नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार संविधान से ‘इंडिया’ शब्द हटाने की योजना बना रही है।
संसद के विशेष सत्र- में सरकार इस संबंध में विधेयक ला सकती है। सूत्रों ने दावा किया कि इससे जुड़े प्रस्ताव की तैयारियां जारी हैं। हाल ही में आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने भी कहा था कि सदियों से हमारे देश का नाम भारत रहा है। उन्होंने लोगों से इंडिया की जगह भारत शब्द का इस्तेमाल करने की अपील भी की थी।
संसद के मानसून सत्र में भाजपा के राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल ने इंडिया शब्द को हटाकर भारत शब्द के इस्तेमाल की मांग की थी। उनका कहना था कि इंडिया शब्द औपनिवेशिक दासता का प्रतीक है। प्रधानमंत्री मोदी ने 25 जुलाई को भाजपा संसदीय दल की बैठक में विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए पर निशाना साधते हुए कहा था कि ईस्ट इंडिया कंपनी और इंडियन नेशनल कांग्रेस का गठन अंग्रेजों ने किया था।
गौरतलब हैं कि सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है, लेकिन इसके एजेंडे की कोई जानकारी नहीं दी है। विशेष सत्र में चंद्रयान-3 और आदित्य एल-1 मिशन समेत हाल में हासिल की गई सफलताओं पर भी चर्चा हो सकती है। साथ ही 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का रोडमैप बनाया जाएगा और इस विषय पर चर्चा भी हो सकती है।