आपरेशन सिंदूर की अपार सफलता पर महिलाओं ने लगाए 121 सिंदूर के पौधे
प्रधानमंत्री की प्रेरणा से विचार समिति द्वारा मंगलगिरी पहाड़ी पर सिंदूर उद्यान की स्थापना की गई
सागर। जहां नारी सशक्त होती है, वहां समाज प्रगति करता है। इस विचार को साकार करने वाला एक प्रेरणादायक आयोजन मंगलगिरी पहाड़ी पर देखा गया, जब आपरेशन सिंदूर की ऐतिहासिक सफलता के उपलक्ष्य में विचार समिति द्वारा आयोजित पौधारोपण में महिलाओं ने नारी शक्ति के शौर्य, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक चेतना के प्रतीक स्वरूप 121 सिंदूर के पौधे रोपे। यह आयोजन सिर्फ एक पौधारोपण कार्यक्रम नहीं है, बल्कि एक सांस्कृतिक आंदोलन बन गया है, जिसमें नारी शक्ति, देशभक्ति और प्रकृति संरक्षण का त्रिवेणी संगम देखने को मिला।
दरअसल जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारत ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी। भारतीय सेना ने आतंकियों को मार गिराया था। इस ऑपरेशन का नाम सिंदूर रखा गया था।
विचार समिति अध्यक्ष कपिल मलैया ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा से भारतीय सेना के शौर्य ऑपरेशन सिंदूर की स्मृति में मंगलगिरी में सिंदूर उद्यान की स्थापना 22 जून 2025 को की गई है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ पौधारोपण नहीं, यह समाज में जागरूकता का बीज बोने जैसा है। आपरेशन सिंदूर ने यह सिद्ध कर दिया कि यदि नारी स्वयं सशक्त हो जाए, तो वह अन्य महिलाओं को भी दिशा दिखा सकती है। इस पौधारोपण कार्यक्रम में पौधे के साथ महिलाओं के नाम की तख्ती लगाई गई है। उन्होंने बताया कि सिंदूर का पौधा औषधीय गुणों से भरपूर वृक्ष है। यह पौधा न सिर्फ पर्यावरण के लिए लाभकारी है, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी समर्पण और नारी के सम्मान का प्रतीक माना जाता है। सिंदूर को भारतीय संस्कृति में सुहाग, शक्ति और आस्था का प्रतीक माना गया है, इसलिए इस पौधे को लगाना एक गहरा संदेश देने जैसा रहा। उन्होंने कहा कि मंगलगिरी में 12 हजार से अधिक पौधे लगाए गए थे। समिति द्वारा अच्छी देखरेख में आज इन पौधों ने पहाड़ी क्षेत्र में जंगल का रूप ले लिया है। महिलाओं द्वारा लगाए जा रहे सिंदूर के पौधों की भी देखरेख समिति द्वारा की जाएगी।
कार्यकारी अध्यक्ष सुनीता अरिहंत ने बताया कि महिलाओं ने जब एक-एक पौधा रोपित किया, तो वातावरण में एक पवित्र और सशक्त ऊर्जा का संचार हुआ। हर पौधे के साथ महिलाओं ने एक संकल्प लिया हम नारी सुरक्षा और प्रकृति संरक्षण दोनों के लिए जागरूक रहेंगी और समाज को भी जागरूक करेंगी। उन्होंने कहा कि इस आयोजन में शहर की घरेलू महिलाएं, सामाजिक संस्थाओं से जुड़ी महिलाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
मार्गदर्शक शफीक खान ने बताया कि इस कार्यक्रम ने यह सिद्ध कर दिया कि सामाजिक बदलाव सिर्फ नारेबाज़ी से नहीं, सामूहिक भागीदारी और जमीनी प्रयासों से आता है। यह आयोजन समाज के हर वर्ग को यह संदेश देता है कि जब नारी और प्रकृति दोनों सशक्त होंगी, तभी सच्चे अर्थों में समृद्ध भारत की कल्पना साकार होगी।
इस आयोजन के विशिष्ठ अतिथि अध्यक्ष मंगलगिरी ट्रस्ट जय कुमार जैन उपस्थित थे।
*इन संस्थाओं ने पौधे रोपे*
ब्राह्मी संभाग की संभागीय अध्यक्ष संध्या रांधेलिया, प्रीती मलैया, स्वदेशी जागरण मंच सागर, अखिल भारत वर्षीय दिगंबर जैन महिला परिषद की प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. आशा जैन, शकुंतला जैन व परिषद की समस्त शाखाएं, केंद्रीय संरक्षिका एड. रश्मि ऋतु जैन, आदिनाथ शाखा, मुख्य शाखा, ज्ञान ज्योति शाखा अध्यक्ष आत्म ज्योति जैन, आदिनाथ शाखा अध्यक्ष रजनी चौधरी, चंदना शाखा, महावीर शाखा, विद्यासागर शाखा, वर्धमान शाखा, वीर शाखा, सिद्धायातन शाखा, जैन मिलन नगर शाखा, मैत्री महिला मंडल रामपुरा, त्रिशला संभाग महावीर शाखा, आदिनाथ महिला परिषद, चंद्रप्रभु शाखा एवं कामना दुबे, नंदनी दुबे, अर्चना जैन (खाद), शरद रांधेलिया, दीप्ती चंदेरिया आदि महिलाओं ने पौधा रोपण किया।