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धनतेरस 2025: कैसे और कब करनी है पूजा, क्या खरीदना होता है विशेष शुभ विवरण देखें

धनतेरस जो कि दिवाली पर्व की शुरुआत से दो दिन पहले मनाया जाता है। यह त्योहार भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखता ...

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धनतेरस जो कि दिवाली पर्व की शुरुआत से दो दिन पहले मनाया जाता है। यह त्योहार भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखता है। इस दिन को धन और स्वास्थ्य से जोड़कर देखा जाता है। मान्यता है कि धनतेरस के दिन देवी लक्ष्मी और भगवान धनवंतरि की पूजा करने से घर में समृद्धि, सुख-शांति और आरोग्य की वृद्धि होती है। इसके अलावा, इस दिन नए बर्तन, सोना, चांदी या धातु के अन्य सामान खरीदना शुभ माना जाता है, क्योंकि यह घर में धन की वृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

धनतेरस की पौराणिक कथा के अनुसार, इस दिन भगवान धनवंतरि समुद्र मंथन के बाद अमृत लेकर पृथ्वी पर आए थे। इसी वजह से इसे आरोग्य और संपन्नता का प्रतीक भी माना जाता है। लोग इस दिन अपने घर की सफाई करते हैं, पूजा की तैयारी करते हैं और धातु के बर्तनों या आभूषणों की खरीदारी कर देवी लक्ष्मी का स्वागत करते हैं। इस दिन घर में कुछ विशेष चीजों को खरीदने से धन और वैभव में वृद्धि होती है।

 पूजा मुहूर्त

धनतेरस पूजा मुहूर्त- द्रिक पंचांग के अनुसार, 18 अक्टूबर 2025 के दिन शाम 07:15 मिनट से 08:18 मिनट तक विशेष पूजा मुहूर्त बताया गया है।

  • धनतेरस की पूजा संध्या के समय, यानी प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद) में करना शुभ माना जाता है।
  • पूजा से पहले घर की सफाई करें, दरवाजे और आंगन में रंगोली बनाएं और दीप जलाएं।
  • पूजा स्थल पर एक चौकी रखकर उस पर लाल कपड़ा बिछाएं।
  • माता लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और कुबेर की स्थापना
  • चौकी पर माता लक्ष्मी, भगवान गणेश, धन्वंतरि देव और कुबेर देव की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  • दीपक में घी या तेल डालकर जलाएं (विशेषकर दिया तिल के तेल का शुभ माना जाता है)।

पूजन सामग्री- धूप, दीप, चावल, हल्दी, कुंकुम, फूल, क्षत, गुड़, मिठाई, फल, पान-सुपारी, सिक्के और जल रखें।

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