सागर जिला जल अभाव ग्रस्त घोषित, कलेक्टर ने लगाए यह प्रतिबंध

सागर जिला जल अभाव ग्रस्त घोषित

कलेक्टर ने नवीन निजी नलकूपों के खनन पर प्रतिबंध लगाया

सागर। कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट दीपक आर्य ने आगामी पेयजल संकट को देखते हुए सागर जिला को जल अभाव ग्रस्त घोषित किया है। उन्होंने मध्यप्रदेष पेय जल परिरक्षण अधिनियम 1986 संषोधित 2002 की धारा – 3 के अंतर्गत सागर जिले के षहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों को 29 मई से 30 जून तक की अवधि के लिए जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोशित किया है। जिले में निरंतर भू-जल की गिरावट को दृश्टिगत रखते हुये अधिनियम की धारा 6 (1) के अंतर्गत सम्पूर्ण जिले में अषासकीय व निजी नलकूप खनन करने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं नगरीय निकाय के अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि जल स्तर गिरने के एवं अधिकाष सतही जल स्त्रोत सूख जाने के कारण आगामी ग्रीश्मकाल में पेयजल संकट की संभावना को देखते हुये जिले की समस्त तहसीलों में मध्यप्रदेष पेयजल परिरक्षण अधिनियम के तहत पेयजल के अलावा अन्य प्रयोजन के लिए नवीन निजी नलकूपों के खनन पर प्रतिबंध लगाया जाना आवष्यक है।
कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट के द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि सागर जिले के सीमा क्षेत्र की सीमा में नलकूप, बोरिंग मशीन संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की अनुमति के बिना न तो प्रवेश करेगी (सार्वजनिक सड़कों से गुजरने वाली मषीनों को छोड़कर) और न ही बिना अनुमति के कोई नया नलकूप खनन करेगी।

प्रत्येक राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों को ऐसी बोरिंग मषीनों को जो अवैध रूप् से जिले में प्रतिबंधित स्थानों पर प्रवेष करेगी अथवा नलकूप खनन / बोरिंग का प्रयास कर रही मषीनों को जप्त कर पुलिस में एफ.आई.आर. दर्ज कराने का अधिकार होगा।
समस्त अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को उनके क्षेत्रान्तर्गत इस निमित्त अपरिहार्य प्रकरणों के लिए व अन्य प्रयोजनों हेतु उचित जष्च (संबंधित सहायक यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की जाँच) के बाद अनुज्ञा देने हेतु प्राधिकृत किया गया है। इस अधिसूचना का उल्लंघन करने पर अधिनियम की धारा 9 के अनुसार दो वर्श तक के कारावास या दो हजार रूप्ये तक का जुर्माना या दोनों से दण्डित करने का प्रावधान है।
उपरोक्त आदेष शासकीय योजनाओं के अंतर्गत किये जाने वाले नलकूप उत्खनन पर लागू नहीं होगा तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कार्य योजनान्तर्गत नलकूप खनन का कार्य कराया जा सकेगा. इस हेतु उपरोक्त अनुज्ञा प्राप्त किया जाना आवष्यक नहीं होगा ।

कूप एवं अन्य विद्यमान निजी जल स्त्रोतों का आवष्यकता होने पर सार्वजनिक पेयजल व्यवस्था हेतु अधिनियम की धारा 4 क ( 1 ) के अंतर्गत अधिगृहण किया जा सकेगा। कोई भी व्यक्ति जो पेयजल परिरक्षण अधिनियम की धारा 4 के अधीन कलेक्टर द्वारा पारित इस आदेश से व्यथित हो, संभागायुक्त को आदेष की तारीख से 30 दिवस के भीतर अपील कर सकेगा ।

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