बैतूल से सागर आता था अवैध सागौन का जखीरा, जॉइंट ऑपरेशन ने की कार्यवाई टाल सील

सागर में लगभग 60 घन मीटर अवैध सागौन चिरान जब्त दो आरामशीन सील, एक गिरफ्तार, एक मालिक फरार

सागर। बैतूल में हुई अवैध कटाई के प्रकरण में गिरफ्तार कुख्यात वन माफिया ‘राजू वाडिवा’ एवं प्रकरण में गिरफ्तार किये गये अन्य 16 अभियुक्तों के बयानों एवं उनकी निशानदेही के आधार पर पूछताछ के दौरान यह तथ्य सामने आया कि अवैध रूप से काटी गई सागौन काष्ठ की आपूर्ति सागर जिले में की गई है। उक्त सूचना के आधार पर जांच हेतु एक टीम श्री विनोद जाखड़ (प्रशिक्षु आई.एफ.एस.), प्रभारी वन परिक्षेत्र अधिकारी, बैतूल के नेतृत्व में सागर आई। टीम द्वारा वनमंडल अधिकारी, दक्षिण सागर श्री चन्द्रशेखर सिंह से संपर्क कर जानकारी प्रदान की गई, जिस पर उनके निर्देशन में उत्तर एवं दक्षिण सागर वनमंडलों की संयुक्त टीम गठित की गई। उत्तर बैतूल, उत्तर सागर और दक्षिण सागर की संयुक्त टीम द्वारा मोतीनगर चौराहा के पास स्थित ‘कुंजबिहारी मिश्रा सॉ मिल’ एवं ‘श्रीकृष्ण सॉ मिल’ की आरामशीनों में संग्रहित काष्ठ की विधिवत जांच की गई। आरामशीन मालिकों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों का भौतिक स्थिति से मिलान करने पर लगभग 60 घन मीटर अवैध सागौन चिरान एवं अर्द्धनिर्मित फर्नीचर’ संग्रहित पाया गया, जिससे भारी अनियमितता उजागर हुई। मुख्य वनसंरक्षक, सागर वृत्त श्री रिपुदमन सिंह भदौरिया के निर्देश में दोनों आरामशीनों को विधिवत सील कर प्रकरण दर्ज किया गया। कार्यवाही के दौरान ‘कुंज बिहारी सॉ मिल’ के प्रबंधक ‘श्री जगदीश श्रीवास्तव’ को मौके से गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया। इस प्रकरण में ‘कुंजबिहारी मिश्रा सॉ मिल’ के मालिक ‘अमित मिश्रा’ विगत ‘तीन दिनों से फरार’ हैं। संयुक्त दल द्वारा सोमवार एवं मंगलवार को भी जप्ती एवं दस्तावेजीकरण की कार्यवाही सतत रूप से की गई। टीम में श्री शैलेश माचरा, उपवनमंडल अधिकारी उत्तर सागर (प्रशिक्षु भा. व.से.), श्रीमती विनीता जाटव, उपवनमंडल अधिकारी दक्षिण सागर, श्री रवि सिंह, वन परिक्षेत्र अधिकारी सागर तथा श्री शुभम जैन, वन परिक्षेत्र अधिकारी उत्तर सागर की सक्रिय भागीदारी रही। इसके अतिरिक्त सागर एवं उत्तर सागर परिक्षेत्र के फील्ड स्टाफ, वन रक्षक, वनपाल, उपवनक्षेत्रपाल एवं अन्य अमले द्वारा सघन स्थल निरीक्षण, काष्ठ की गणना, जब्ती कार्यवाही एवं दस्तावेजीकरण में महत्वपूर्ण एवं सराहनीय भूमिका निभाई गई, जो इस समन्वित कार्रवाई की सफलता का प्रमुख आधार रही। यह कार्यवाही संगठित वन अपराधों के विरुद्ध एक प्रभावशाली एवं समन्वित कदम है। सम्पूर्ण प्रकरण की अग्रिम जांच ‘सतत रूप से जारी है।

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