MP में रिश्वतखोरी पर फिर गिरी गाज: महिला RTO अधिकारी और एजेंट 10 हजार की रिश्वत लेते रंगेहाथों पकड़ाए
मध्यप्रदेश में रिश्वतखोर अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला लगातार जारी है, लेकिन भ्रष्टाचार थमता नजर नहीं आ रहा। लोकायुक्त पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है और अब ताजा मामला सामने आया है बड़वानी जिले से, जहां महिला जिला परिवहन अधिकारी और एक एजेंट को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों पकड़ा गया है।
यह कार्रवाई उस समय हुई जब परिवहन कार्यालय में लाइसेंस रिनिवल और अन्य कामों के एवज में 30 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की गई थी।
शिकायत के बाद बिछाया गया जाल
शिकायतकर्ता चेतन शर्मा, निवासी अंजड़ ने लोकायुक्त को बताया कि उसका भाई आरटीओ एजेंट के रूप में काम करता है और उसने कुछ लाइसेंस रिनिवल व अन्य कार्यों के लिए जिला परिवहन अधिकारी रीना किराड़े से संपर्क किया। इस पर अधिकारी ने उसे एजेंट विवेक मलतारे से संपर्क करने को कहा। जब विवेक से मुलाकात हुई तो उसने 30 हजार रुपये की रिश्वत मांगी, जिसमें पहली किश्त के तौर पर 10 हजार रुपये तय हुए।
इसके बाद चेतन शर्मा ने इंदौर लोकायुक्त कार्यालय में इसकी शिकायत की, जिस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए टीम ने जाल बिछाया।
रंगेहाथों पकड़ी गई जोड़ी
बुधवार को जैसे ही एजेंट विवेक मलतारे ने गायत्री मंदिर के पास शिकायतकर्ता से 10 हजार रुपये लिए, लोकायुक्त की टीम ने उसे वहीं धरदबोचा। इसके बाद टीम एजेंट को लेकर सीधे आरटीओ कार्यालय पहुंची, जहां पूछताछ और जांच के बाद महिला आरटीओ अधिकारी रीना किराड़े को भी आरोपी बनाया गया।
RTO ऑफिस में मचा हड़कंप
लोकायुक्त की इस कार्रवाई से आरटीओ कार्यालय में काम कर रहे अन्य एजेंटों और कर्मचारियों में खलबली मच गई है। सरकारी कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही की बात करने वाले सिस्टम में जब शीर्ष पर बैठे अधिकारी ही रिश्वत लेते पकड़ाए, तो सवाल उठना लाज़िमी है।
लोकायुक्त टीम आगे की जांच में जुट गई है और संभावना है कि इस नेटवर्क में और भी नाम सामने आ सकते हैं।