अवैध जल दोहन पर होगी सख्त कार्रवाई: कलेक्टर संदीप जी.आर.
सागर। जिले में जल संकट को देखते हुए कलेक्टर संदीप जी.आर. ने सख्त निर्देश दिए हैं कि अवैध जल दोहन न किया जाए और प्रशासन के जल संरक्षण प्रयासों में सहयोग किया जाए। कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि यदि कोई भी व्यक्ति इस नियम का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नदियों से हो रहा अवैध जल दोहन, जलस्तर गिरने का खतरा
रहली, बंडा और खुरई क्षेत्रों में सुनार, बेबस और बीना नदियों पर बने एनीकट के पास कई किसान अवैध रूप से पानी निकाल रहे हैं। इससे नदियों का जलस्तर तेजी से गिर रहा है, जिससे आगामी ग्रीष्मकाल में भीषण जल संकट की संभावना बढ़ गई है। इस स्थिति को देखते हुए कलेक्टर ने मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 एवं संशोधित अधिनियम 2002 के तहत सुनार नदी से पेयजल के अलावा अन्य उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। यदि कोई इस आदेश का उल्लंघन करता है तो धारा 9 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
राजघाट बांध का पानी केवल पेयजल के लिए उपयोग होगा
कलेक्टर संदीप जी.आर. ने राजघाट बांध के पानी के गैर-पेयजल उपयोग पर भी तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। राजघाट बांध से सागर शहर, मकरोनिया, केंट और सेना क्षेत्र में पानी की आपूर्ति होती है। लेकिन कुछ किसानों द्वारा अवैध रूप से मोटर पंप लगाकर सिंचाई के लिए पानी खींचा जा रहा है, जिससे जलस्तर तेजी से घट रहा है।
वर्तमान जल संकट को देखते हुए, राजघाट बांध से पेयजल के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य से पानी लेने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू रहेगा और अगले आदेश तक जारी रहेगा। कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन की अपील
प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे जल संरक्षण के प्रयासों में सहयोग करें और अवैध जल दोहन से बचें। साथ ही, जल संकट को टालने के लिए जल स्रोतों का विवेकपूर्ण उपयोग करने की सलाह दी गई है।