बुंदेलखंड हैकाथॉन 2024, यह सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि हमारे युवाओं के सपनों को उड़ान देने का मंच है-मंत्री गोविंद सिंह राजपूत
सागर। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत आज सागर में आयोजित हुई बुंदेलखंड हैकाथॉन 2024 के आयोजन में शामिल हुए।
मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि बुंदेलखंड हैकाथॉन 2024 में आज हम एक ऐसे मोड़ पर खड़े हैं, जहाँ से बुंदेलखंड की प्रतिभा पूरी दुनिया को अपनी ओर आकर्षित करने वाली है। यह हैकाथॉन सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि हमारे युवाओं के सपनों को उड़ान देने का मंच है।
क्या आप जानते हैं कि भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप देश बन गया है? यह गर्व की बात है। और अब सागर जैसे शहरों की बारी है इस स्टार्टअप क्रांति में अपनी अमिट छाप छोड़ने की।
मेरे युवा साथियों, आप सोच रहे होंगे क्या हम कर पाएंगे? मैं कहता हूँ -हम क्यों नहीं कर सकते! आपके पास वही प्रतिभा है, वही जुनून है जो दिल्ली या बेंगलुरु के युवाओं के पास है। बस जरूरत है अपनी क्षमताओं पर विश्वास करने की ।
इस हैकाथॉन में आपके द्वारा विकसित समाधान न सिर्फ सागर या बुंदेलखंड के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गेम-चेंजर हो सकते हैं। याद रखिए, हर महान कंपनी की शुरुआत एक छोटे से विचार से हुई थी।
प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े है। स्टार्टअप हब के रूप हमारा लक्ष्य है सागर को एक प्रमुख स्टार्टअप हब में विकसित करना। जब भोपाल, इंदौर का युवा अपना नाम कर सकता है, तो सागर का युवा क्यों पीछे रहे?
उन्होंने कहा कि, वे विशेष रूप से बेटियों से कहना चाहते हैं कि आप अपने सपनों को पंख दें। कोई भी चुनौती अपने आप में बड़ी या छोटी नहीं होती, बस हमारा दृष्टिकोण उसे बड़ा या छोटा बनाता है।
आज से, हम सब मिलकर एक नया अध्याय लिखने जा रहे हैं। सागर से शुरू होकर, यह स्टार्टअप की लहर पूरे मध्यप्रदेश और भारत में फैलेगी।
सपनों को यथार्थ में बदलने का माध्यम है बुंदेलखंड हेकेथान , स्टार्टअप इस दिशा में पहला कदम – विधायक शैलेन्द्र जैन
सागर विधायक शैलेंद्र जैन ने कहा कि बुंदेलखंड हेकेथॉन सपनों को यथार्थ में बदलने का माध्यम साबित होगा। स्टार्टअप इस दिशा में पहला कदम है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार सूक्ष्म, लघु उद्योग तथा स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देने एवं स्टार्टअप को प्रोत्साहन देने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बुंदेलखंड के औद्योगिक विकास के लिए दृढ़ संकल्पित है।
क्या आप जानते हैं कि भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप देश बन गया है? यह गर्व की बात है। और अब सागर जैसे शहरों की बारी है इस स्टार्टअप क्रांति में अपनी अमिट छाप छोड़ने की।
मेरे युवा साथियों, आप सोच रहे होंगे क्या हम कर पाएंगे? मैं कहता हूँ -हम क्यों नहीं कर सकते! आपके पास वही प्रतिभा है, वही जुनून है जो दिल्ली या बेंगलुरु के युवाओं के पास है। बस जरूरत है अपनी क्षमताओं पर विश्वास करने की ।
इस हैकाथॉन में आपके द्वारा विकसित समाधान न सिर्फ सागर या बुंदेलखंड के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गेम-चेंजर हो सकते हैं। याद रखिए, हर महान कंपनी की शुरुआत एक छोटे से विचार से हुई थी।
प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े है। स्टार्टअप हब के रूप हमारा लक्ष्य है सागर को एक प्रमुख स्टार्टअप हब में विकसित करना। जब भोपाल, इंदौर का युवा अपना नाम कर सकता है, तो सागर का युवा क्यों पीछे रहे?
उन्होंने कहा कि, वे विशेष रूप से बेटियों से कहना चाहते हैं कि आप अपने सपनों को पंख दें। कोई भी चुनौती अपने आप में बड़ी या छोटी नहीं होती, बस हमारा दृष्टिकोण उसे बड़ा या छोटा बनाता है।
आज से, हम सब मिलकर एक नया अध्याय लिखने जा रहे हैं। सागर से शुरू होकर, यह स्टार्टअप की लहर पूरे मध्यप्रदेश और भारत में फैलेगी।
सपनों को यथार्थ में बदलने का माध्यम है बुंदेलखंड हेकेथान , स्टार्टअप इस दिशा में पहला कदम – विधायक शैलेन्द्र जैन
सागर विधायक शैलेंद्र जैन ने कहा कि बुंदेलखंड हेकेथॉन सपनों को यथार्थ में बदलने का माध्यम साबित होगा। स्टार्टअप इस दिशा में पहला कदम है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार सूक्ष्म, लघु उद्योग तथा स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देने एवं स्टार्टअप को प्रोत्साहन देने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बुंदेलखंड के औद्योगिक विकास के लिए दृढ़ संकल्पित है।
कलेक्टर संदीप जी. आर. ने कहा कि शासन की मंशा हमेशा समस्याओं को हल करने की दिशा में नीति बनाने की होती है। सागर जिले में भी इसी दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं। सागर जिले में रंगीन रोटी कैंपेन भी इस तरीके का ही एक प्रयास है, जिसमें हमारे स्कूली और आंगनवाड़ी बच्चे पोषण युक्त आहार प्राप्त कर रहे हैं। सागर में भी स्टार्टअप्स तथा औद्योगिक वातावरण को बढ़ावा देने के लिए इनक्यूबेशन सेंटर, को-वर्किंग स्पेस जैसी अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं।