भोपाल में शराब दुकानों की जियो टैगिंग से फर्जीवाड़े पर लगेगी लगाम
भोपाल। प्रदेश में चल रही 3600 शराब दुकानों की जियो टैगिंग का काम अब तेजी पकड़ रहा है। आबकारी विभाग ने इसके लिए संभागीय स्तर पर अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया है, जो अब फील्ड में जाकर इन दुकानों की लोकेशन को गूगल पर उपलब्ध कराने के लिए जियो टैगिंग कर रहे हैं। इससे आबकारी विभाग और लाइसेंसी ठेकेदारों दोनों को फायदा होगा।
भोपाल में 87 दुकानों की जियो टैगिंग पूरी
भोपाल जिले की 87 शराब दुकानों की जियो टैगिंग का काम पूरा हो चुका है। इस कार्य के लिए जिला सहायक आबकारी अधिकारी और अन्य स्टाफ को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।
फर्जीवाड़े पर लगेगी लगाम
3600 दुकानों की जियो टैगिंग से शराब दुकानों के आवंटन में फर्जीवाड़े की संभावना कम हो जाएगी। पहले शराब दुकानदार और आबकारी अधिकारी मिलकर लोकेशन की गलत रिपोर्ट देते थे, जिससे मंदिरों और स्कूलों के पास शराब की दुकानें खुल जाती थीं।
धार्मिक स्थलों और स्कूलों की सुरक्षा
शराब दुकानों की सही लोकेशन सुनिश्चित करने से धार्मिक स्थलों और स्कूलों के पास दुकानें खोलने के नियमों का सख्ती से पालन होगा। इससे धर्मावलंबियों और छात्रों को असुविधा नहीं होगी।
संदिग्ध गतिविधियों पर नियंत्रण
विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जियो टैगिंग से दो दुकानों के बीच की दूरी और परमिट के दौरान शराब की आवाजाही पर नजर रखी जा सकेगी। इससे लाइसेंसी ठेकेदारों की संदिग्ध गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लगेगा। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि शराब दुकानें धार्मिक स्थल और शैक्षणिक संस्थाओं से दूर रहें।
जियो टैगिंग की इस पहल से प्रदेश में शराब दुकानों के संचालन में पारदर्शिता आएगी और आबकारी विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार होगा।