श्रीमद्भागवत महापुराण के छठवें दिन कथा व्यास देवराज दीक्षित ने कृष्ण और सुदामा के प्रसंग का वर्णन किया

यादव परिवार द्वारा आयोजित संगीतमयी श्रीमद् भागवत महापुराण के छठवें दिन कथा व्यास देवराज दीक्षित ने भगवान श्री कृष्ण और मित्र सुदामा के प्रसंग का मनोहारी वर्णन किया।

देवरी कला। ग्राम रिछई में यादव परिवार द्वारा आयोजित संगीतमयी श्रीमद् भागवत महापुराण के छठवें दिन कथा व्यास देवराज दीक्षित ने भगवान श्री कृष्ण और मित्र सुदामा के प्रसंग का मनोहारी वर्णन किया।
उन्होंने कहा कि कभी भी गुरु से कपट नहीं करना चाहिए और मित्र से चोरी नहीं करना चाहिए एवं मंदिर की एवं भाई की संपत्ति को कभी भी नहीं खाना चाहिए।
जो मनुष्य गुरु से कपट करता है भाई की संपत्ति खा लेता है मंदिर की संपत्ति खा लेता है उसे कभी जीवन में सुख नहीं मिलता है और वह कभी भी सफल नहीं होता है ।वह दरिद्र हो जाता है। उन्होंने जरासंध वध की कथा सुनाई। इस दौरान भगवान श्री कृष्णा और रुक्मणी के विवाह की जीवंत सुंदर झांकी सजाई गई। कथा के मुख्य यजमान दशरथ पत्नी कुसुम बाई यादव, देवेंद्र यादव, सहित बड़ी संख्या में उपस्थित ग्रामीणों ने कथा का रसपान किया।

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