अनादिकाल से सर्व समाज को साथ लेकर चल रहा है ब्राह्मण समाज : पं. गोपाल भार्गव
– श्री प्रेम प्रसारिणी सनाढ्य सभा के शताब्दी समारोह में रहा मेला जैसा माहौल
सागर। श्री प्रेम प्रसारिणी सनाढ्य सभा का शताब्दी समारोह आज प्रदेश के विभिन्न जिलों से आये सर्व ब्राह्मण समाज का गौरवशाली सम्मेलन स्थल बन गया। मोतीनगर स्थित पद्माकर सभागार में करीब २१ जिलों से आये विप्र जनों ने सर्व ब्राह्मण समाज की एकता के साथ ही अन्य समाजों को भी बौद्धिक सम्पदा बांटने के अपने अनादिकाल के धर्म को निरंतर जारी रखने का संकल्प लिया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री पं. गोपाल भार्गव, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचिका सुश्री प्रज्ञा भारती, पर्यटन निगम अध्यक्ष विनोद गोटिया, महापौर श्रीमति संगीता सुशील तिवारी, पत्रकार सुमित अवस्थी, विकास मिश्रा, राजेश सिरोठिया आदि का स्वागत सनाढ्य सभा का पदाधिकारियों द्वारा किया गया। प्रारंभ में सम्मेलन स्थल पर सभी विप्रजनों का तिलक लगाकर स्वागत किया गया। मंच पर अतिथियों के स्वागत समारोह के बाद वक्तव्य शुरू हुए।
कला, संगीत और संस्कृत में बढ़ें : पं. गोपाल भार्गव
संबोधन में लोक निर्माण मंत्री पं. गोपाल भार्गव ने कहा कि आरक्षण के कारण बच्चों पर दवाब तो होता है। लेकिन बहुत से क्षेत्र ऐसे भी हैं जिनमें आरक्षण नहीं है। पं. गोपाल भार्गव ने बताया कि कला, संगीत और संस्कृत आदि ऐसे क्षेत्र हैं जहां विप्रजनों के बच्चे अपनी प्रतिभा के बूते पर बड़ा स्थान हासिल कर सफल हो सकते हैं। बच्चों को सकारात्मक ही सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज शुरू से ही बौद्धिक स्तर पर बहुत मजबूत है, यही कारण है कि विपरीत माहौल होने पर भी ब्राह्मण कभी भी अन्य समाज को किसी भी तरह का नुकसान पहुंचाने वाली सोच नहीं रखता। सर्व समाज को ब्राह्मण अनादिकाल से साथ लेकर चला है इसी कारण जन्म से लेकर मृत्यु तक सभी समाजों के लोग जो विप्र ने कहा उसे अंतिम सत्य माना जाता है। हमें अपने अन्य समाजों में बौद्धिक सम्पदा बांटने के अनादिकाल से चले आ रहे धर्म पर क्षणिक बाधाओं की परवाह किये बगैर अडिग रहना है। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण हमेशा स्वयं से ज्यादा अन्य समाज के हित और उनको साथ लेकर चलने की सोचता है।
ब्राह्मणों का इतना समृद्ध मंच पहली बार दिखा : सुरेश पचौरी
पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ने इस अवसर पर कहा कि मैं अपने जीवनकाल में ब्राह्मण समाज के विभिन्न कार्यक्रमों में गया लेकिन सागर जितना समृद्ध मंच मैंने पहली बार देखा। उन्होंने कहा कि सभी समाजों का सिरमौर ब्राह्मण सिर्फ इसी कारण से रहा कि उन्होंने सभी समाजों का ध्यान रखा। आज समाज में मान्यता इसीलिए है क्योंकि विप्र स्वयं का कुछ नुकसान होने पर भी किसी का बुरा नहीं करता। सभी की भलाई को ही ब्राह्मण अपना प्रथम धर्म मानकर निभाता आ रहा है। श्री पचौरी ने कहा कि आज की तारीख में लोग ब्राह्मण समाज के बारे में कुछ कहते भी हैं तो ये समृद्ध समाज सर्वसमाज की भलाई के लिये ही अपनी सोच सकारात्मक रखता है।
