सहा.उप.निरीक्षक एवं अन्य पुलिस बल पर तेजाब से हमला करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास की सजा
गजेंद्र ठाकुर✍️ सागर । सहा.उप.नरीक्षक एवं अन्य पुलिस बल पर तेजाब से हमला़ करने वाले आरोपी योगेश कुमार सोनी उर्फ लल्लू को न्यायालय-विशेष न्यायाधीश, अनुसूचित जाति जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम जिला-सागर संजीव श्रीवास्तव की न्यायालय ने दोषी करार देते हुये आरोपी को धारा 326 (ए) भा.द.स सपठित धारा 3(2)(5-क) अनु. जाति जन. (अ.नि.) अधिनियम(फरियादी अनिल कुजूर के संबंध में) आजीवन कारावास 5000/-रू. (अक्षरी-पांच हजार रूपये) अर्थदण्ड, धारा 326 (ए) भा.द.स (आहत शशि शिल्पी, के संबंध में) दस वर्ष के सश्रम कारावास 3000/-रू. (अक्षरी-तीन हजार रूपये) अर्थदण्ड, धारा 326 (ए) भा.द.स (आहत राजेश पांडे के संबंध में) दस वर्ष के सश्रम कारावास 3000/-रू. (अक्षरी-तीन हजार रूपये) अर्थदण्ड, धारा 326 (ए) भा.द.स (आहत हरिनाथ मिश्रा के संबंध में) दस वर्ष के सश्रम कारावास 3000/-रू. (अक्षरी-तीन हजार रूपये) अर्थदण्ड, धारा 353 भा.द.स एक वर्ष के सश्रम कारावास 1000/-रू. (अक्षरी-एक हजार रूपये) जुर्माना धारा 332 भा.द.स ंसहपठित धारा 3(2)(5-क) अनु. जाति जन. (अ.नि.) अधिनियम दो वर्ष के सश्रम कारावास 2000/-रू. (अक्षरी-दो हजार रूपये) जुर्माना धारा 506 (भाग दो) भाद.सं. सहपठित धारा 3(2)(5-क) अनु. जाति जन. (अ.नि.) अधिनियम दो वर्ष के सश्रम कारावास 2000/-रू. (अक्षरी-दो हजार रूपये) एवं श्यामबिहारी, श्रीमती राधारानी एवं श्रीमती कृष्णा मंे से प्रत्यके को धारा 353 भा.द.स.ं के तहत उनके द्वारा निरोध मंे बितायी गयी अवधि दिनाकं 02.10.2019 से दिनाकं 20.12.2019 तक कुल दो माह अठारह दिवस तक के सश्रम कारावास एवं 1000/-रूपये (अक्षरी-एक हजार रूपय)े के अर्थदण्ड से दण्डित किया एवं धारा 225 (ख) भा.द.स.ंके तहत अभियुक्तगण श्यामबिहारी, श्रीमती राधारानी एवंश्रीमती कृष्णा मंे से प्रत्यके को निरोध मंे बितायी गयी अवधि दिनाकं 02.10.2019 से दिनाकं 20.12.2019 तक कुल दो माह अठारह दिवस तक के सश्रम कारावास एवं 1000/-रूपये (अक्षरी-एक हजार रूपय)े के अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है। मामले की पैरवी अति. जिला अभियोजन अधिकारी शिवसंजय एवं सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी, सौरभ डिम्हा ने की ।
जिला अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा ने बताया कि थाना कोतवाली सागर में सहायक उपनिरीक्षक के पद पर पदस्थ अनुसूचित जनजाति का सदस्य फरियादी अनिल कुजूर को अभियुक्त योगेश कुमार सोनी वल्द श्याम बिहारी सोनी का कुटुम्ब न्यायालय सागर के विविध आपराधिक प्रकरण क्रमांक 198/2015 में पेशी दिनांक 30.09.2019 का वसूली/गिरफ्तारी वारण्ट तामीली हेतु थाना प्रभारी द्वारा तामीली हेतु दिया गया, जिसकी तामीली के लिए घटना दिना ंक 29.09.2019 को फरियादी सहायक उपनिरीक्षक अनिल कुजूर थाने से आरक्षक 331 राजेश पांडे को हमराह लेकर वारण्टी योगेश सोनी के निवास गनेश घाट गया, इसके पूर्व भी वह वारण्टी अभियुक्त योगेश सोनी की तलाश के लिए उसके घर जा चुका था, किंतु अभियुक्त योगेश सोनी मिलता नहीं था और उसके पिता अभियुक्त श्याम बिहारी, मां अभियुक्ता राधारानी और भाभी अभियुक्ता कृष्णा सोनी मिलती थी, जो सभी यह अच्छी तरह से जानते थे कि फरियादी अनुसूचित जनजाति वर्ग का है। दिनांक 29.09.2019 को वह वारण्टी अभियुक्त योगेश सोनी पर वारण्ट की तामीली हेतु गया था, इसके पूर्व उसे मुखबिर से यह पुष्ट खबर प्राप्त हुई थी कि वारण्टी अभियुक्त योगेश सोनी घर पर ही है, फरियादी ने हमराह आरक्षक राजेश पांडे के साथ वारण्टी अभियुक्त योगेश सोनी के घर पहुंचकर अभियुक्त योगेश सोनी के पिता अभियुक्त श्याम बिहारी को अभियुक्त योगेश सोनी का वारण्ट दिखाकर यह बताया कि अभियुक्त योगेश सोनी का वसूली वारण्ट है और उसे यह पक्की खबर है कि अभियुक्त योगेश सोनी घर में ही है, जिसे लाकर पेश किया जावे या वसूली वारण्ट की राशि 1,28,000/-रूपये अदा की जावे, इसी बीच अभियुक्ता राधारानी एवं अभियुक्ता कृष्णा सोनी आ गये और तीनों अभियुक्तगण द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त योगेश सोनी घर पर नही ं है, जिस पर फरियादी अनिल कुजूर ने उनसे मकान की तलाशी लेने की बात कही तो अभियुक्तगण श्याम बिहारी, राधारानी एवं कृष्णा अड़ गये और उन्होंने फरियादी को घर में जाने से मना किया तथा कोई सहयोग नहीं किया फरियादी सहायक उपनिरीक्षक अनिल कुजूर ने, हमराह आरक्षक राजेश पांडे को वारण्टी अभियुक्त योगेश सोनी पर निगाह रखने की कहते हुए यह बताया कि वह थाना कोतवाली से पुलिस बल लेने के लिए जा रहा है। थाना कोतवाली जाते समय फरियादी सहायक उपनिरीक्षक अनिल कुजूर को रास्ते में थाना कोतवाली की मोबाइल मिली जिसे प्रधान आरक्षक चालक जितेन्द्र मिश्रा चला रहा था और गाड़ी में उपनिरीक्षक हरिनाथ मिश्रा, महिला आरक्षक शशि शिल्पी एवं महिला सैनिक गयाबाई बैठे थे। फरियादी अनिल कुजूर ने उपनिरीक्षक हरिनाथ मिश्रा को सारे हालात बताये और फिर वह उपनिरीक्षक हरिनाथ मिश्रा और उसके हमराह बल को लेकर वारण्टी अभियुक्त योगेश सोनी के निवास पर पहुंचा, और आरक्षक राजेश वारण्टी अभिुयक्त योगेश की निगरानी कर रहा था और उस समय अभियुक्त योगेश के माता पिता और भाभी दरवाजे पर अड़े हुए थे। उपनिरीक्षक हरिनाथ मिश्रा के बार बार कहने पर भी अभियुक्तगण श्याम बिहारी, राधारानी और कृष्णा नहीं माने और झगड़ा करने के