वन विभाग के रेंजर को 1 लाख की रिश्वत लेते रंगेहाथों पकड़ा, पहले भी ले चुका था 96 हजार

वन विभाग के रेंजर को 1 लाख की रिश्वत लेते रंगेहाथों पकड़ा, पहले भी ले चुका था 96 हजार

मध्यप्रदेश में भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ लोकायुक्त की कार्रवाई लगातार जारी है, लेकिन इसके बावजूद रिश्वतखोरी थमने का नाम नहीं ले रही। ताजा मामला धार जिले से सामने आया है, जहां लोकायुक्त टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बाग वन परिक्षेत्र के रेंजर वैभव उपाध्याय को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया है।

ठेकेदार से की थी 2 लाख की मांग
मनावर निवासी ठेकेदार जितेन्द्र वास्कले ने इंदौर लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत की थी कि उसने बाग रोड से पांडु गुफा तक 3 किलोमीटर सड़क बनाने का ठेका लिया है। इस परियोजना का लगभग 2 किलोमीटर हिस्सा वन विभाग क्षेत्र में आता है, जिसकी अनुमति भी उसे विभाग से मिली थी। लेकिन रेंजर वैभव उपाध्याय ने निर्माण कार्य रुकवा दिया और लागत का 3 प्रतिशत बताकर रिश्वत मांगी।

फरियादी का कहना है कि वह पहले ही 96 हजार रुपये रेंजर को दे चुका था, लेकिन इसके बावजूद उससे 2 लाख रुपये और मांगे जा रहे थे।

लोकायुक्त ने रचाया जाल, रंगेहाथों दबोचा
शिकायत की जांच में आरोप सही पाए जाने पर लोकायुक्त टीम ने योजना बनाकर जितेन्द्र वास्कले को रेंजर को 1 लाख रुपये रिश्वत देने भेजा। जैसे ही रेंजर ने पैसे लिए, लोकायुक्त टीम ने उसे मौके पर ही पकड़ लिया।

अब आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा 7 के तहत कार्रवाई की गई है। मामला फिलहाल जांच के अधीन है।

प्रदेश में नहीं थम रही रिश्वतखोरी
राज्य में लगातार सामने आ रहे रिश्वत के मामलों के बावजूद भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के हौसले बुलंद हैं। लोकायुक्त की सक्रियता से कई मामले उजागर हो रहे हैं, लेकिन भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना अब भी एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।

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