नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड
सागर। विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति मिश्रा जिला-सागर की न्यायालय ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी मोतीलाल अहिरवार को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा- 5(स) सहपठित धारा 6 के तहत 20 वर्ष का सश्रम कारावास व आठ हजार रूपये अर्थदण्ड एवं भा.द.वि. की घारा-366 के तहत 03 वर्ष का सश्रम कारावास व एक हजार रूपये अर्थदंड की सजा से दंडित किया है। उक्त मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) धमेन्द्र सिंह तारन के मार्ग दर्षन में विषेष लोक अभियोजक मनोज कुमार पटैल ने की ।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि अभियोक्त्री (नागलीग पीड़िता) पिता द्वारा थाना मकरोनिया में रिपोर्ट दर्ज कराई, कि दिनांक-19.10.19 के दोपहर 1 बजे की बात है वह अपने मकान का काम करवा रहा था उसकी पत्नी कपड़े धोने गई थी, छोटा लड़का स्कूल व बड़ा लड़का टेक्सी लेकर गया था। जब वह करीब 2 बजे काम करने के बाद वापस घर पहुंचा तो अभियोक्त्री घर पर नही मिली उसने अपने पड़ोसी से अभियोक्त्री के बारे में पूछा तो उन्होंने कोई जानकारी न होना बताया। उसने अभियोक्त्री को अपने भतीजे के यहां जाकर देखा अभियोक्त्री वहां भी नही मिली न उसके बारे में कोई जानकारी मिली। इसके अलावा उसने आस-पास एवं अपनी साली के यहां व अपने पैत्रिक गांव में पता लगाया किंतु अभियोक्त्री का कोई पता नही चला। अभियोक्त्री फोन चलाना नही जानती न ही उसके पास फोन है। वह घटना के पहले अकेले कभी बाहर नही गई एवं अभियोक्त्री का हुलिया दर्शित करते हुए शंका व्यक्त की गई कि उसकी लड़की अभियोक्त्री को कोई अज्ञात व्यक्ति बहला-फुसलाकर भगा ले गया है। उक्त रिपोर्ट के आधार पर भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 363, 366, 376(3),376(2)(एन) एवं पाॅक्सो एक्ट, 2012 की धारा 5(एल)/6 व 3/4(2) का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान अभियोक्त्री को दस्तयाब किया गया एवं विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेष किया। विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला आरोपी के विरूद्ध संदेह से परे प्रमाणित किया। जहाॅं विचारण उपरांत न्यायालय विषेष न्यायाधीष (पाक्सों एक्ट) एवं नवम अपर सत्र न्यायाधीष श्रीमती ज्योति मिश्रा जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये आरोपी को उपरोक्त सजा से दंडित किया है।