लिए आमादा हो गये और वे तीनों पुलिस बल के साथ झूमाझटकी करने लगे तथा उन्होंने वारण्टी अभियुक्त योगेश सोनी को पेश नहीं किया तथा यह असत्य तौर पर कहा गया कि वारण्टी अभियुक्त योगेश सोनी घर पर नही ं है तथा वह तीन साल से घर नही ं आया है, उसका कोई पता नही ं चला है, किंतु अभियुक्त योगेश सोनी के घर में ही होने की पक्की खबर होने पर फरियादी अनिल कुजूर एवं उपनिरीक्षक हरिनाथ मिश्रा ने आस-पड़ौस में रहने वालों से सहयोग की मांग की, किंतु किसी ने सहयोग नही ं किया। इसी बीच अभियुक्त योगेश सोनी अपने घर के अंदर से घर के पीछे तरफ भागता हुआ दिखाई दिया, जिस पर फरियादी अनिल कुजूर घर के पीछे कुलिया तरफ दौड़कर गया और उपनिरीक्षक हरिनाथ मिश्रा अपने हमराह बल के साथ अभियुक्त योगेश सोनी का पीछा करते हुए घर के अंदर घुसा, जब फरियादी अनिल कुजूर, अभियुक्त योगेश सोनी के घर के पीछे टूटे हुए दरवाजे पर खड़ा था, तभी उसे अभियुक्त योगेश सोनी दिखा, जिस पर उसने उपनिरीक्षक हरिनाथ मिश्रा को आवाज लगायी तो उपनिरीक्षक हरिनाथ मिश्रा एवं पुलिस बल फरियादी अनिल कुजूर की तरफ आये और तभी अभियुक्त योगेश सोनी ने वहीं रखी कांच की बोतल हाथ में उठा ली और कहा कि बोतल में एसिड भरा हुआ है। अभियुक्त योगेश सोनी गंदी गंदी गालियां देने लगा और उसने यह धमकी दी कि यदि उसका रास्ता नहीं छोड़ा तो वह जान से खत्म कर देगा और फिर गाली देते हुए बोला कि उनकी घर में घुसने की हिम्मत कैसे हुई, फरियादी अनिल कुजूर को जान से मारने की नियत से कांच की बोतल में रखे एसिड उसके उपर फेंक दी, जिस पर फरियादी अनिल कुजूर बचने के लिए झुका, किंतु जिस पर उसका सिर गर्दन, कान, सीना, पीठ, कमर पर एसिड गिरा, जिससे उसकी वर्दी वाली शर्ट और बनियान जल गयी तथा उसे तेज जलन होने लगी, तभी उसकी मदद के लिए उपनिरीक्षक हरिनाथ मिश्रा, आरक्षक राजेश पांडे, महिला आरक्षक शशि शिल्पी पहु ंचे तो अभियुक्त योगेश सोनी के बचाव में अभियुक्तगण श्यामबिहारी, राधारानी और कृष्णा सोनी उनके साथ झूमाझटकी कर रोकने लगे, किंतु सबको पीछे छोड़ते हुए उपनिरीक्षक हरिनाथ मिश्रा, अभियुक्त योगेश सोनी के पास पहुंचा तो अभियुक्त योगेश सोनी द्वारा फेंके गये एसिड के छीटे उसके तथा हमराह स्टाफ आरक्षक क्रमा ंक 331 राजेश पांडे, महिला आरक्षक 1258 शशि के उपर भी पड़े, जिससे उन सभी को भी एसिड से क्षति कारित हुई, इसके बावजूद भी अभियुक्त योगेश कुमार सोनी भागने का प्रयास करता रहा, किंतु उसे भागने नहीं दिया और पकड़ लिया गया। अभियुक्तगण श्यामबिहारी, राधारानी एवं कृष्णा पुलिस दल पर लगातार हमला कर अभियुक्त योगेश सोनी को छुड़ाने का प्रयास करते रहे और वे सभी शासकीय कार्य में बाधा डालते रहे तथा उन्होंने पुलिस को वारण्ट की तामीली नहीं करने दी