जब तक छात्र आत्मनिर्भर नहीं बनेगा तब तक देश आत्मनिर्भर नहीं बनेगा

जब तक छात्र आत्मनिर्भर नहीं बनेगा तब तक देश आत्मनिर्भर नहीं बनेगा”

अतुल कोठारी स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय सागर में दिनांक 10 सितम्बर 2023 रविवार को “राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिपेक्ष्य में आत्मनिर्भर भारत, कुशल भारत स्वावलंबी भारत विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्टी का आयोजन हुआ जिसमें मुख्य अतिथि  अतुल कोठारी  शिक्षाविद् एवं सचिव, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली. व्ही. सतीश . राष्ट्रीय संगठक, नई दिल्ली, गणेश खुड़े  सदस्य एन. एस. डी. सी. नई दिल्ली रहे। स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय द्वारा आत्मनिर्भर बनाने हेतु निःशुल्क प्रशिक्षण केन्द्रों पर जिन सामग्रियों का प्रशिक्षण दिया जाता है उनके स्टॉल लगायें गये जिनका भ्रमण अतिथियों द्वारा किया गया तथा सभी कार्यों एवं सामग्रियों की सराहाना भी की। इस संगोष्ठी में प्रशिक्षण प्राप्त कताओं ने भी अपनी उपस्थिति दी एवं प्राप्त प्रशिक्षण के लाभों का विवरण दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीपप्रज्जवलन एवं अतिथियों के स्वागत के साथ हुआ। परिचय एवं स्वागत भाषण संस्था के संस्थापक कुलपति डॉ. अनिल तिवारी जी द्वारा दिया गया। आपने कहा कि जब से स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास से जुड़ा है तब से नित नई ऊँचाईओं को पाया है। आगामी समय में विश्वविद्यालय द्वारा निःशुल्क कम्प्यूटर प्रशिक्षण भी दिया जाएगा इसकी घोषण की निःशुल्क प्रशिक्षण का उद्देश्य आत्मनिर्भर होना एवं परिवार की आर्थिक व्यवस्था को मजबूत करना है। आत्मनिर्भर होना सर्वागीण उन्नती का आधार होता है। वक्तव्य की अगली श्रृंखला में मा. श्री अतुल कोठारी जी ने कहा कि – जब तक छात्र आत्मनिर्भर नही बनेगा तब तक देश आत्मनिर्भर नहीं बनेगा भारत के प्रधान मंत्री मा. नरेन्द्र मोदी जी ने जब आत्मनिर्भर भारत का आहवान किया था तब हमारे समक्ष यह सवाल उत्पन्न हुआ था कि राष्ट्रीय शिक्षा निति 2020 में आत्मनिर्भर भारत का क्रियान्वयन कैसे होगा इसका जबाव हमें मिला कि जब तक देश का छात्र आत्मनिर्भर नहीं होगा तब तक यह देश आत्मनिर्भर नहीं हो सकता मा. श्री व्ही. सतीश जी, राष्ट्रीय संगठक, नई दिल्ली ने कहा कि आत्मनिर्भरता आत्मविश्वास को बढ़ाने में सहायक होती है जिसके कारण सफलता की राह आसान हो जाती है। आत्मनिर्भर व्यक्ति अपने समय का सदुउपयोग अच्छी तरह से कर सकता है। मा. श्री गणेश खुडें जी ने कहा कि स्वयं परिश्रम से अर्जित की – गयी सम्पत्ति का आनंद ही कुछ और होता है यदि हम किसी की सराहना लेना चाहते है तो अपने अन्दर छिपी योग्यता को बाहर लाना होगा आत्मनिर्भर व्यक्ति के लिए सफलता के दरवाजे हमेशा खुले होते है अध्यक्षीय उद्बोधन संस्था के कुलाधिपति डॉ. अजय कुमार तिवारी जी द्वारा दिया गया आपने कहा कि नई शिक्षा नीति द्वारा बेरोजगारी दूर कर उन्हे आत्मनिर्भर बनाने के लिए देश में व्यवसायिक शिक्षा पर जोर दिया जा रहा है। आज भारत भी विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में खड़ा हुआ है। आज हम अपने छात्रों को परिश्रमी एवं आत्मनिर्भर बनने की शिक्षा पर जोर दे रहें। कायक्रम के अन्त में आत्मनिर्भर भारत केन्द्र प्रभारियों एवं सहयोगियों के साथ बैठक की एवं विमर्श हुआ। कार्यक्रम में डॉ. सुनीता जैन प्रभारी कुलपति, डॉ. नीरज तोपखाने उपकुलपति डॉ. सुनीता दीक्षित, डॉ. संजय चौहान, डॉ. अभिषेक सराफ, डॉ. वीरेन्द्र गौतम,  शैलबाला वैरागी ज्योति गौतम, सुमन तिवारी, सभी प्रशिक्षार्थियों ने अपनी उपस्थिती देकर कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की। कार्यक्रम का समापन कल्याण मंत्र के साथ हुआ ।

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