जानिए तुलसी विवाह और देवउठनी एकादशी पर्व की पूजा विधि शुभमुहूर्त

तुलसी विवाह और देवउठनी एकादशी आज 25 नवंबर 2020, बुधवार को है। कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की एकादशी को श्रीहरि चतुर्मास की निद्रा से जागेंगे। इसीलिए इस एकादशी को देवउठनी एकादशी भी कहते हैं। इस दिन से ही हिन्दू धर्म में शुभ कार्य जैसे, विवाह आदि शुरू हो जाएंगे।

एकादशी तिथि और तुलसी विवाह का समय-एकादशी तिथि प्रारंभ– 25 नवंबर 2020, बुधवार को सुबह 2.42 बजे से एकादशी तिथि समाप्त- 26 नवंबर 2020, गुरुवार को सुबह 5.10 बजे तक द्वादशी तिथि प्रारंभ- 26 नवंबर 2020, गुरुवार को सुबह 5.10 बजे से
द्वादशी तिथि समाप्त- 27 नवंबर 2020, शुक्रवार को सुबह 7.46 बजे तक

एकादशी व्रत और पूजा विधि-
-एकादशी व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करें और व्रत का संकल्प लें.
-इसके बाद भगवान विष्णु की अराधना करें.
-भगवान विष्णु के सामने दीप-धूप जलाएं. फिर उन्हें फल, फूल और भोग अर्पित करें.
-मान्यता है कि एकादशी के दिन भगवान विष्णु को तुलसी जरूर अर्पित करनी चाहिए.
-शाम को विष्णु जी की अराधना करते हुए विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करें.
-एकादशी के दिन पूर्व संध्या को व्रती को सिर्फ सात्विक भोजन करना चाहिए.
-एकादशी के दिन व्रत के दौरान अन्न का सेवन नहीं किया जाता है.
-एकादशी के दिन चावल का सेवन वर्जित है.
-एकादशी का व्रत खोलने के बाद दान-दक्षिणा जरूर दें

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