आज से 1800 साल पहले शिव की प्रतिमा अंकित ये सिक्का अफ़ग़ानिस्तान में चला करता था:-पढ़े

भगवान शिव की प्रतिमा अंकित ये सिक्का अफ़ग़ानिस्तान मे आज से 1800 साल पहले चला करता था। शिव को आदिदेव ऐसे ही नहीं कहते, दुनिया में सबसे पहले अगर किसी ईश्वर की पूजा के प्रमाण मिले हैं तो वो शिव के ही मिले हैं। 5000 साल पुरानी हड़प्पा संस्कृति मे शिव की पूजा पशुपतिनाथ के रूप मे होती थी क्यूँकि तब उस संस्कृति ने पहली बार पशुपालन सीखा था, गाय और बैल दूध और खेती के लिए उपयोग होते थे और उनके रक्षक देव के रूप में महादेव की पूजा पशुपतिनाथ के रूप में होती थी।

शिव को हमारी सनातन संस्कृति में महाकाल का दर्जा प्राप्त है, वो खुद काल यानि समय की तरह अनादि और अनंत हैं। लेकिन सृष्टि के हर जीव का काल यानि उसका इस धरा पर कालखंड वही निर्धारित करते हैं।

वो एक मात्र एक ऐसे देव हैं जिनकी पूजा अर्धनारिश्वर रूप में होती है, और वही एक मात्र ऐसे भगवान हैं जिनका जन्मदिन नहीं बल्कि शादी की सालगिरह मनाई जाती है।

तो ऐसे अर्धनारिश्वर शिव और पार्वती को प्रणाम करते शिव जी हम सब पर अपनी कृपा बनाए रखें।

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