सागर में चैक बाउंस के मामलें में 6 माह की सजा, 18 लाख न दिए तो सजा बढ़ेगी

सागर। परिवादी श्रीमती शिल्पा राजपूत ने उक्त परिवाद इस आधार पर पेश किया कि वह केवल नेटवर्क की प्रोप्राईटर है, तथा अभियुक्त देवब्रत सिंह बैस गुरू इंटरप्राईजेज का प्रोप्राईटर है। परिवादी सागर केवल नेटवर्क के नाम से केवल नेटवर्क का व्यवसाय करती है, तथा सिटी सागर केवल नेटवर्क के साथ 51 प्रतिशत एवं 49 प्रतिशत भागीदारी के तहत् कार्य कर रही है तथा उक्त कम्पनी के नाम से सागर शहर में सब आपरेटर्स को नेटवर्क प्रदान करती है, तथा बदले में शर्त अनुसार सेटअप बाक्स एविटेवेशन एवं मंथली राशि प्राप्त करती है। परिवादी ने अभियुक्त को सिविल लाईन मकरोनिया हाकहिल, बटालियन क्षेत्र में अपना सब आपरेटर्स नियुक्त किया तथा अभियुक्त को प्रतिमाह प्रति था कनेक्शन एविटवेशन एवं भुगतान करना तय हुआ था, किन्तु आपसी संबंध का हवाला देते हुए विगत डेढ़ वर्षों से अपने सेटअप बाक्स एविटेवेशन चार्ज एवं मंथली का भुगतान परिवादी को नहीं किया। परिवादी द्वारा परिवाद में आगे यह भी आधार लिया गया कि अभियुक्त ने बीच-बीच में कुछ राशि चैको के माध्यम से सागर केवल नेटवर्क में जमा की थी, किन्तु सम्पूर्ण लेखा-जोखा होने पर 11,65,000/- रूपये की राशि लेना शेष निकला, जब परिवादी के द्वारा उक्त राशि की माँग की, तो अभियुक्त आजकल कर बहाना करता रहा, जब परिवादी ने सर्विस बंद करने का हवाला दिया तब अभियुक्त ने परिवादी को 10 सिविल लाईन स्थित आफिस में आकर दिनॉक 14.11.2017 को राशि 11,65,000/- रूपये का अपने खाताधारी बैंक सिंडिकेट बैंक शाखा सागर का चैक कमांक 504811 का अभियुक्त के स्वयं के हस्ताक्षर व सील सहित दिया था, तथा कहा था कि उक्त चैक बैंक में जमा कर भुगतान प्राप्त कर ले। परिवादी ने अभियुक्त के निर्देशानुसार चैक कं. 504811 को अपने खाताधारी बैंक में जमा किया, तो उक्त वर्णित चैक दिनाँक 16.11.2017 को इस आशय की टीप के साथ फंड इंसफिसीयेन्ट के साथ अनादरित हो गया था जिसपर न्यायालय में मामला लंबित था और फैसला आया हैं।

 

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