सागर में बैंक अधिकारी द्वारा 82.44 लाख रु की धोखाधड़ी मामलें में EOW ने की FIR
सागर (मध्य प्रदेश): बैंक ऑफ बड़ौदा की सिरोंजा शाखा, जिला सागर में केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) लोन के नाम पर 82.44 लाख रुपये की बड़ी धोखाधड़ी सामने आई है। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) सागर द्वारा इस मामले में बैंक अधिकारी समेत 14 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में आपराधिक प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
ईओडब्ल्यू को प्राप्त शिकायत के अनुसार, तत्कालीन शाखा प्रबंधक अर्चना बाघमारे ने अपने सहयोगियों गजेन्द्र सिंह, कमलेश अहिरवार और अन्य निजी व्यक्तियों के साथ मिलकर केसीसी लोन की स्वीकृति में भारी अनियमितताएं कीं। जांच में सामने आया कि खसरा बी-1 में फर्जीवाड़ा करते हुए कृषि भूमि का अधिक रकबा और व्यावसायिक फसलें दर्शाई गईं, जिससे पात्रता के मानकों के विपरीत लोन स्वीकृत किया गया।
इसके अलावा लोन स्वीकृति से पूर्व निरीक्षण और दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया में भी नियमों को ताक पर रखकर कार्य किया गया। बैंक के अधिकृत अधिवक्ता के बजाय एक अन्य अधिवक्ता व्ही.एस.जे.बी. राणा उर्फ वीणू राणा से सत्यापन रिपोर्ट प्राप्त की गई, जिन्होंने कूटरचित दस्तावेजों को प्रमाणित किया।
ईओडब्ल्यू की प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि बैंक अधिकारियों और निजी व्यक्तियों ने मिलकर जानबूझकर बैंक को आर्थिक क्षति पहुँचाई और स्वयं को अवैध लाभ पहुंचाया।
इस मामले में अर्चना बाघमारे, गजेन्द्र सिंह, कमलेश अहिरवार, वीणू राणा के साथ-साथ दौलत सिंह, प्रेमलाल कुर्मी, बल्वेद सिंह, कामता सिंह, राघवेन्द्र सिंह, विजय सिंह, लीलाधर सिंह, पंचम सिंह, रामप्रसाद साहू, हरिबाई और रघुराज घोषी के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13(1)(B), 13(2) (संशोधित 2018) तथा आईपीसी की धारा 420, 409, 467, 468, 471, 120बी के तहत मामला दर्ज किया गया है।
ईओडब्ल्यू ने स्पष्ट किया है कि विवेचना के दौरान यदि अन्य व्यक्तियों की संलिप्तता सामने आती है, तो उनके विरुद्ध भी वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।