गयी। उपनिरीक्षक हरिनाथ मिश्रा ने घायल सहायक उपनिरीक्षक अनिल कुजूर को चालक जितेन्द्र मिश्रा द्वारा चलायी जा रही थाना मोबाइल वाहन से महिला आरक्षक शशि शिल्पी के साथ आवश्यक निर्देश देकर बुंदेलखंड मेडीकल कॉलेज इलाज हेतु रवाना किया । थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-कोतवाली जिला-सागर द्वारा अंतर्गत धारा 294, 186, 353, 307, 326, 332, 506, 34 भा.द.स ं. एवं धारा 3(1)(द), 3(1)(ध), 3(2)(5-क) अनुस ूचित जाति जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 मामला पंजीबद्ध किया गया, विचारण उपरांत अभियोग पत्र माननीय विशेष न्यायायल के समक्ष पेश किया गया जहॉ पर विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों को परीक्षित कराया गया एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत न्यायालय विशेष न्यायाधीश, अनुसूचित जाति जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये आरोपी को धारा 326 (ए) भा.द.स ंसपठित धारा 3(2)(5-क) अनु. जाति जन. (अ.नि.) अधिनियम(फरियादी अनिल कुजूर के संबंध में) आजीवन कारावास 5000/-रू. (अक्षरी-पांच हजार रूपये) अर्थदण्ड, धारा 326 (ए) भा.द.स (आहत शशि शिल्पी, के संबंध में) दस वर्ष के सश्रम कारावास 3000/-रू. (अक्षरी-तीन हजार रूपये) अर्थदण्ड, धारा 326 (ए) भा.द.स (आहत राजेश पांडे के संबंध में) दस वर्ष के सश्रम कारावास 3000/-रू. (अक्षरी-तीन हजार रूपये) अर्थदण्ड, धारा 326 (ए) भा.द.स (आहत हरिनाथ मिश्रा के संबंध में) दस वर्ष के सश्रम कारावास 3000/-रू. (अक्षरी-तीन हजार रूपये) अर्थदण्ड, धारा 353 भा.द.स एक वर्ष के सश्रम कारावास 1000/-रू. (अक्षरी-एक हजार रूपये) अर्थदण्ड, धारा 332 भा.द.स ंसहपठित धारा 3(2)(5-क) अनु. जाति जन. (अ.नि.) अधिनियम दो वर्ष के सश्रम कारावास 2000/-रू. (अक्षरी-दो हजार रूपये) अर्थदण्ड, धारा 506 (भाग दो) भाद.सं. सहपठित धारा 3(2)(5-क) अनु. जाति जन. (अ.नि.) अधिनियम दो वर्ष के सश्रम कारावास 2000/-रू. (अक्षरी-दो हजार रूपये) अर्थदण्ड, एवं श्यामबिहारी, श्रीमती राधारानी एवं श्रीमती कृष्णा मंे से प्रत्यके को धारा 353 भा.द.स.ं के तहत उनके द्वारानिरोध मंे बितायी गयी अवधि दिनाकं 02.10.2019 से दिनाकं 20.12.2019 तक कुल दो माह अठारह दिवस तक के सश्रम कारावास एवं 1000/-रूपये (अक्षरी-एक हजार रूपय)े के अर्थदण्ड से दण्डित किया एवं धारा 225 (ख) भा.द.स.ंके तहत अभियुक्तगण श्यामबिहारी, श्रीमती राधारानी एवंश्रीमती कृष्णा मंे से प्रत्यके को निरोध में बितायी गयी अवधि दिनाकं 02.10.2019 से दिनाकं 20.12.2019 तक कुल दो माह अठारह दिवस तक के सश्रम कारावास एवं 1000/-रूपये (अक्षरी-एक हजार रूपय) के अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है।