मध्यप्रदेश सरकार जल्द शुरू करेगी गर्भवती नाबालिग दुष्कर्म पीड़िताओं और उनके बच्चों की परवरिश योजना
भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने गर्भवती नाबालिग दुष्कर्म पीड़िताओं और उनके बच्चों की परवरिश के लिए नई योजना शुरू करने का निर्णय लिया है। इस योजना के तहत पीड़िताओं को वित्तीय सहायता दी जाएगी और उनके बच्चों की देखभाल की जाएगी। मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस योजना के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।
योजना के मुख्य बिंदु:
यह योजना केंद्र सरकार के निर्देशों के तहत बनाई गई है और इसका संचालन निर्भया फंड से होगा। मिशन वात्सल्य योजना के अंतर्गत, दुष्कर्म पीड़िताओं को 23 साल की उम्र तक या रोजगार मिलने तक (जो भी पहले हो) प्रति माह 4000 रुपये प्रति बच्चा दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री मोहन सरकार ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है, जब प्रदेश में बढ़ती रेप और यौन शोषण की घटनाओं को लेकर विपक्ष कांग्रेस लगातार सरकार की आलोचना कर रही है। इस योजना का उद्देश्य न केवल पीड़िताओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, बल्कि उनके बच्चों की देखभाल और परवरिश भी सुनिश्चित करना है।
पात्रता और कानूनी प्रावधान:
योजना का लाभ केवल उन पीड़िताओं को मिलेगा जो एग्रीगेट पेनिट्रेटिव सेक्शुअल असॉल्ट (APSA) की स्थिति में पॉक्सो एक्ट (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस) की धारा 6 के तहत आती हैं। इस योजना के तहत पीड़िता के पास एफआईआर की कॉपी होना जरूरी नहीं है। योजना का लाभ केवल उन्हीं मामलों में दिया जाएगा जहां रेप के कारण नाबालिग गर्भवती हुई हो।
रेप पीड़िता से जन्मे बच्चों को किशोर न्याय अधिनियम की धारा 27 के तहत बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। इस प्रक्रिया को पुलिस अधिकारी, बाल संरक्षण इकाई के अधिकारी, या अन्य संबंधित अधिकारी द्वारा किया जा सकता है।
राज्य सरकार का कदम:
मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में सरकार ने हर जिले को इस योजना के तहत 10 लाख रुपये आवंटित करने का निर्णय लिया। यह राशि जिलों में कलेक्टर की सहमति से निर्भया फंड से खर्च की जाएगी। प्रदेश के सभी 55 जिलों में यह योजना लागू की जाएगी, जिसमें बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 (संशोधित 2019) की धारा 4 और 6 के तहत पीड़िताओं और उनके बच्चों की देखभाल की जाएगी।
योजना का उद्देश्य:
इस योजना का मुख्य उद्देश्य 18 साल से कम उम्र की रेप पीड़िताओं को पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत संरक्षण देना, उनके सामने आने वाली चुनौतियों को हल करना, और उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इसके साथ ही निर्भया फंड से हर जिले को आवंटित राशि का उपयोग पीड़ितों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए किया जाएगा।