ब्राह्मण ने देना ही सीखा है : विनोद गोटिया
पर्यटन निगम म.प्र. के अध्यक्ष पं. विनोद गोटिया ने कहा कि ब्राह्मण ने समाज को देना ही सीखा है वही हमारा धर्म भी है और कर्म भी है। उन्होंने कहा कि श्री प्रेम प्रसारिणी सनाढ्य सभा के सभापति इंद्रजीत दुबे, आयोजन अध्यक्ष डॉ. श्याममनोहर सिरोठिया आदि संपूर्ण ब्राह्मणों की ओर से विशेष साधुवाद के पात्र हैं जिन्होंने सागर में इतना समृद्ध, अनुशासित और व्यवस्थित समारोह आयोजित किया। सभी सौभाग्यशाली हैं जो ऐसे विशिष्ट आयोजन में शामिल होने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण देना जानता है। ये इसी कार्यक्रम में भी साफ दिख रहा है जहां साईकिल वितरण और मेधावी छात्रों को प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।
शताब्दी समारोह मनाकर गौरवान्वित हूं : इंद्रजीत दुबे
श्री प्रेम प्रसारिणी सनाढ्य सभा के सभापति इंद्रजीत दुबे एड. ने संबोधन में कहा कि वे खुद को धन्य महसूस कर रहे हैं कि महान संस्था का शताब्दी समारोह उनके कार्यकाल में आयोजित करने का अवसर मिला। आज यहां सम्मान संस्था को १०० साल में सिंचित करने वाले हमारे बुजुर्गों के प्रति किया जा रहा है जिन्होंने १९२० से लेकर अब तक संस्था को शून्य से शिखर तक लाये। उन्होंने कहा कि स्व. डॉ. रीतेश दीक्षित की स्मृति में साईकिल वितरण और स्व. सीताराम कटारे जी की स्मृति में २१ बच्चों को ५१०० रूपये की प्रोत्साहन राशि वितरण सराहनीय है। सभी अतिथियों को चांदी के सिक्के भी भेजे जाने की बात कही गई।
बच्चियों को साईकिल वितरण :
शताब्दी समारोह में स्व. डॉ. रीतेश दीक्षित की स्मृति में उनके पिता श्री के.के. दीक्षित, सेवानिवृत्त डाक अधीक्षक द्वारा ५ बच्चियों को साईकिल वितरित की गईं। इसी तरह स्व. सीताराम कटारे जी की स्मृति में उनके परिजनों ने २१ बच्चों को ५१०० रूपये की प्रोत्साहन राशि के चेक वितरित किये।
विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिभाओं का सम्मान :
समारोह में सभा द्वारा विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिभाओं तथा मूर्धन्य विद्वानों का शाल, श्रीफल और प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मान किया गया। इस अवसर पर विदिशा, अशोक नगर, जबलपुर, इंदौर, रायसेन, छतरपुर सहित २१ जिलों से सहभागी होने समाज के लोग आये थे। कुछ लोग तो बस लेकर पहुंचे थे तो आयोजन स्थल पर मेला जैसा माहौल था।
ये रहे मौजूद :
कार्यक्रम में महापौर प्रतिनिधि डॉ. सुशील तिवारी, पूर्व निगमाध्यक्ष विनोद तिवारी, डॉ. अनिल तिवारी, इंजी. राजेश मिश्रा, के.के. दीक्षित, सेवानिवृत्त डाक अधीक्षक, डॉ. श्याम मनोहर सिरोठिया, संतोष पचौरी, जुगलकिशोर उपाध्याय, प्रेमनारायण तिवारी, अजय दुबे, प्रेमनारायण रावत, आनंद बोहरे, प्रीति पंकज दुबे, पूर्व नपाध्यक्ष बिजावर आदि मौजूद रहे।
