भाषिक संस्कृति के द्वारा ही सुसंस्कृत समाज का निर्माण किया जा सकता है – डॉ.लक्ष्मी पांडेय
हिन्दी दिवस पर तेलुगू भाषी लेखक को किया सम्मानित
सागर। हिंदी दिवस पर 14 सितंबर को श्यामलम् द्वारा 11वां वार्षिक व्याख्यान माला और सम्मान समारोह का गरिमामय कार्यक्रम कन्या स्नातकोत्तर उत्कृष्टता महाविद्यालय सागर की
सहभागिता में आयोजित किया
गया। इस अवसर पर अहिंदीभाषी लेखक को हिंदी सेवा के लिए दिए जाने वाले वार्षिक श्यामलम् हिंदी सेवी सम्मान 2024 से डॉ. हरी सिंह गौर विश्वविद्यालय में प्रभारी कम्प्यूटर और रिजल्ट प्रोसेसिंग (मूलतः तेलुगू भाषी)
शिक्षाविद् डॉ.के.कृष्णाराव को अलंकृत किया गया।
कार्यक्रम में इसके अलावा कवयित्री डॉ.वर्षा सिंह स्मृति रचनाकार सम्मान सुनीला सराफ अध्यक्ष हिंदी साहित्य सृजन संघ,सागर को प्रदत्त किया गया।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. शरद सिंह, स्तंभकार डॉ.सुजाता मिश्र,स्वर संगम अध्यक्ष हरी सिंह ठाकुर और श्यामलम् के कार्य. सदस्य रमाकांत शास्त्री ने सम्मानितों के अभिनंदन पत्रों व जीवन परिचय का वाचन किया।
कार्यक्रम की प्रमुख वक्ता वरिष्ठ साहित्यकार, साहित्य सरस्वती की संपादक डॉ. लक्ष्मी पांडे ने व्याख्यान माला के विषय “हिंदी: दशा और दिशा” पर पर अपने वक्तव्य में कहा कबीरदास ने कहा है – भाषा बहता नीर, लेकिन कबीर की उक्ति को हम इस तरह चरितार्थ नहीं कर सकते कि भाषा को व्याकरण के मानकों से मुक्त कर सरल से सरलतम बनाने के लिए लोक व्यवहार के प्रवाह में छोड़ दें ,इससे भाषा सरल होने के बजाय विकृत हो रही है। हिंदी भाषा की 1960 से पूर्व वाली गरिमा को बनाए रखना हमारा दायित्व है। संस्कृत देव भाषा है ,मां है। हिंदी संस्कृत की बेटी है। हिंदी अपने गौरव और गरिमा को बनाए रखे ताकि उसकी मां संस्कृत लज्जित न हो। हिंदी की मान रक्षा हमारा धर्म और कर्म है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ.अजय तिवारी ने कहा यदि हम दूसरों की भाषा का सम्मान करेंगे तो हमारा और हमारी भाषा का सम्मान भी अपने आप होगा। उन्होंने श्यामलम् को सर्वाधिक सक्रिय और प्रतिष्ठित संस्था के रूप में अभिव्यक्त किया।
अध्यक्षीय उद्बोधन में कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आनंद
तिवारी ने कहा कि जिस तरह अलग-अलग पर्वतों, क्षेत्रों से निकली नदियां समुद्र में समाहित हो जाती हैं वैसे ही समुद्र की तरह हिन्दी है जिसमें अनेकों बोलियां व भाषाएं वह अपने में समाहित कर लेती है । विश्व के लगभग समस्त देशों मे हिन्दी भाषी क्षेत्र हैं जिनके माध्यम से हिंदी लगातार समृद्धि की ओर है।
कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि जन भागीदारी समिति अध्यक्ष मनीषा मिश्रा ने भीअपने विचार व्यक्त किया।
अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन किया गया। सरस्वती वंदना का समवेत मधुर गायन महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा किया गया।अतिथि स्वागत श्यामलम् सचिव कपिल बैसाखिया,सह सचिव संतोष पाठक, कवि अंबिका यादव,कु. दीपाली गुरु द्वारा किया गया। स्वागत उद्बोधन एवं कार्यक्रम परिचय श्यामलम् अध्यक्ष उमा कान्त मिश्र ने दिया।
कार्यक्रम का व्यवस्थित और सुचारू संचालन डॉ. अमर कुमार जैन, प्राध्यापक कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय द्वारा किया गया। कन्या महाविद्यालय की प्राध्यापक डॉ.अंजना चतुर्वेदी तिवारी ने आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर हिंदी प्रेमी श्रोताओं नगर के प्रबुद्धजन, महाविद्यालय की छात्राओं व स्टाफ की बड़ी संख्या में उपस्थिति महत्वपूर्ण रही जिनमें शिवरतन यादव,विहिप अध्यक्ष अजय दुबे,डॉ आशीष द्विवेदी,जी एल छत्रसाल, डॉ जी एल दुबे,टीकाराम त्रिपाठी, पूरन सिंह राजपूत, रमेश दुबे, विनय मिश्रा, सुबोध मलैया, डॉ चंचला दवे,
दीपा भट्ट,ज्योति विश्वकर्मा, निधि यादव,ममता भूरिया,उषा वर्मन, सुमन झुड़ेले,जयंती लोधी, श्रीमती के शैलजा,ज्योति झुड़ेले,डॉ नलिन जैन, डा अनिल जैन,ज. ल.प्रभाकर, अभिनंदन दीक्षित, प्रदीप पांडेय, गोवर्धन पटेरिया,डॉ.रामरतन पांडेय, राजेंद्र मिश्रा, श्रवण श्रीवास्तव,पवन रजक, वीरेंद्र प्रधान,माधव चन्द्रा, आशुतोष शर्मा, मुकेश तिवारी, कुंदन पाराशर, पेट्रिस फुसकेले, हरि शुक्ला, विवेक शर्मा सीनियर, सोमेन्द्र शुक्ल पांडेय,पुष्पेंद्र दुबे, संजय खरे,एम शरीफ,देवीसिंह राजपूत,बिहारी सागर,पी एन मिश्रा, डॉ ऋषभ भारद्वाज,रमेश कुमार चौकसे,राज कुमार तिवारी, शैलेंद्र श्रीवास्तव, अतुल श्रीवास्तव,श्रीधर राव, सौरभ दुबे, हर्षिता ठाकुर के नाम उल्लेखनीय हैं।