हाईकोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी सनी देओल को चार माह बाद दी जमानत
ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आरोपी सनी देओल को चार माह बाद जमानत दे दी है। आरोपी युवक के अधिवक्ता मोहित भदौरिया ने बताया कि युवक की उम्र 18 वर्ष है और जिस लड़की ने उस पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है, वह पिछले दो वर्षों से उसके साथ रिश्ते में थी। यह बात पीड़िता ने अपने बयान में भी दर्ज कराई है।
नाबालिग का बयान:
पीड़िता ने न्यायालय के समक्ष दिए गए बयान में कहा कि आरोपी ने उसके साथ कोई जोर-जबरदस्ती नहीं की थी। वह अपनी मर्जी से आरोपी के साथ गई थी। इस आधार पर आरोपी के अधिवक्ता ने कोर्ट में याचिका प्रस्तुत की, जिसे स्वीकार करते हुए कोर्ट ने जमानत दे दी।
घटना का विवरण:
घटना 29 जुलाई 2024 की है, जब नाबालिग अपने घर से बिना बताए एक कार्यक्रम में शामिल होने चली गई थी। इस पर नाबालिग के पिता ने करहरिया थाने में शिकायत दर्ज कराई। 20 सितंबर 2024 को ग्वालियर में नाबालिग मिली। बयान और मेडिकल परीक्षण के बाद यह पता चला कि वह गर्भवती है। नाबालिग होने के कारण आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
दूसरे मामले में 25 हजार जुर्माना लगाते हुए याचिका खारिज:
हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने डबरा थाने में दर्ज दुष्कर्म के एक अन्य मामले में आरोपी रिंकू की राजीनामा के आधार पर मामला खत्म करने की याचिका को खारिज कर दिया। साथ ही कोर्ट ने आरोपी पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
याचिका में तथ्य छुपाए गए:
आरोपी रिंकू ने इससे पहले तीन बार जमानत के लिए आवेदन किया था, जिसे खारिज कर दिया गया था। इसके बाद उसने हाईकोर्ट में राजीनामा के आधार पर मामला खत्म करने की याचिका लगाई। शासन के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि याचिका में पहले की गई अपीलों का जिक्र नहीं किया गया था।
कोर्ट की सख्ती:
इन तथ्यों को छिपाने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई और याचिका को खारिज करते हुए 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। बता दें कि रिंकू पर डबरा थाना क्षेत्र की एक युवती के साथ दुष्कर्म करने का आरोप है।
न्याय की प्रक्रिया पर सवाल:
इस प्रकार के मामलों में न्यायालय ने सख्ती दिखाते हुए यह सुनिश्चित किया है कि न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग न हो और दोषियों को उनके अपराध के अनुसार दंडित किया जाए।