सागर। श्री प्रेम प्रसारिणी सनाढ्य सभा का शताब्दी समारोह आज प्रदेश के विभिन्न जिलों से आये सर्व ब्राह्मण समाज का गौरवशाली सम्मेलन स्थल बन गया। मोतीनगर स्थित पद्माकर सभागार में करीब २१ जिलों से आये विप्र जनों ने सर्व ब्राह्मण समाज की एकता के साथ ही अन्य समाजों को भी बौद्धिक सम्पदा बांटने के अपने अनादिकाल के धर्म को निरंतर जारी रखने का संकल्प लिया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री पं. गोपाल भार्गव, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचिका सुश्री प्रज्ञा भारती, पर्यटन निगम अध्यक्ष विनोद गोटिया, महापौर श्रीमति संगीता सुशील तिवारी, पत्रकार सुमित अवस्थी, विकास मिश्रा, राजेश सिरोठिया आदि का स्वागत सनाढ्य सभा का पदाधिकारियों द्वारा किया गया। प्रारंभ में सम्मेलन स्थल पर सभी विप्रजनों का तिलक लगाकर स्वागत किया गया। मंच पर अतिथियों के स्वागत समारोह के बाद वक्तव्य शुरू हुए।
कला, संगीत और संस्कृत में बढ़ें : पं. गोपाल भार्गव
संबोधन में लोक निर्माण मंत्री पं. गोपाल भार्गव ने कहा कि आरक्षण के कारण बच्चों पर दवाब तो होता है। लेकिन बहुत से क्षेत्र ऐसे भी हैं जिनमें आरक्षण नहीं है। पं. गोपाल भार्गव ने बताया कि कला, संगीत और संस्कृत आदि ऐसे क्षेत्र हैं जहां विप्रजनों के बच्चे अपनी प्रतिभा के बूते पर बड़ा स्थान हासिल कर सफल हो सकते हैं। बच्चों को सकारात्मक ही सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज शुरू से ही बौद्धिक स्तर पर बहुत मजबूत है, यही कारण है कि विपरीत माहौल होने पर भी ब्राह्मण कभी भी अन्य समाज को किसी भी तरह का नुकसान पहुंचाने वाली सोच नहीं रखता। सर्व समाज को ब्राह्मण अनादिकाल से साथ लेकर चला है इसी कारण जन्म से लेकर मृत्यु तक सभी समाजों के लोग जो विप्र ने कहा उसे अंतिम सत्य माना जाता है। हमें अपने अन्य समाजों में बौद्धिक सम्पदा बांटने के अनादिकाल से चले आ रहे धर्म पर क्षणिक बाधाओं की परवाह किये बगैर अडिग रहना है। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण हमेशा स्वयं से ज्यादा अन्य समाज के हित और उनको साथ लेकर चलने की सोचता है।
ब्राह्मणों का इतना समृद्ध मंच पहली बार दिखा : सुरेश पचौरी
पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ने इस अवसर पर कहा कि मैं अपने जीवनकाल में ब्राह्मण समाज के विभिन्न कार्यक्रमों में गया लेकिन सागर जितना समृद्ध मंच मैंने पहली बार देखा। उन्होंने कहा कि सभी समाजों का सिरमौर ब्राह्मण सिर्फ इसी कारण से रहा कि उन्होंने सभी समाजों का ध्यान रखा। आज समाज में मान्यता इसीलिए है क्योंकि विप्र स्वयं का कुछ नुकसान होने पर भी किसी का बुरा नहीं करता। सभी की भलाई को ही ब्राह्मण अपना प्रथम धर्म मानकर निभाता आ रहा है। श्री पचौरी ने कहा कि आज की तारीख में लोग ब्राह्मण समाज के बारे में कुछ कहते भी हैं तो ये समृद्ध समाज सर्वसमाज की भलाई के लिये ही अपनी सोच सकारात्मक रखता है।
