राजस्व न्यायालयों में सुधार की तैयारी, अब नहीं मिलेगी ‘तारीख पर तारीख’
भोपाल। राजस्व मामलों के शीघ्र समाधान के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लेने की तैयारी कर ली है। अब तक समय-समय पर चलाए जाने वाले महा अभियानों में लाखों मामलों का निराकरण तो हुआ है, लेकिन लंबित प्रकरणों की जड़ में जाकर समाधान करने के उद्देश्य से सरकार एक स्थायी व्यवस्था लागू करने जा रही है। इस व्यवस्था के तहत राजस्व न्यायालयों में “तारीख पर तारीख” मिलने की शिकायतें समाप्त करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।
राजस्व विभाग के प्रस्ताव के अनुसार, नायब तहसीलदार और तहसीलदारों के कार्यों का बंटवारा किया जाएगा। एक अधिकारी को कानून-व्यवस्था और प्रोटोकॉल (सत्कार) संबंधी कार्य सौंपे जाएंगे, जबकि अन्य अधिकारी राजस्व न्यायालय में नियमित रूप से बैठकर मामलों का निराकरण करेंगे। इससे न्यायालयों में अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित होगी और प्रकरणों के समाधान में तेजी आएगी।
इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर निर्णय मंगलवार को नर्मदापुरम जिले के पर्यटन स्थल पचमढ़ी में आयोजित होने वाली कैबिनेट बैठक में लिया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव करेंगे।
मुख्यमंत्री करेंगे 54.37 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन
पचमढ़ी में आयोजित इस बैठक के दौरान मुख्यमंत्री कुल 54.37 करोड़ रुपये की लागत से तैयार विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और भूमिपूजन भी करेंगे। इसमें पर्यटन विभाग की 33.88 करोड़ रुपये की लागत के 11 कार्यों का लोकार्पण और 20.49 करोड़ रुपये की लागत से 9 कार्यों का भूमिपूजन किया जाएगा।
इन परियोजनाओं में शामिल हैं:
जयस्तंभ क्षेत्र के मार्गों का सौंदर्यीकरण
धूपगढ़ में जल आपूर्ति हेतु पाइपलाइन और पंप हाउस की स्थापना
पचमढ़ी प्रवेश द्वार का सौंदर्यीकरण
सतपुड़ा रिट्रीट में किचन, रेस्टोरेंट और स्विमिंग पूल का नवीनीकरण
पर्यटन सेवाओं का विस्तार
जटाशंकर एवं पांडव गुफाओं पर महिला सशक्तिकरण के तहत पिंक टॉयलेट लाउंज का लोकार्पण
हांडी खो और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र में पर्यटन सुविधाओं का विकास
कम्युनिटी सेंटर का निर्माण
ग्लेन व्यू में केंद्रीय नर्सरी की स्थापना
हिलटॉप बंगले को होम-स्टे में परिवर्तित करने का कार्य
इस कदम से न सिर्फ न्यायिक प्रक्रिया को गति मिलेगी बल्कि प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र को भी नई पहचान और मजबूती मिलेगी।