनापूर्ण था और पूरी तरह से विधायक की छवि को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से दिया गया था। उन्होंने अदालत से निवेदन किया कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNS) 2023 के अनुसार दिग्विजय सिंह को कोर्ट में सुनवाई के लिए बुलाया जाए।

कोर्ट का रुख

कोर्ट ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 223 के तहत मामले को गंभीरता से लेते हुए दिग्विजय सिंह को नोटिस जारी कर उन्हें सुनवाई में उपस्थित होने का निर्देश दिया है। मामले की सुनवाई 21 जुलाई को निर्धारित की गई है।

कोर्ट में परिवादी के गवाह गौरव कोरी का कथन दर्ज कर लिया गया है। इससे पहले परिवादी सुशील तिवारी और सोहेल फैजल खान के बयान भी कोर्ट में दर्ज हो चुके हैं। परिवादी पक्ष ने अब साक्ष्य समाप्त घोषित करते हुए दस्तावेजी प्रमाण भी प्रस्तुत कर दिए हैं।

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