ब्राह्मण ने देना ही सीखा है : विनोद गोटिया
पर्यटन निगम म.प्र. के अध्यक्ष पं. विनोद गोटिया ने कहा कि ब्राह्मण ने समाज को देना ही सीखा है वही हमारा धर्म भी है और कर्म भी है। उन्होंने कहा कि श्री प्रेम प्रसारिणी सनाढ्य सभा के सभापति इंद्रजीत दुबे, आयोजन अध्यक्ष डॉ. श्याममनोहर सिरोठिया आदि संपूर्ण ब्राह्मणों की ओर से विशेष साधुवाद के पात्र हैं जिन्होंने सागर में इतना समृद्ध, अनुशासित और व्यवस्थित समारोह आयोजित किया। सभी सौभाग्यशाली हैं जो ऐसे विशिष्ट आयोजन में शामिल होने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण देना जानता है। ये इसी कार्यक्रम में भी साफ दिख रहा है जहां साईकिल वितरण और मेधावी छात्रों को प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।
शताब्दी समारोह मनाकर गौरवान्वित हूं : इंद्रजीत दुबे
श्री प्रेम प्रसारिणी सनाढ्य सभा के सभापति इंद्रजीत दुबे एड. ने संबोधन में कहा कि वे खुद को धन्य महसूस कर रहे हैं कि महान संस्था का शताब्दी समारोह उनके कार्यकाल में आयोजित करने का अवसर मिला। आज यहां सम्मान संस्था को १०० साल में सिंचित करने वाले हमारे बुजुर्गों के प्रति किया जा रहा है जिन्होंने १९२० से लेकर अब तक संस्था को शून्य से शिखर तक लाये। उन्होंने कहा कि स्व. डॉ. रीतेश दीक्षित की स्मृति में साईकिल वितरण और स्व. सीताराम कटारे जी की स्मृति में २१ बच्चों को ५१०० रूपये की प्रोत्साहन राशि वितरण सराहनीय है। सभी अतिथियों को चांदी के सिक्के भी भेजे जाने की बात कही गई।
बच्चियों को साईकिल वितरण :
शताब्दी समारोह में स्व. डॉ. रीतेश दीक्षित की स्मृति में उनके पिता श्री के.के. दीक्षित, सेवानिवृत्त डाक अधीक्षक द्वारा ५ बच्चियों को साईकिल वितरित की गईं। इसी तरह स्व. सीताराम कटारे जी की स्मृति में उनके परिजनों ने २१ बच्चों को ५१०० रूपये की प्रोत्साहन राशि के चेक वितरित किये।
विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिभाओं का सम्मान :
समारोह में सभा द्वारा विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिभाओं तथा मूर्धन्य विद्वानों का शाल, श्रीफल और प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मान किया गया। इस अवसर पर विदिशा, अशोक नगर, जबलपुर, इंदौर, रायसेन, छतरपुर सहित २१ जिलों से सहभागी होने समाज के लोग आये थे। कुछ लोग तो बस लेकर पहुंचे थे तो आयोजन स्थल पर मेला जैसा माहौल था।
ये रहे मौजूद :
कार्यक्रम में महापौर प्रतिनिधि डॉ. सुशील तिवारी, पूर्व निगमाध्यक्ष विनोद तिवारी, डॉ. अनिल तिवारी, इंजी. राजेश मिश्रा, के.के. दीक्षित, सेवानिवृत्त डाक अधीक्षक, डॉ. श्याम मनोहर सिरोठिया, संतोष पचौरी, जुगलकिशोर उपाध्याय, प्रेमनारायण तिवारी, अजय दुबे, प्रेमनारायण रावत, आनंद बोहरे, प्रीति पंकज दुबे, पूर्व नपाध्यक्ष बिजावर आदि मौजूद रहे।