दर्दनाक हादसा: बल्कर ट्रक ऑटो पर पलटा, तीन पीढ़ियों की एक साथ मौत

दर्दनाक हादसा: बल्कर ट्रक ऑटो पर पलटा, तीन पीढ़ियों की एक साथ मौत

 

रीवा, मध्यप्रदेश। गुरुवार को रीवा जिले में एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ, जिसने पूरे इलाके को शोक में डुबो दिया। सीमेंट पिलर से भरा एक भारी-भरकम बल्कर ट्रक अनियंत्रित होकर एक ऑटो पर पलट गया। इस दुर्घटना में ऑटो सवार सात लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन लोग अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं।

चार की मौके पर मौत, तीन ने अस्पताल में तोड़ा दम

हादसा इतना भीषण था कि ऑटो में सवार चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। एक व्यक्ति ने अस्पताल ले जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया, जबकि दो अन्य की मौत इलाज के दौरान हुई। फिलहाल तीन घायलों का संजय गांधी अस्पताल में इलाज चल रहा है, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

एक ही परिवार की तीन पीढ़ियों की एक साथ मौत

इस हादसे में रामजीत जयसवाल, उनकी पत्नी पिंकी, इकलौती बेटी अंबिका, पिता हीरालाल, और बहन के दो बच्चे — मानवी और अरविंद की मौत हो गई। इस हादसे ने एक ही परिवार की तीन पीढ़ियों को एक साथ खत्म कर दिया। अब घर में न कोई बड़ा बचा है, न छोटा — अंतिम संस्कार करने वाला तक कोई नहीं है।

पोते-पोती की याद में खाना-पीना छोड़ा

मृतकों के परिजनों ने बताया कि रामजीत की बहन की सास गीता जयसवाल पोते-पोती के जाने के बाद से न कुछ खा रही हैं, न बोल रही हैं। पूरा परिवार शोक और सन्नाटे में डूबा है।

आरटीओ की लापरवाही पर सवाल

स्थानीय लोगों ने हादसे की वजह आरटीओ की लापरवाही को बताया है। चार सीटर ऑटो में दस लोग बैठे थे, बावजूद इसके कोई चेकिंग नहीं हुई। प्रयागराज से गंगा स्नान कर लौटते समय यह वाहन यूपी-एमपी बॉर्डर पर चेक पोस्ट से गुजरा, लेकिन किसी ने न रोका, न टोका।

ट्रक ओवरटेक करने में हुआ हादसा

एडिशनल एसपी विवेक लाल के मुताबिक, हादसा उस वक्त हुआ जब बल्कर ट्रक सोहागी घाटी के पास ऑटो को ओवरटेक करने की कोशिश कर रहा था। तभी ट्रक असंतुलित होकर ऑटो पर पलट गया। घटना के बाद इलाके में करीब 3 किलोमीटर लंबा जाम लग गया, जिसे पुलिस ने आधे घंटे की मशक्कत के बाद खुलवाया।

मुख्यमंत्री ने जताया शोक, मुआवजे की घोषणा

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हादसे पर गहरा शोक जताते हुए मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है।

यह हादसा केवल एक सड़क दुर्घटना नहीं, बल्कि एक परिवार की पूरी जिंदगी उजड़ने की त्रासदी है। सवाल यह भी है कि क्या हमारी व्यवस्थाएं इतनी लापरवाह हो चुकी हैं कि हर बार हादसा होने के बाद ही कार्रवाई होती है?

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