– विश्वविद्यालय में 156वीं गौर जयंती पर ऐतिहासिक रक्तदान शिविर का भव्य आयोजन
– रक्तदान मानवता, सेवा और सामाजिक उत्तरदायित्व का प्रेरक – कुलपति प्रो. वाय एस. ठाकुर
– रक्तदान समाज सेवा का सर्वोच्च दान है – भूपेंद्र सिंह
सागर । डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के संस्थापक महान शिक्षाविद् एवं प्रख्यात विधिवेत्ता, संविधान सभा के सदस्य एवं दानवीर डॉ. सर हरीसिंह गौर के 156वें जन्म दिवस के उपलक्ष्य में दिनांक 19 नवंबर से 26 नवंबर तक ‘गौर उत्सव’ 2025 का आयोजन किया जा रहा है । 156वीं गौर जयंती के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय स्वास्थ्य केंद्र द्वारा प्रथम बार एक विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय कुलपति प्रो. वाय.एस. ठाकुर ने की तथा विशिष्ट अतिथि माननीय पूर्व गृहमंत्री एवं वर्तमान खुरई विधायक भूपेंद्र सिंह रहे। शिविर के मुख्य संयोजक विश्वविद्यालय के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अभिषेक कुमार जैन रहे। उनके साथ डॉ. किरण माहेश्वरी, डॉ. भूपेंद्र कुमार पटेल एवं विश्वविद्यालय का स्वास्थ्य विभाग सक्रिय भूमिका में रहा।
नई ऊँचाइयाँ—156 यूनिट रक्त संग्रह
विश्वविद्यालय परिवार ने मिलकर 156 यूनिट जो दोपहर 2:00 बजे ही पूर्ण हो गया रक्त संग्रहित कर डॉ. हरीसिंह गौर को श्रद्धा-सुमन अर्पित किए, जो 156वीं जयंती का विशेष प्रतीक रहा। रक्तदान शिविर में व्यापक सहभागिता करते हुए डॉ. जैन ने बताया इस शिविर में विश्वविद्यालय के शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों तथा छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक रक्तदान किया। विशेष रूप से छात्राओं की सहभागिता सर्वाधिक रही, जिसने इस आयोजन को अनूठी ऊर्जा प्रदान की। कार्यक्रम में यह भी प्रस्ताव रखा गया कि गौर जयंती पर प्रतिवर्ष रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाए, ताकि समाज सेवा की यह श्रृंखला निरंतर जारी रहे।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे, जिसमें गौर जयंती मुख्य समन्वयक प्रो. आशीष वर्मा एवं उप समन्वय प्रो. यूके पाटिल, प्रॉक्टर श्रीमती चंदाबेन, प्रभारी वित्त अधिकारी श्री हिमांशु पांडे, प्रो. मनवेंद्र पहावा, श्रीमती अस्मिता, श्रीमती संध्या पटेल, श्रीमती रेखा गर्ग सोलंकी, क्षेत्रीय स्वास्थ्य संचालक श्रीमती नीना गिडियन, मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी ममता तिमोरी, संयुक्त संचालक स्वास्थ्य श्रीमती सुशीला यादव, रक्तबीर समीर जैन सभी ने रक्तदान शिविर के सफल आयोजन की प्रशंसा करते हुए इसे विश्वविद्यालय की मानवीय संवेदनाओं का प्रतीक बताया।
शिविर में चिकित्सा सहयोग हेतु बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के डॉ. अमर गंगवानी,जिला अस्पताल के डॉ. महेश जैन एवं उनकी टीम उपस्थित रहे। विश्वविद्यालय स्वास्थ्य केंद्र से अरुण सारोठिया जयप्रकाश श्रीमती छोटी लोधी, वंदना, ममता प्रमोद, दुर्गेश, अर्जुन रैकवार तथा भगत सिंह का विशेष सहयोग रहा, जिनके योगदान से शिविर सुचारु रूप से संचालित हुआ।
पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने अपने प्रेरक संबोधन में कहा कि “रक्तदान समाज सेवा का सर्वोच्च दान है। जिस प्रकार हम वृद्ध जनों की सेवा को पुण्य मानते हैं, उसी प्रकार रक्तदान भी मानवता के लिए अनमोल योगदान है।” उन्होंने बताया कि उनके कार्यालय में भी रक्त सुविधा हेतु विशेष केंद्र संचालित होता है तथा वे स्वयं निरंतर रक्तदान शिविरों से जुड़े रहते हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय की इस पहल की सराहना की और भविष्य में सहयोग देने का आश्वासन भी दिया।
रक्तदान की विशेषता क्यों है जीवनदान? एक यूनिट रक्त से तीन लोगों का जीवन बचाया जा सकता है। रक्तदान से शरीर में नई रक्त कोशिकाएँ बनने की प्रक्रिया तेज होती है। यह हृदय एवं रक्तवाहिनी तंत्र को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक है। रक्तदान करने वाले व्यक्ति में मानसिक संतोष और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना बढ़ती है। यह मानवता की सेवा का सबसे सरल और प्रभावी माध्यम है ।
कुलपति प्रो. वाय एस. ठाकुर ने कहा कि रक्तदान जीवनदान है। विश्वविद्यालय न केवल शिक्षा का केंद्र है बल्कि समाज सेवा के नए मानक स्थापित करने का भी माध्यम है। उन्होंने घोषणा की कि हर वर्ष गौर जयंती पर रक्तदान शिविर आयोजित किया जाएगा, ताकि यह परंपरा लगातार आगे बढ़ती रहे। विश्वविद्यालय का यह 156वीं गौर जयंती रक्तदान शिविर मानवता, सेवा और सामाजिक उत्तरदायित्व का प्रेरक उदाहरण बनकर इतिहास में दर्ज हो गया। 60% दानकर्ता छात्राएँ एवं 40% दानकर्ता छात्र रहे यह संतुलित और उत्साहपूर्ण सहभागिता विश्वविद्यालय में सामाजिक जागरूकता और जिम्मेदारी की भावना को स्पष्ट रूप से दर्शाती है। शाम 5:00 बजे तक कुल रक्त संग्रह 175 यूनिट हुआ जो जिला अस्पताल के ब्लड बैंक भेजा गया है जिससे जरूरतमंदों का इलाज किया जा सके ।
भूपेंद्र सिंह गौर मूर्ति मित्र मंडली ने कुलपति को डॉ. गोर साहब का छायाचित्र किया भेंट
श्री सिंह गौर मूर्ति मित्र मंडली की तरफ से डॉक्टर हरी सिंह गौर विश्वविद्यालय के कुलपति को डॉ. गौर साहब की का छायाचित्र भेंट किया साथ में माननीय भूपेंद्र सिंह विधायक खुरई एवं राकेश चौबे, बापू दुबे, श्याम दुबे, शरद जैन, सुरेंद्र तिवारी, जितेंद्र राजपूत, संजू केसरवानी, देव कुमार तिवारी देवेंद्र परिहार, और प्रेम नारायण पूर्वी शुभम प्रतीक सहित आमजन उपस्थित रहे ।
