जनप्रतिनिधियों एवं बड़ी संख्या में नागरिकों की उपस्थिति में मंत्रोच्चार एवं पूजन के साथ चकराघाट स्थित गणेश घाट पर हुआ गंगा आरती का आयोजन
सागर। स्मार्ट सिटी एवं नगर निगम द्वारा सागर की पहचान ऐतिहासिक लाखा बंजारा झील को स्वच्छ, सुंदर बनाए रखने एवं लोगों में झील को स्वच्छ रखने के लिए जन जागरुकता लाने के उद्देश्य से चकराघाट पर प्रारंभ की गई गंगा आरती का आयोजन सोमवार को श्री गणेश घाट पर स्मार्ट सिटी लि.के सह कार्यकारी निदेशक एवं निगम आयुक्त श्री राजकुमार खत्री, पार्षदों एवं बड़ी संख्या में नागरिकों की उपस्थिति में किया गया।
इस अवसर पर निगमायुक्त एवं स्मार्ट सिटी सह कार्यकारी निदेशक श्री राजकुमार खत्री ने कहा कि लाखा बंजारा झील सागर की ऐतिहासिक विरासत होने के साथ ही धार्मिक- सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बन रही है। हमारी झील साफ-स्वच्छ व प्रदूषण मुक्त रहे, इसमें जागरूक नागरिकों की बड़ी भूमिका है। झील के किनारे सब ओर सुरम्य सौहार्द्रपूर्ण शांतिमय वातावरण हो ताकि स्थानीय नागरिकों के साथ ही अन्य शहरों से आने वाले नागरिक भी आकर्षित हों और एक स्वस्थ वातावरण में झील के नजारों, यहाँ के मंदिरों एवं सौन्दर्यीकरण को देखकर अभिभूत हों। उन्होंने कहा कि झील के सभी घाटों पर सांस्कृतिक, धार्मिक आयोजन हो और नागरिकों का अधिक संख्या में झील और जलस्रोतों से धार्मिक, आध्यात्मिक और सामाजिक जुड़ाव हो। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम, स्वच्छ भारत मिशन, नमामि गंगे आदि अभियानों के माध्यम से साफ-सफाई और स्वच्छ, समृद्ध पर्यावरण हेतु नागरिकों को प्रेरित किया जा रहा है। नागरिक जल, वायु और पृथ्वी जैसे जीवन के अभिन्न घटकों को साफ, स्वच्छ, सुरक्षित रखकर पर्यावरण के संरक्षण में सहयोगी बने, इस उद्देश्य के साथ ही प्रत्येक सप्ताह सोमवार को चकराघाट पर गंगा आरती का आयोजन सागर स्मार्ट सिटी एवं नगर निगम द्वारा किया जा रहा है तथा झील को जलकुंभी से मुक्त कर स्वच्छ बनाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं इसलिए अब बहुत जल्दी ही तालाब जलकुंभी मुक्त होकर स्वच्छ एवं सुंदर होगा । उन्होंने ऐतिहासिक आयोजन गंगा आरती में शामिल होने आए सभी लोगों को धन्यवाद देते हुए कहा कि गंगा आरती के भव्य आयोजन से नागरिकों में धार्मिक ,सांस्कृतिक उत्साह के साथ-साथ स्वच्छता के प्रति सकारात्मक परिवर्तन देखने मिल रहा है,तालाब को स्वच्छ एवं प्रदूषण मुक्त करने के लिए चकराघाट, बालभोले घाट एवं भट्टो घाट के पास बनी नाडेप पिट हौदियों में ही पूजन सामग्री फूल माला आदि सामग्री डालें, उसे तालाब में न डालें न ही दूसरों को डालने दें उन्हें रोकें -टोकें। निगमायुक्त ने कहा कि फूल,पत्ती आदि पूजन सामग्री द्वारा बेहतर खाद का निर्माण किया जा सकेगा जो पौधों को पोषण देने में उपयोगी रहेगी ।
इस आध्यात्मिक, धार्मिक आयोजन से हमारी ऐतिहासिक झील एक सांस्कृतिक धरोहर के रूप में भी ख्याति प्राप्त कर रही है। प्रति सप्ताह अलग-अलग स्थानीय लोककलाकारों एवं अन्य कलाकारों को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने हेतु एक समृद्ध मंच इस आयोजन के माध्यम से दिया जा रहा है।
*आयोजन को विशेष आकर्षित और भव्य बनाने के लिये किये गये प्रबंध*
जल गंगा आरती के लिए सारे घाट और छतरियों को आकर्षक लाइटिंग और साजसज्जा से मनमोहक बनाया गया। गंगा और नर्मदा आरती की तर्ज पर 11 बड़ी आरतियों की श्रंखला व्यवस्था बनाई गई। छतरियों पर रंगबिरंगी रोशनी जगमगा रही थी। झील में तैरती हुई विभिन्न नाव में से एक पर माँ गंगा की सुंदर मूर्ति विराजमान थी तो अन्य नावों में डमरूदल कलाकार और श्रद्धालुगण बैठे थे। झील में चलने वाले विशाल क्रूज पर भी बैठकर नागरिक गंगा आरती के रमणीक आयोजन में शामिल हुये। रमतूला ,ढपली दल ने अपनी लोककला का बेहतर प्रदर्शन करते हुये नागरिकों को अपनी ओर आकर्षित किया। छतरियों पर रमतूला एवं ढपला के कलाकारों , दूसरी छतरी पर तबला वादन के कलाकारों द्वारा प्रस्तुति दी गई। सुरक्षा की दृष्टि से मोटर बोट और पेडल बोट पर लाईव जैकेट सहित तैराक तैनात थे इसके साथ ही पुलिस बल को भी तैनात किया गया।
प्रति सोमवार स्थानी कलाकारों को जल गंगा आरती के दौरान अपनी संगीत विद्या की प्रस्तुति का समृद्ध मंच मिल रहा है आदर्श संगीत महाविद्यालय के समूह द्वारा मनमोहन संगीत की प्रस्तुति दी गई। आगामी सोमवार को गंगा आरती के अवसर पर जो भी व्यक्ति यजमान बनना चाहते हैं वे स्मार्ट सिटी में संपर्क कर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं ।