यात्रा के दौरान महिला सुरक्षा हेतु कमांड कन्ट्रोल सेन्टर किया जा रहा स्थापित,
सार्वजनिक परिवहन यानों में व्हीकल लोकेशन ट्रेकिंग डिवाइस तथा इमरजेन्सी बटन लगवाना होगा अनिवार्य
सागर// सार्वजनिक परिवहन के साधनों जैसे बस, टैक्सी, कैब में यात्रा करते समय, महिलाओं एवं बच्चियों की सुरक्षा एक चिन्ता का विषय है। इस संबंध में परिवहन विभाग द्वारा प्रत्येक सार्वजनिक परिवहन यानों में व्हीकल लोकेशन ट्रेकिंग डिवाइस तथा इमरजेन्सी बटन लगाने की अनिवार्यता की गई हैं, जिससे किसी अप्रिय स्थिति में तत्काल सूचना संबधित विभागों पुलिस, परिवहन को प्राप्त होगी एवं तत्काल कार्यवाही की जा सकेगी । वाहनों में स्थापित किये जाने वाली व्हीकल ट्रेकिंग डिवाइस एआई एस-140 मानकों के अनुरूप होने चाहिए ।
परिवहन विभाग द्वारा इन अलर्ट एवं सूचनाओं के लिए अत्याधुनिक मॉनिटरिंग (कमांड कन्ट्रोल) सेन्टर स्थापित किया जा रहा है, जिसका इन्टीग्रेशन सीधा स्टेट इमरजेन्सी रिस्पांस सिस्टम के साथ होगा । इस मॉनिटरिंग सेन्टर की स्थापना के लिये निर्भया फन्ड के अंतर्गत कुल व्यय का 60 प्रतिशत की सहायता केन्द्रीय सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जा रही है शेष 40 प्रतिशत राशि का व्यय मध्यप्रदेश शासन द्वारा किया जाएगा
कमांड कन्ट्रोल सेन्टर स्थापित करने में कुल लागत 15.40 करोड रू है जिसमें से रू 9.24 करोड केन्द्र शासन द्वारा निर्भया फण्ड से सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के माध्यम से उपलब्ध कराये जा रहे है । शेष 6.16 करोड रूपये की राशि का व्यय मध्यप्रदेश शासन द्वारा परिवहन विभाग के माध्यम से किया जायेगा । कमांड कन्ट्रोल सेन्टर में प्राप्त सूचनाओं, अलर्ट को तत्काल ही पुलिस एवं अन्य एजेसीयों के साथ साझा किया जावेगा जिससे तत्काल कार्यवाही की जा सकेगी एवं साथ ही साथ हैल्पडेस्क सुविधा से महिलाओं व बच्चियों द्वारा यात्रा करते समय किसी भी प्रकार के जानकारी प्राप्त की जा सकेगी । इसके अतिरिक्त वाहन मालिक अपनी गाड़ी की रियल टायम लोकेशन जान सकेगे । परिवहन अधिकारी वाहन को जारी परमिट से भिन्न रूट पर वाहन के संचालन करने , समय चक के उल्लंघन पर कार्यवाही कर सकेगें ।
कमांड कन्ट्रोल सेन्टर में सभी वाहनों का रियल टाइम लोकेशन , जियो फेनसंग , रियल टाइम प्लोटिंग तथा कई अन्य मैप आधारित टूल्स उपलब्ध रहेंगे जिनके प्रयोग से तत्काल सहायता पहुचाना संभव रहेगा । कमांड कन्ट्रोल सेन्टर में अलग – अलग प्रकार के ऑटोमेटिक अलर्ट प्राप्त हो सकेंगे । इमरजेंसी अलर्ट किसी आकस्मिक ध् अप्रिय स्थिति में इस प्रकार के अलर्ट कमांड कन्ट्रोल सेन्टर को मिलेंगे । स्पीड वॉयलेशन अलर्ट वाहन के निर्धारित गति से अधिक प स्थिति में इस प्रकार के अलर्ट कमांड कन्ट्रोल सेन्टर को मिलेंगे । सुरक्षित इन अलर्ट के माध्यम से सुनिशचित किया जा सकेगा । जी ई ओ फैंस अलर्ट वाहन के निर्धारित रूट, नगर निगम क्षेत्र सीमा आदि से अलग चलने स्थिति में इस प्रकार के अलर्ट कमांड कन्ट्रोल सेन्टर को मिलेंगे ।
कमांड कन्ट्रोल सेन्टर में 24 घंटे कर्मचारी तैनात रहेंगे। कमांड कन्ट्रोल सेन्टर में तीन माह का पूर्ण रिकार्ड ऑनलाईन संधारित किया जाएगा तथा अलर्ट डाटा का 2 वर्ष का रिकार्ड संधारित किया जाएगा। 2 वर्ष से अधिक का रिकार्ड आर्काइव के रूप में संधारित किया जाएगा।
परिवहन विभाग के उपयोग हेतु व्हीकल ट्रेकिंग डिवाइस की इन्स्टालेषन रिपोर्ट, डिवाईस अप टाईम रिपोर्ट , रूट रिपोर्ट, स्पीड वायलेषन रिपोर्ट एवं किसी वाहन मालिक की फ्लीट रिपोर्ट ऑनलाईन ही उपलब्ध रहेगी। अन्य एजेंसी भी इन रिपोर्टस का प्रयोग विभिन्न प्रक्रियाओं के लिए कर सकेगी।
कमांड कन्ट्रोल सेन्टर की स्थापना के लिए 7 जनवरी को परिवहन विभाग एवं सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। परिवहन विभाग की ओर से परिवहन आयुक्त मुकेष जैन द्वारा तथा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से सुदीप दत्ता ने उक्त एमओयू पर हस्ताक्षर किए। शीघ्र ही कमांड कन्ट्रोल सेन्टर की स्थापना होने के पष्चात यह जन सामान्य की सुविधा हेतु उपलबध होगा एवं महिला सुरक्षा के क्षेत्र में कमांड कन्ट्रोल सेन्टर की स्थापना, मील का पत्थर साबित होगा।
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अब यात्रा के दौरान महिला सुरक्षा के लिए ₹15.40 करोड़ का कमांड कन्ट्रोल सेन्टर होगा स्थापित
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