महाराष्ट्र बीड जिले में फसें आदिवासी मजदूरों हुए मुक्त

महाराष्ट्र बीड जिले में फसें आदिवासी मजदूरों हुए मुक्त

सागर। कलेक्टर दीपक आर्य ने शिकायत प्राप्त होने पर तत्काल कार्रवाई करते हुए महाराष्ट्र में फसे शाहगढ़ विकासखंड के ग्राम पापेट एवं रूलावन के 17 आदिवासी मजदूरों को मुक्त कराया है।

कलेक्टर बताया कि, शाहगढ़ के ग्राम पापेट के अनरत आदिवासी एवं लक्ष्मण आदिवासी द्वारा शिकायत की गई थी कि मेरे परिवार के सदस्यों को महाराष्ट्र के बीड़ जिले के कुछ लोग गन्ना मजदूरी करने के लिए ले गए और हमसे कहा गया था कि उन्हें गन्ना मजदूरी के बदले अच्छी मजदूरी (रुपये) प्रदान की जाएगी। पापेट निवासी श्री अनरत आदिवासी एवं लक्ष्मण आदिवासी ने शिकायत में बताया कि हमारे परिवार के सदस्यों को अच्छी मजदूरी के बहाने गन्ना कटाई के लिए पुरुषों और महिलाओं को 600 रूपये प्रति टन के हिसाब से देने एवं रहने की उचित व्यवस्था देने और कच्चा राशन उपलब्ध करने की बात कह कर दो लोडिंग पिकअप गाड़ी से गाँव पापेट, तहसील शाहगढ़, जिला सागर से दो दिन की यात्रा करने के बाद मोगरागाँव तहसील – मजलगाँव जिला बीड, – महाराष्ट्र राज्य पहुंचे। ठेकेदार द्वारा ग्राम मोगरा गन्ना खेत पर झोपड़ी बना कर रहने को कहा गया और खेत पर गन्ना कटाई का काम शुरू कराया गया। ठेकेदार से राशन के लिए पैसे मांगे गए तो ठेकेदार ने अपनी दुकान से 4-5 दिन का राशन लेकर दिया। और सुबह 7 बजे से शाम 6- 7 बजे तक 11-12 घंटे काम कराया जाने लगा, एक माह बाद ठेकेदार से पैसे मांगने पर अगले माह देने को कहा गया और 2 माह होने पर मजदूरी के पैसे कि मांग की गई उस के बाद से गोविन्द्र बंजारा पता नहीं कहा चले गए। मालिक से मजदूरी के पैसे की मांग की गई तो मालिक द्वारा अपशब्द बोले गए और जान से मारने की धमकी दी गई। एक दो महिला साथी मजदूरों के साथ मारपीट भी की उन्होंने बताया कि उनसे जबरदस्ती देर रात तक काम कराया जा रहा है। और जैसा बोलकर लाया गया था कि प्रतिदिन पुरषों और महिलाओं को 600 रूपये की मजदूरी दी जाएगी, वह न देकर ठेकेदार ने कहा कि 300 रुपये प्रति टन के हिसाब से पैसे दिए जाएंगे। राशन के लिए भी पैसे नहीं दिए जा रहे हैं।

कलेक्टर श्री आर्य ने बताया कि जब शिकायतकर्ता द्वारा इस प्रकार की घटना बताई गई तब तत्काल कार्रवाई करते हुए सिटी मजिस्ट्रेट श्रीमती जूही गर्ग को महाराष्ट्र पुलिस से संपर्क करने के लिए कहा गया एवं लगातार मानीटिरिंग करने एवं उन मजदूरों को सागर वापस लाने के लिए प्रयास किए गए। सिटी मजिस्ट्रेट श्रीमती जूही गर्ग ने बताया कि, कलेक्टर के निर्देश के पश्चात करवाई की गई एवं सागर एवं महाराष्ट्र में जन साहस एवं विकास मंडल संस्था की सदस्यों का भी सहयोग लिया गया।

उन्होंने बताया कि जनसाहस विकास मंडल संस्था के श्री अशोक सूर्य, दीक्षा सिंह एवं श्री कल्याण सिंह लोधी सागर निवासी एवं बीड के श्री परमेश्वरी जी से भी सतत् संपर्क किया गया। उन्होंने लगातार सहयोग करते हुए सभी आदिवासी मजदूरों को मुक्त कराने में महाराष्ट्र पुलिस के सहयोग से कार्रवाई की एवं उन्हें मुक्त कराया गया। उन्होंने बताया कि सभी 17 आदिवासी मजदूर भाई बहन सकुशल सागर आ गए हैं। श्रीमती गर्ग ने बताया कि अपर कलेक्टर  शैलेंद्र सिंह के द्वारा लगातार सहयोग करते हुए एवं कार्रवाई की मानीटिरिंग करते हुए आदिवासी बंधकों को छुड़ाने में सहयोग प्रदान किया।

श्रीमती गर्ग ने बताया कि सागर पहुंचने पर कलेक्टर कार्यालय में अपर कलेक्टर श्री शैलेंद्र सिंह द्वारा उन्हें टीका लगाकर एवं पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया गया ।उन्होंने बताया कि सभी को विशेष वाहन से उनके गृह ग्राम तक पहुंचाया गया है। शेष कार्रवाई की जा रही है ।

उन्होंने बताया कि जो 17 आदिवासी बंधक मुक्त हुए हैं उनमें श्री उत्तम पिता मंगल आदिवासी, श्रीमती रति बाई पति श्री उत्तम आदिवासी, श्री नरेन्द्र पिता श्री उत्तम आदिवासी सभी निवासी ग्राम- रुरावन, ओमेद आदिवासी, श्रीमती राधा पति श्री ओमेद आदिवासी, श्री राजेंद्र पिता श्री ओमेद आदिवासी, श्री नन्हे लाल , श्रीमती कमली पति श्री नन्हे लाल , श्री हरी सिंह , श्रीमती कला पति श्री हरी सिंह, श्री अर्जुन पिता श्री हरी सिंह, श्री वीर सिंह पिता श्री हरी सिंह, श्री राम मिलन रामू,श्री नन्हे, श्रीमती चंदा पति श्री नन्हे, श्री आकाश पिता श्री नन्हे , श्री यसवंत पिता श्री नन्हे सभी निवासी ग्राम – पापेट शाहगढ़ – सागर शामिल हैं।

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