बच्चों को अच्छी शिक्षा और संस्कार मिल सकें इसलिए गांव में खोली इंग्लिश मीडियम स्कूल : कपिल मलैया
विचार समिति द्वारा संचालित निताई प्ले स्कूल ग्राम मनेसिया में बच्चों की मनमोहक प्रस्तुति व योगा के साथ हुआ समर कैंप का समापन
सागर। विचार समिति द्वारा संचालित निताई प्ले स्कूल ग्राम मनेसिया में आठ दिवसीय समर कैंप का मंगलवार को समापन हो गया। कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती पूजन, स्वागत गीत, बच्चों की मनमोहक प्रस्तुती एवं योग के साथ हुई। इस अवसर पर बच्चों ने अपनी प्रतिभा का बेहतरीन प्रदर्शन किया। एक से बढ़कर एक शानदार प्रदर्शन देख अभिभावकों के चेहरों पर प्रसन्नता की झलक दिखाई दी।
समर कैंप में बच्चों को तरह-तरह की गतिविधियों से जोड़ा गया था जैसे- योगा, मेडिटेशन, पौधारोपण, चित्रकला, नृत्य, गायन, पेपर कास्टिंग, फैंसी ड्रेस, कलर भरो प्रतियोगिता, डिस्पोजल गेम्स, फनी गेम्स, खो-खो, कैरम, कबड्डी, कुर्सी दौड़ प्रतियोगिता आदि।
समिति अध्यक्ष कपिल मलैया ने सभी शिक्षकों को गोमय शील्ड, माला, यंत्र से सम्मान किया एवं बच्चों को पुरस्कृत किया। उन्होंने कहा कि मैं शहर में भी स्कूल खोल सकता था लेकिन इंग्लिश मीडियम स्कूल की ज्यादा जरूरत गांव में है ताकि बच्चों को अच्छी शिक्षा और संस्कार मिल सकें। आने वाले वर्षों में इस प्रकार के आयोजन को किस प्रकार और अधिक क्रियाशील, रचनात्मक तथा रोचक बनाया जाए, विद्यालय इसकी योजना में काम करेगा। उन्होंने बच्चों को योग कराते हुए योग के फायदे बताए। उन्होंने बच्चों से कहा कि इस कैंप के माध्यम से आपने आठ दिन में जो सीखा उसे आगे भी बेहतरीन प्रदर्शन करते रहना।
कार्यकारी अध्यक्ष सुनीता अरिहंत ने बताया कि 4 से 15 साल के बच्चों ने इस आयोजन में हिस्सा लिया था। ऐसे आयोजन से बच्चों के भीतर छुपी हुई प्रतिभा को निखार कर सामने लाने में मदद मिलती है। समर कैंप बच्चों को सभी के साथ खुलकर घुलने-मिलने का मौका देता है।
प्राचार्य साक्षी दांगी ने बताया कि समर कैंप में बच्चों को उनकी रुचि के अनुसार खेल और अन्य गतिविधियों का प्रशिक्षण दिया गया। कैंप में बच्चों को बताया गया कि कैसे वह पढ़ाई के साथ-साथ अपनी पसंद के गेम में अपना बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। शिक्षक रागिनी राय, खुशबू चढ़ार, पूजा प्रजापति द्वारा बच्चों को प्रशिक्षण दिया गया था। कार्यक्रम का आभार मोहन पवार ने व्यक्त किया
इस अवसर पर कुंदन लाल रिछारिया, गजराज सिंह राजपूत, सत्यवीर चढ़ार, नरेन्द्र ठाकुर, गजेन्द्र रावत, करतार राय, नन्नूराम चढ़ार, कैलाश कुर्मी, धर्मेन्द्र राय, महेन्द्र विश्वकर्मा, बृजकिशोर चढ़ार, विकास सेन आदि उपस्थित थे।