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शासकीय प्राथमिक शाला में आत्मनिर्भर कार्यशाला का हुआ शुभारम्भ

शासकीय प्राथमिक शाला में आत्मनिर्भर कार्यशाला का हुआ शुभारम्भ सागर। भारतीय स्त्रीशक्ति मध्यप्रदेश द्वारा शासकीय प्राथमिक शाला पामाखेड़ी सागर में आत्मनिर्भर कार्यषाला ...

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शासकीय प्राथमिक शाला में आत्मनिर्भर कार्यशाला का हुआ शुभारम्भ

सागर। भारतीय स्त्रीशक्ति मध्यप्रदेश द्वारा शासकीय प्राथमिक शाला पामाखेड़ी सागर में आत्मनिर्भर कार्यषाला का शुभरम्भ दीप प्रज्जवलन के साथ किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि की आसंदी से सागर मध्यप्रदेश की सांसद डाॅ लता वानखेडे़ ने कहा कि यह कार्यशाला केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि हमारे भीतर छिपी स्वावलंबन की भावना को जगाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। आत्मनिर्भरता दूसरों पर निर्भर हुए बिना अपने बल अपने कौशल और अपनी सोच से आगे बढ़ना। आज के युग में आत्मनिर्भर बनना केवल आवश्यकता नहीं, बल्कि यह हमारे ’राष्ट्र निर्माण का आधार’ है। हर व्यक्ति को अपनी क्षमताओं पर विश्वास करना चाहिए। हम सब अपने जीवन में कोई न कोई ऐसा कौशल विकसित करें जिससे हम खुद के साथ-साथ समाज और देश की प्रगति में योगदान दे सकें। मुझे विष्वास है कि आने वाले कुछ दिनों में यह कार्यशाला अनेक प्रतिभाओं को निखारेगी उन्हें आत्मनिर्भर बनने का मार्ग दिखाएगी और वोकल फाॅर लोकल के संकल्प को साकार करेगी।

वक्तव्य की अगली श्रृखला में अध्यक्षता की आसंदी से भारतीय स्त्री शक्ति (मप्र) की प्रदेश उपाध्यक्ष, डाॅ. प्रतिभा तिवारी ने कहा कि – जब हम आत्मनिर्भर बनते हैं तब हम न केवल अपने सपनों को साकार करते हैं बल्कि अपने आस-पास के लोगों को भी प्रेरित करते हैं। आत्मनिर्भरता हमें आत्मविश्वास, साहस और गरिमा देती है। आज की इस कार्यशाला में हम न केवल ’कौशल’ सीख रहे हैं बल्कि जीवन जीने की एक नई दिशा भी पा रहे हैं। यह सीख हमें आगे चलकर हर चुनौती का सामना करने की ताकत देगी। आत्मनिर्भर बनना ही सच्ची स्वतंत्रता है। जब हम खुद पर भरोसा करना सीख जाते हैं तब कोई भी कठिनाई हमें रोक नहीं सकती। इस कार्यशाला से प्रेरणा लेकर हम सब मिलकर एक सशक्त, सक्षम और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अपना योगदान दें। इस कार्यशाला के माध्यम से हमारे युवा, महिलाएँ, छात्र-छात्राएँ – सभी अपने-अपने क्षेत्रों में नई संभावनाएँ तलाश सकेंगे। यह न केवल रोजगार का माध्यम बनेगी, बल्कि रोजगार देने की शक्ति भी प्रदान करेगी। वक्तव्य की अगली श्रृखला में विशिष्ट अतिथि पामाखेड़ी सागर की सरपंच-श्रीमती प्रीति राव ने कहा कि – यह केवल एक कार्यशाला नहीं, बल्कि स्वावलंबन, नवाचार और आत्मविष्वास की दिशा में बढ़ाया गया एक प्रेरणादायी कदम है। हम अपने देश की आवश्यकताओं को स्वयं पूरा करें, अपने संसाधनों का उपयोग करें और अपनी प्रतिभा से अपने देश को मजबूत बनाएं। यह कार्यशाला उसी भावना को आगे बढ़ाने का प्रयास है। यहाँ हम सीखेंगे कि कैसे अपने कौशल को विकसित करें, स्वरोजगार के अवसरों को पहचाने और तकनीक, नवाचार व मेहनत के बल पर आत्मनिर्भर बनें। आत्मनिर्भरता का मतलब केवल आर्थिक स्वतंत्रता नहीं है बल्कि यह एक सोच है – खुद पर विश्वास करने की सोच, अपनी क्षमताओं को पहचानने की सोच और हर परिस्थिति में समाधान ढूँढने की सोच। मंच संचालन शासकीय प्राथमिक शाला पामाखेड़ी सागर की प्रधानाचार्य-श्रीमती किरण मौरेय द्वारा किया गया। आभार ज्ञापन सुश्री नायक मेडम जी द्वारा दिया गया। इस अवसर पर श्रीमती सुमन तिवारी, श्रीमती ज्योति गौतम, श्रीमती सुलोचना तिवारी एवं विद्यालय के सभी शिक्षक-शिक्षिका, छात्र-छात्राओ ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम काहे सफल बनाया। कल्याण मंत्र के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

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