भीख देने पर लगेगा जुर्माना,चौराहों और मंदिरों के बाहर पुलिस रखेगी नजर
भोपाल को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने की कवायद शुरू, तीन हजार भिखारियों का पुनर्वास होगा
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल को भिक्षावृत्ति मुक्त शहर बनाने के लिए समाज कल्याण विभाग ने बड़ा कदम उठाया है। शहर में तीन हजार भिखारियों को चिह्नित किया गया है, जिनका पुनर्वास किया जाएगा। इनमें से 200 भिखारियों की विस्तृत प्रोफाइल तैयार कर ली गई है। अब प्रशासन ने भिक्षावृत्ति रोकने के लिए भीख देने वालों पर जुर्माना लगाने की योजना बनाई है।
भिक्षुक गृह का प्रस्ताव
मध्य प्रदेश सामाजिक न्याय विभाग ने शहर में भिक्षुक गृह बनाने का प्रस्ताव दिया है, जिसे गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) की मदद से संचालित किया जाएगा।
पुनर्वास की योजना:
आदतन भिखारियों को भिक्षुक गृह में रखकर सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा।
रोजगार के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।
पुनर्वास के बाद वे अपनी मेहनत की कमाई से खुद और अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकें।
141 भिखारी गोविंदपुरा क्षेत्र में
भोपाल के कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के अनुसार, शहर में सबसे अधिक 141 भिखारी गोविंदपुरा क्षेत्र में पाए गए हैं। टीटी नगर, एमपी नगर, हुजूर और कोलार सर्कल क्षेत्र में भी भिखारियों की पहचान की गई है।
आधार कार्ड की समस्या
कई भिखारी और उनके बच्चे ऐसे हैं, जिनके पास आधार कार्ड तक नहीं हैं। इससे उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ने में मुश्किल हो रही है।
भीख देने वालों पर नजर और जुर्माना
शहर में भिक्षावृत्ति को हतोत्साहित करने के लिए पुलिस, नगर निगम और प्रशासन की संयुक्त टीम बनाई गई है।
पहले समझाइश: भीख देने वालों को पहले समझाया जाएगा।
जुर्माना: समझाने के बाद भी यदि लोग नहीं माने, तो उन पर जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी।
इंदौर मॉडल का अनुसरण
इंदौर में पहले ही भिक्षावृत्ति मुक्त शहर बनाने के लिए कदम उठाए जा चुके हैं।
सार्वजनिक स्थानों पर भीख मांगने वालों और देने वालों पर जुर्माना लगाया गया।
बार-बार समझाने के बाद भीख मांगने वालों को भिक्षुक गृह भेजा गया।
शहर में जागरूकता अभियान चलाया गया, जिसमें एनजीओ की मदद ली गई।
भोपाल को भिक्षावृत्ति मुक्त बनने में लगेगा एक साल का समय
सामाजिक न्याय विभाग के अनुसार, भोपाल को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने में कम से कम एक वर्ष का समय लगेगा। इसके लिए समाज और प्रशासन दोनों को मिलकर प्रयास करना होगा।
आरके सिंह, उपायुक्त, सामाजिक न्याय, भोपाल:
“भिक्षुक गृह बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है। इसे एनजीओ की मदद से संचालित किया जाएगा। महिला बाल विकास विभाग और श्रम विभाग के सहयोग से भिखारियों की पहचान की जा रही है।”
भोपाल में जागरूकता अभियान
शहर को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के साथ, आम लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान भी चलाया जाएगा। इससे न केवल शहर की सूरत बदलेगी, बल्कि भिखारियों का जीवन भी सुधरेगा।
लोगो का मत प्रदेश भर में लागू हो यह नियम
भीख देने पर जुर्माना लगाने वाले नियम की लोगो मे सकारात्मक चर्चा हैं बता दें प्रदेश के इंदौर से शुरू हुआ यह नियम अब उज्जैन भोपाल में भी लागू हो गया हैं अब देखना होगा प्रदेश के अन्य जिलों तक यह नियम कब तक लागू होता हैं और कितनी सख्ती से इसका पालन होता हैं।