शिव की उपासना से मनुष्य पापों व संतापों से इसी जन्म में मुक्ति पा सकता हैं- गृहस्थ संत केशव गिरी

शिव की उपासना से मनुष्य पापों व संतापों से इसी जन्म में मुक्ति पा सकता हैं- गृहस्थ संत केशव गिरी
बंडा। ब्रह्मलीन गृहस्त संत पंडित देव प्रभाकर शास्त्री दद्दा जी महाराज के कृपा पात्र एवं श्री राम दरबार मंदिर के महंत केशव गिरी महाराज के पावन सानिध्य में नो कुंडीय श्री रुद्र महायज्ञ, पार्थिव शिवलिंग निर्माण श्री महारुद्राभिषेक व श्री शिव महापुराण सत्संग एवं कन्या विवाह का विश्व राष्ट्र कल्याण की भावनाओं को लेकर भव्य धार्मिक आयोजन धर्म नगरी बंडा में पवित्र माघ माह में चल रहे कार्यक्रम में महाराज जी ने कहा कि माता-पिता की भक्ति से बड़ा कोई धर्म नहीं होता, श्रद्धेय केशव गिरी जी महाराज ने, कहा कि अगर आपको ब्रह्मा विष्णु और महेश, त्रिदेवों का दर्शन करना है। तो आप माता और पिता के चरित्र को देखिए, तीनों देवों के दर्शन आप माता-पिता के जीवन चरित्र को देखकर करेंगे। और पूज्य श्री ने बताया की शिव महापुराण की कथा को सुनने से, बड़े से बड़ा, पापी भी मोक्ष को प्राप्त करता है। यदि अज्ञान वस भी आप शिव चरित्र को श्रवण कर लें तो आपके कानों में पड़ा हुआ शिव पुराण का एक शब्द भी आपको मुक्ति देने में समर्थ है। और देवराज नाम के ब्राह्मण की कथा पूज्य महाराज जी ने शिव पुराणके माहात्म्य के अंतर्गत श्रवण कराई,वर्तमान दौर में ऐसा कोई मनुष्य नहीं है जो दुखी न हो, लेकिन इसका मतलब यह नहीं होता है कि हम भगवान का स्मरण करना ही छोड़ दें। जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहेंगे। भगवान शिव का नाम स्मरण करने मात्र से हर एक विषम परिस्थिति को पार किया जा सकता है। मनुष्य अगर शिव का इतना सा भी पूजन कर लें तो पाप कर्मों से सहज मुक्ति प्राप्त हो जाती है। शिव के सिर पर गंगा है, उनके सिर पर चंद्रमा विराजते हैं इसलिए उन्हें चंद्रमौलि कहते है। शिव की आराधना, साधना, उपासना से मनुष्य अपने पापों एवं संतापों से इसी जन्म में मुक्ति पा सकता है।उन्होंने कहा कि शिव महापुराण कथा श्रवण करने पर दुख से मुक्ति, जीवन जीने की युक्ति, शक्ति और प्रभु की भक्ति प्राप्त होती है। जो जीवात्मा भगवान के सम्मुख रहता है, नाम जप करता है, वह सभी पापों से मुक्त हो जाता है। शिव आराधना से ज्ञान, वैराग्य, क्षमा एवं भक्ति की प्राप्ति होती है। शिव की कृपा से ही सत्संग की समृद्धि मिलती है। आयोजक मंडल ने बताया कि प्रातः 8:00 बजे से शिवलिंग प्रारंभ हुआ आज करीब 500 से अधिक कोपरो में पार्थिव शिवलिंगों का निर्माण हुआ। 2000 से अधिक भक्तों ने यज्ञ कुंड में आहुतियां प्रदान की। कार्यक्रम के द्वारान के दौरान क्षेत्र के प्रतिष्ठित गणमान्य नागरिक एवं वरिष्ठ जन उपस्थित रहे।

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