लाखा बंजारा झील किनारे मां गंगा जी की आरती में स्थानीय रहवासियों सहित तिब्बती शरणार्थी व अन्य शहरों के आगंतुक शामिल हुये

लाखा बंजारा झील किनारे मां गंगा जी की आरती में स्थानीय रहवासियों सहित तिब्बती शरणार्थी व अन्य शहरों के आगंतुक शामिल हुये

सागर। लाखा बंजारा झील किनारे प्रति सोमवार हर्षोल्लास से की जा रही गंगा जी की आरती आज शहर की ऐतिहासिक झील से स्थानीय रहवासियों के साथ-साथ दूसरे शहरों और प्रदेशों से आने वाले आगंतुकों को जोड़ने का कार्य कर रही है। सर्दियों का मौसम चल रहा है और तिब्बती शरणार्थी बड़ी संख्या में शहर में अपना व्यवसाय करने आये हैं सोमवार को की गई गंगा आरती में तिब्बती शरणार्थियों ने शामिल होकर धर्म लाभ अर्जित किया। इससे प्रतीत हो रहा है की गंगा जी की आरती सागर ही नहीं सागर से बाहर के नागरिकों में भी ख्याति पा रही है। झील को स्वच्छ और सुंदर बनाए रखने हेतु जन-जागरुकता लाने के उद्देश्य से चकराघाट स्थित विट्ठल मंदिर के सामने शंख, झालर, मंत्रोच्चार के साथ की गई गंगा आरती के ऐतिहासिक आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धाभाव के साथ श्रद्धालु उपस्थित रहे। ऐतिहासिक झील सहित अन्य जलस्रोतों को स्वच्छ एवं सुरक्षित कर पर्यावरण का संरक्षण करने हेतु नागरिकों में जनजागरुकता विकसित करने के उद्देश्य से स्मार्ट सिटी सह कार्यकारी निदेशक एवं नगर निगम आयुक्त श्री राजकुमार खत्री के मार्गदर्शन में प्रत्येक सप्ताह सोमवार को चकराघाट पर गंगा आरती का आयोजन किया जा रहा है नेशनल क्लीन एयर प्रोगाम के अनुरूप शहर की साफ-सफाई और स्वच्छ पर्यावरण हेतु नागरिकों को जागरुक करने का कार्य किया गया है।
*चकराघाट पर मंदिरों में पूजा-अर्चना करने वाले श्रद्धालु पूजन उपरांत निकलने वाली सामग्री को निर्मल कुंड में ही डालें- निगम आयुक्त* नगर निगम आयुक्त श्री राजकुमार खत्री ने नागरिकों से अपील करते हुए कहा है कि चकराघाट पर बने प्राचीन मंदिरों में पूजा-अर्चना करने आने वाले नागरिकों को पूजा के दौरान निकलने वाली फूल मालाएं या अन्य सामग्री को एक स्थान पर डालने के लिए घाट के किनारे स्थित मंदिर के पास निर्मल कुंड का निर्माण कराया गया है जिसमें पूजन के पश्चात निकलने वाली सामग्री को एकत्र किया जा सके और बाद में इसे स्वच्छतापूर्वक अन्य स्थान पर भेजकर खाद बनाई जाएगी जो पौधों के लिए उपयोगी होगी। चकराघाट पर स्वच्छता बनाए रखने के लिए मंदिरों से निकलने वाली पूजन सामग्री को एक स्थान पर एकत्रित करने के लिए यह व्यवस्था की गई है ताकि पूजन सामग्री को श्रद्धालु यहां वहां न डालें और घाटों एवं झील की स्वच्छता बनी रहे। उन्होंने कहा कि नागरिकगण शहर को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने के लिए सहयोग प्रदान करें तथा अपने वार्ड में अपने घरों के आसपास साफ-सफाई रखें तथा दूसरे लोगों को भी अपने वार्ड को स्वच्छ रखने के लिए प्रेरित करें ।
*झील में नाव पर सवार श्रद्धालुओं ने भी गंगा आरती में भाग लिया*- गंगा आरती के अवसर पर झील में नाव पर सवार श्रद्धालुओं ने भी गंगा आरती में शामिल होकर धर्म लाभ लिया।

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