GST प्रशिक्षण: व्यापारियों को साइन बोर्ड पर नंबर लिखना अनिवार्य, कंपोजिशन डीलरों को देनी होगी यह जानकारी
सागर। प्रधानमंत्री उषा किरण योजना के अंतर्गत पं. दीनदयाल उपाध्याय शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, सागर में आयोजित एक सप्ताह के जीएसटी एवं टैक्सेशन प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन डा जी एस रोहित प्राचार्य तथा नितिन शर्मा जनभागीदारी अध्यक्ष के मार्गदर्शन में हुआ। इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों को जीएसटी के विभिन्न पहलुओं पर सैद्धांतिक एवं व्याहारिक जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में प्रशिक्षक के रूप में चार्टर्ड अकाउंटेंट आर. डी. बड़ोनिया ने जीएसटी से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि सभी व्यापारियों को अपने प्रतिष्ठान के साइन बोर्ड पर अपना जीएसटी नंबर लिखना अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त, यदि व्यापारी कंपोजिशन डीलर के रूप में पंजीकृत है, तो उसे अपने साइन बोर्ड पर स्पष्ट रूप से ‘कंपोजिशन डीलर’ लिखना भी आवश्यक होगा।
आर. डी. बड़ोनिया ने इस नियम के पीछे की मंशा को समझाते हुए बताया कि सरकार चाहती है कि ग्राहक को यह स्पष्ट रूप से पता हो कि कंपोजिशन डीलर से की गई खरीद पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का लाभ नहीं मिलेगा। इससे ग्राहक सोच-समझकर लेन-देन कर सकेगा और किसी भी प्रकार के भ्रम की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी।
उन्होंने छात्रों को जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया, इनपुट टैक्स क्रेडिट के नियम, कंपोजिशन स्कीम के फायदे-नुकसान, जीएसटी रिटर्न फाइलिंग प्रक्रिया, कस्टम टैरिफ तथा व्यवसाय प्रारंभ करने की प्रक्रिया पर भी विस्तारपूर्वक जानकारी दी
प्रशिक्षण के दौरान विद्यार्थियों को बताया गया कि जीएसटी का सही अनुपालन करने के लिए आवश्यक दस्तावेज कौन-कौन से होते हैं और रजिस्ट्रेशन के लिए किन जानकारियों का ध्यान रखना चाहिए।
इसके अलावा, विद्यार्थियों को समझाया गया कि यदि वे भविष्य में व्यापार शुरू करना चाहते हैं तो उन्हें किन कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करना होगा। इसमें प्रमुख रूप से उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन, एमएसएमई रजिस्ट्रेशन, फूड लाइसेंस, शॉप एंड इस्टैब्लिशमेंट एक्ट पंजीयन जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां शामिल थीं।
समापन समारोह में प्रमाण पत्रों का वितरण
कार्यक्रम के समापन पर सभी पंजीकृत विद्यार्थियों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र का वितरण सम्माननीय अतिथियों के द्वारा किया गया।
समापन समारोह में महाविद्यालय के प्राचार्य श्री जी. एस. रोहित ने कहा कि “इस प्रशिक्षण ने विद्यार्थियों को किताबों से परे व्यावहारिक ज्ञान प्रदान किया है, जिससे वे अपने करियर में बेहतर निर्णय ले सकेंगे।”
जनभागीदारी अध्यक्ष श्री नितिन ‘बंटी’ शर्मा ने कहा कि “इस प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से विद्यार्थियों को व्यवसायिक दृष्टिकोण विकसित करने का अवसर मिलता है, जो उनके आत्मनिर्भर बनने की दिशा में सहायक है।”
कार्यक्रम प्रभारी के रूप में श्री नरेंद्र तोमर, जो कि सेडमैप (CEDMAP) संस्था से जुड़े हैं, ने कहा कि “विद्यार्थियों को व्यावसायिक एवं कानूनी जानकारी देने के लिए इस प्रकार के कार्यक्रम अत्यधिक लाभकारी होते हैं।”
इस अवसर पर प्रशासनिक अधिकारी डॉ इमराना सिद्दीकी ने प्रधानमंत्री ऊषा किरण योजना को विस्तार से बताया।
विद्यार्थियों ने व्यक्त की अपनी प्रतिक्रिया
अतिशय जैन ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यशाला ने हम सभी की जिज्ञासाओं का समाधान किया।
प्रशिक्षण में भाग लेने वाले विद्यार्थियों ने कार्यक्रम को अत्यंत उपयोगी बताते हुए कहा कि इससे उन्हें न केवल जीएसटी का व्यावहारिक ज्ञान मिला, बल्कि उन्होंने अपने व्यवसायिक भविष्य के लिए मार्गदर्शन भी प्राप्त किया।
समर्थ तिवारी ने कहा, “हमने जीएसटी के बारे में जो कुछ भी सुना था, वह अक्सर जटिल प्रतीत होता था, लेकिन इस प्रशिक्षण शाला ने इसे इतने सरल और व्यावहारिक ढंग से समझाया कि हमें हर पहलू स्पष्ट रूप से समझ में आ गया।”
वैष्णवी सेन ने कहा कि “व्यापार शुरू करने की प्रक्रिया में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इसकी जानकारी पाकर हम आत्मविश्वास से अपना स्टार्टअप शुरू करने के लिए प्रेरित हुए हैं।”
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम ने विद्यार्थियों को न केवल कराधान के नियमों का ज्ञान दिया, बल्कि उन्हें व्यवसायिक दृष्टिकोण और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी प्रेरित किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का समन्वय एवं संचालन डॉक्टर अमर कुमार जैन प्राध्यापक वाणिज्य ने किया।कार्यक्रम में डॉ जयकुमार सोनी,शालिनी परिहार,डा अंकुर गौतम डा संदीप तिवारी उपस्थित रहे।