संकट की घड़ी में कैसे बचाएं जान? डॉक्टरों ने दिया सीपीआर का प्रशिक्षण
बीएमसी में प्रशिक्षण पखवाड़ा के तहत 300 से अधिक व्यक्तियों को दिया गया सीपीआर प्रशिक्षण
सीपीआर प्रशिक्षण से बढ़ेगी जागरूकता, बचेंगी कई जिंदगियां
भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशा-निर्देशानुसार एवं अधिष्ठाता डॉ. पी.एस. ठाकुर के मार्गदर्शन में बुन्देलखण्ड शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय सागर के आकस्मिक चिकित्सा विभाग एवं निश्चेतना विभाग द्वारा दिनांक 13 से 17 अक्टूबर 2025 तक सी.पी.आर. जागरूकता एवं प्रशिक्षण पखवाड़ा के विभिन्न सत्र आयोजित किये गये।
उक्त पहल द्वारा समाज के विभिन्न वर्गों तथा नर्सिंग ऑफीसर्स, पैरामेडीकल छात्र-छात्राओं एवं निजी नर्सिंग महाविद्यालय के छात्रों, सुरक्षाकर्मियों, सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को सी.पी.आर. पद्धति पर हैण्ड्स ऑन ट्रेनिंग प्रदान की गई ताकि उनके द्वारा आम नागरिकों को सी.पी.आर. का महत्व समझाया जा सके एवं आकस्मिक स्थिति में पीड़ित व्यक्तियों को सी.पी.आर. दे सकें। सी.पी.आर. की सरल पद्धति द्वारा हूद्याघात पीड़ित व्यक्तियों को समय से मदद पहुँचाने पर मस्तिष्क में होने वाली क्षति को कम एवं जीवितता को बढ़ाया जा सकता है।
आंकड़ों के मुताबिक प्रत्येक मिनट की देरी में हृदयाघात के प्रकरणों में जीवितता में 10-15 प्रतिशत की गिरावट होती है। इसलिये जन-स्वास्थ्य एवं युवाओं में हूद्याघात के बढ़ते प्रतिशत से यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि सभी को सी.पी.आर. पद्धति का ज्ञान एवं प्रशिक्षण आवश्यक है ताकि आकस्मिक स्थिति में आवश्यक चिकित्सा उपलब्ध होने तक आम आदमी द्वारा भी ऐसे पीड़ित व्यक्ति को सी.पी.आर. द्वारा मदद की जा सके।
सी.पी.आर. जागरूकता पखवाड़ा के अंतर्गत बुन्देलखण्ड शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय सागर में 300 से अधिक व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया गया। उक्त अभियान चिकित्सा महाविद्यालय द्वारा निरंतर जारी रहेगा एवं भविष्य में सी.पी.आर. प्रशिक्षण हेतु इच्छुक संस्था अथवा कोई भी व्यक्ति बुन्देलखण्ड शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय सागर में संपर्क कर सकता है।
उक्त सी.पी.आर. जागरूकता पखवाडा में आकस्मिक चिकित्सा विभाग के विभागाध्यक्ष एवं नोडल अधिकारी, सी.पी.आर. प्रशिक्षण डॉ. सत्येन्द्र उइके, डॉ. सर्वेश जैन, विभागाध्यक्ष निश्चेतना विभाग, डॉ. शशिवाला चौधरी, डॉ. मो. इलियास, डॉ. अजय सिंह के नेतृत्व में प्रशिक्षण आयोजित किया गया एवं उक्त प्रशिक्षण में डॉ. विशाल गजभिये, डॉ. सौरभ जैन, डॉ. प्रियांशु जैन की सहभागिता रही।


