लव जिहाद और धर्मांतरण का मामला गरमाया, राज्य स्तरीय एसआईटी गठित
भोपाल। प्रदेश की राजधानी भोपाल और इंदौर में कॉलेज छात्राओं से दुष्कर्म और जबरन धर्म परिवर्तन के मामलों ने तूल पकड़ लिया है। बढ़ते मामलों को देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने रविवार को एक राज्य स्तरीय विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है। इस टीम की कमान भोपाल देहात के आईजी अभय सिंह को सौंपी गई है, जबकि उनके सहयोगी के रूप में एडीशनल पुलिस कमिश्नर पंकज श्रीवास्तव और पुलिस मुख्यालय के तीन वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहेंगे।
एसआईटी इन मामलों की निगरानी और समन्वय करेगी, जिसमें लव जिहाद, दुष्कर्म और धर्मांतरण जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। इसी बीच दमोह से भी एक नया मामला सामने आया है, जिसमें आरोपी ने फर्जी नाम और पहचान के सहारे युवतियों को निशाना बनाया।
दमोह में फर्जी पहचान से युवती के साथ ठहरा युवक, मोबाइल से मिले सबूत
दमोह के एक लॉज में फर्जी आधार कार्ड पर कमरा बुक कर ठहरे युवक इजराइल खान की एटीएस जांच कर रही है। आरोपी ने खुद को “शिवा शर्मा” बताकर युवती को धोखा दिया था। जांच में सामने आया है कि आरोपी के मोबाइल से तीन युवतियों से शारीरिक संबंधों के सबूत और 12 से अधिक युवतियों से चैटिंग मिली है। आरोपी ने कबूला है कि वह फोटो कॉपी की दुकान से छात्राओं की जानकारी लेकर उन्हें फंसाता था। हालांकि अभी तक किसी पीड़िता की ओर से आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं हुई है। दमोह पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों का मामला दर्ज कर लिया है।
मानवाधिकार व महिला आयोग सक्रिय, जांच पर उठे सवाल
भोपाल में लव जिहाद के मामलों की जांच के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व डीजीपी निर्मल कौर के नेतृत्व में टीम पहुंची है। एक पीड़िता ने आयोग के समक्ष बयान दर्ज कराया है, जिसके बाद टीम ने एफआईआर में संगठित अपराध की धाराएं जोड़ने की सिफारिश की है। सोमवार को आयोग की टीम संबंधित स्थानों का निरीक्षण करेगी।
मानवाधिकार आयोग ने भी भोपाल पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं। आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो के अनुसार, अब तक 7 पीड़िताएं सामने आ चुकी हैं और संख्या और बढ़ सकती है। आयोग ने पीड़िताओं को पर्याप्त सुरक्षा और पुनर्वास न मिलने पर चिंता जताई है।
पुलिस की कार्रवाई और साक्ष्यों की स्वतंत्र पुष्टि जारी
भोपाल में अब तक लव जिहाद से जुड़े पांच एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। मुख्य आरोपी फरहान खान पर दो सगी बहनों के साथ दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग के आरोप हैं। जांच अब जोन-2 से हटाकर जोन-1 के डीसीपी से वेरिफाई करवाई जा रही है ताकि निष्पक्षता बनी रहे। वहीं, आरोपियों के एक स्थानीय कारोबारी से संबंधों की भी जांच की जा रही है, जो उन्हें सुविधाएं मुहैया कराता था।