लोकायुक्त की दो बड़ी कार्रवाई: सरपंच और प्राचार्य रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार
जबलपुर। लोकायुक्त पुलिस ने गुरुवार को भ्रष्टाचार के दो अलग-अलग मामलों में कार्रवाई करते हुए एक सरपंच और एक संकुल प्राचार्य को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
पहली कार्रवाई में ग्राम पंचायत डूडी के सरपंच गोपीचंद कोल को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा गया। सरपंच ने संबल योजना के तहत सहायता राशि दिलाने के एवज में एक विधवा महिला से 35 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। वहीं दूसरी कार्रवाई में शासकीय हाई स्कूल मोहास बरगी में पदस्थ संकुल प्राचार्य जिनेश कुमार जैन को 4 हजार रुपए लेते हुए गिरफ्तार किया गया। उन्होंने शिक्षक की क्रमोन्नति फाइल आगे बढ़ाने के बदले में यह रकम मांगी थी।
संबल योजना की सहायता राशि के लिए मांगे थे 35 हजार रुपए
ग्राम पंचायत डूडी, मझौली निवासी धनिया बाई पटेल के पति की मृत्यु दो साल पहले हो चुकी है। उन्हें संबल योजना के तहत दो लाख रुपए की सहायता राशि मिलनी थी, लेकिन इसके लिए जरूरी दस्तावेजों को तैयार करने के बदले सरपंच गोपीचंद कोल ने 35 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की। महिला ने इसकी शिकायत 6 मई को जबलपुर लोकायुक्त कार्यालय में दर्ज कराई।
जांच में शिकायत सही पाए जाने पर गुरुवार को केनरा बैंक, धनगंवा शाखा के पास धनिया बाई द्वारा दी गई पहली किश्त – 10 हजार रुपए – लेते ही लोकायुक्त टीम ने गोपीचंद को रंगे हाथ पकड़ लिया। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन 2018) की धारा 7, 13(1)(B), 13(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
क्रमोन्नति के बदले मांगे पांच हजार, चार हजार लेते हुए धरे गए प्राचार्य
दूसरे मामले में शिक्षक मदन सिंह पंद्रो, जो प्राथमिक शाला चूल्हा घाटी बरगी में पदस्थ हैं, ने लोकायुक्त से शिकायत की थी कि संकुल प्राचार्य जिनेश कुमार जैन ने क्रमोन्नति फाइल वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचाने के लिए 5 हजार रुपए की मांग की है।
शिकायत की पुष्टि होने के बाद 8 मई को शास्त्री नगर स्थित सगड़ा चौराहा पर लोकायुक्त टीम ने जैन को 4 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। उनके खिलाफ भी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है।
लोकायुक्त की इन ताबड़तोड़ कार्रवाइयों से सरकारी महकमे में हड़कंप मच गया है।