युवती के साथ दुष्कर्म़ करने वाले को आजीवन सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड
सागर। युवती के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी छोटू उर्फ राधेष्याम को तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की न्यायालय ने दोषी करार देते हुये भा.द.वि. की धारा-366 के तहत 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदण्ड, धारा 376(1) के तहत 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पांच हजार रूपये अर्थदण्ड, धारा 342 के तहत 01 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पांच सौ रूपये अर्थदण्ड, धारा 506(भाग-2) के तहत 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदण्ड एवं अनु. जाति एवं जनजाति(अत्या. निवा.) अधि. की धारा 3(1)(w)(i) के तहत 03 वर्ष का सश्रम कारावास व पांच सौ रूपये अर्थदण्ड, धारा 3(2)(v) के तहत आजीवन सश्रम कारावास व पांच हजार रूपये का अर्थदण्ड, धारा 3(2)(v-a) के तहत पांच वर्ष का सश्रम कारावास व एक हजार रूपये के अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया गया है। प्रकरण में बालिका के पुनर्वास के लिये उसे क्षतिपूर्ति के रूप में 4 लाख रूपये प्रतिकर दिये जाने का आदेष किया गया है। मामले की पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी रिपा जैन ने की।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि षिकायतकर्ता/बालिका ने दिनांक 18.09.2019 को पुलिस थाना जैसीनगर में एक लिखित आवेदन इस आषय का दिया कि दिनांक 13.09.2019 के दोपहर करीब 2ः30 बजे वह स्कूल से लंच होने पर उसके घर जाने के लिये निकली तभी कुछ दूर जाने पर रास्ते में टेपरे के पास उसे, अभियुक्त राधे उर्फ छोटू ठाकुर मिला जो उसका बैग लेकर दौड़कर एक कमरे के अंदर चला गया, वह पीछे-पीछे बैग लेने गई तो अभियुक्त छोटू उर्फ राधेष्याम ने उसे कमरे के अंदर कर गेट बंद कर लिया और वह चिल्लाई तो अभियुक्त छोटू उर्फ राधेष्याम ने उसका मुंह दबा लिया और बालिका द्वारा आवाज देने पर अभियुक्त छोटू उर्फ राधेष्याम ने उसे जान से मार कर फेंक देने की धमकी दी तथा जबरदस्ती उसके साथ बुरा काम किया। उसी समय मोहल्ले के कुछ आदमी आ गये जिनकी आवाज सुनकर छोटू उर्फ राधेष्याम उसे छोड़कर भाग गया और जाते-जाते भी उसने बालिका को घटना के बारे में बताने पर जान से मारने की धमकी दी थी। बालिका के माता-पिता रिष्तेदारी में बाहर गये होने से वह उस दिन रिपोर्ट लिखाने नहीं गयी तथा उसके माता पिता के आने पर उसने घटना के बारे में उसके माता पिता तथा उसकी बहनों को बताया फिर उसने उसके पिता के साथ थाने जाकर रिपोर्ट की। उक्त आवेदन के आधार पर अभियुक्त छोटू उर्फ राधेष्याम के विरूद्ध थाना जैसीनगर में अपराध क्रमांक 193/2019 अंतर्गत धारा 376, 366ए, 506 भा.दं.सं. एवं धारा 3/4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 एवं धारा 3(2)(v-a), 3(1)(w) अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्या. निवा.) अधिनियम 1989 के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध की जाकर प्रकरण विवेचना में लिया गया। अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। जहॉ विचारण उपरांत तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया है।