नाबालिग के साथ दुष्कृत्य करने वाले आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड

नाबालिग के साथ दुष्कृत्य करने वाले आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड

सागर । नाबालिग के साथ दुष्कृत्य करने वाले आरोपी खुच्ची उर्फ जितेंद्र वाल्मीकि को विषेष न्यायाधीष (पाक्सों एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति मिश्रा जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये पॉक्सों एक्ट की धारा-5(एम) सहपठित धारा-6 के तहत 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं तीन हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्षन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी अंजली नायक ने की।

घटना संक्षिप्त में इस प्रकार है कि षिकायतकर्ता/पीड़िता ने थाना में इस आषय की रिपोर्ट लेख कराई कि दिनॉक 25.07.23 को वह कुछ सामान लेने दुकान गई थी तो आरोपी खुच्ची ने अंदर बुलाया और उसके गलत हरकत व छेडछाड़ करने लगा तो वह चिल्लाकर वहॉ से रोते हुये भाग के घर आ गई और अपने मम्मी-पापा को बताया फिर मम्मी पापा के साथ रिपोर्ट करने थाना आई। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना द्वारा भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 376 (एबी), 354 तथा पाक्सो एक्ट की धारा-5(एम)/6, 9(एम)/10 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत विषेष न्यायाधीष (पाक्सों एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति मिश्रा जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया है।

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