‘स्वस्थ यकृत मिशन’ की शुरुआत, नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर की जांच के लिए चलेगा विशेष अभियान
सागर। मध्यप्रदेश सरकार की ‘स्वस्थ यकृत मिशन’ योजना के अंतर्गत सागर संभाग में 2 जून से व्यापक स्क्रीनिंग अभियान की शुरुआत की गई है। इस अभियान का उद्देश्य 30 से 65 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों में नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर डिज़ीज़ (NAFLD) की समय पर पहचान कर इलाज उपलब्ध कराना है।
मिशन के तहत मोटापा, मधुमेह, हाई बीपी, थायराइड, हाई कोलेस्ट्रॉल और स्थिर जीवनशैली जैसे जोखिम कारकों वाले व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, स्क्रीनिंग के लिए तीन प्रमुख मानदंडों—कमर की चौड़ाई (पुरुषों में 90 सेमी व महिलाओं में 80 सेमी से अधिक), बॉडी मास इंडेक्स (BMI) और डायबिटीज—का उपयोग किया जाएगा।
इस मिशन की राज्य स्तरीय शुरुआत 21 मई को भोपाल में मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री द्वारा की गई थी। उसके बाद 1 जून से पूरे प्रदेश में यह कार्यक्रम लागू हुआ। सागर जिले में इसका संचालन जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और उप-स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से किया जा रहा है।
डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को मिलेगा प्रशिक्षण*
क्षेत्रीय संचालक डॉ.नीना गिडियन ने बताया कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए जिले के डॉक्टरों, स्टाफ नर्सों, ANM और आशा कार्यकर्ताओं को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। डॉ. जितेंद्र सराफ एवं डॉ संतोष पटेल, जिन्होंने भोपाल में प्रशिक्षण प्राप्त किया है, अब वे सागर में प्रशिक्षण दें रहे है।
लक्षणों की अनदेखी न करें
विशेषज्ञों के अनुसार, नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर डिज़ीज़ के प्रारंभिक चरण में कोई विशेष लक्षण नहीं होते, लेकिन समय पर पहचान न होने पर यह लिवर सिरोसिस और कैंसर जैसी गंभीर स्थितियों में बदल सकता है। इसके लिए समय रहते जांच और परामर्श जरूरी है।
लाभार्थियों को मिलेगा मुफ्त इलाज और परामर्श*
इस योजना के अंतर्गत चिन्हित मरीजों को आवश्यक दवाइयां, परामर्श, फॉलोअप और जीवनशैली में बदलाव हेतु मार्गदर्शन मुफ्त में उपलब्ध कराया जाएगा।
क्या होता है फैटी लीवर?
फैटी लीवर, यानी यकृत में अत्यधिक वसा (Fat) का जमा हो जाना, एक ऐसी स्थिति है जो बिना लक्षणों के भी शरीर को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचा सकती है। यह मुख्यतः दो प्रकार का होता है:
अल्कोहोलिक फैटी लिवर डिज़ीज़ (AFLD)– अत्यधिक शराब सेवन के कारण।
नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर डिज़ीज़ (NAFLD) – शराब न पीने वालों में मोटापा, डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल आदि कारणों से।
स्वास्थ्य विभाग ने अपील की है कि 30-65 आयु वर्ग के सभी लोग, विशेष रूप से मोटापे, मधुमेह और हाई बीपी से ग्रसित व्यक्ति, निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर यकृत की जांच अवश्य कराएं।
गजेंद्र सिंह✍️