कोचिंग संचालक संजय मिश्रा के मौत के मामले में नया मोड़ परिजनों ने सूदखोरों द्वारा प्रताड़ित करने के आरोप लगाए
सागर। सागर में सिविल लाइन थाना क्षेत्र के ग्राम बन्नाद के पास बेबस नदी के आमघाट में 24 अक्टूबर को नदी में मिले कोचिंग संचालक संजय मिश्रा के मौत के मामले की गुत्थी उलझती जा रही है। संजय की मौत के मामले में उसके स्वजनों ने मंगलवार को एसपी कार्यालय,सिविल लाइन थाने जाकर शिकायती आवेदन सौंपते हुए जांच की मांग की है। शिकायती आवेदन में बताया कि उनके भाई संजय मिश्रा को कुछ सूदखोर उधारी के रुपये चुकाए जाने के बाद भी ब्याज के लिए परेशान कर रहे थे। इसी के चलते उसकी मौत हुई। उन्होंने आवेदन की जांच कर संबंधितों पर कार्रवाई की मांग की है। स्वजनों ने सागर नगर निगम, मकरोनिया नपा की पूर्व सीएमओ, उनके पति सहित 16 लोगों के नाम पुलिस को दिए हैं, जिन पर संजय मिश्रा को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। मृतक के बड़े भाई व रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर श्याम बिहारी मिश्रा ने कहा कि उसके भाई ने सूदखोरों को उधार का पैसा ब्याज सहित लौटा दिया था, लेकिन वह अभी भी रुपये की मांग कर संजय को परेशान कर रहे थे। उनकी प्रताड़नाओं से तंग आकर संजय मिश्रा ने यह कदम उठाया। पुलिस ने मामले के सभी पहलुओं पर जांच कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
मृतक के बड़े भाई श्याम बिहारी मिश्रा ने आरोप लगाया कि संजय मिश्रा ने अपने व्यवसाय कार्य के लिए रुपये उधार लिए थे। जिसका वह मय ब्याज के भुगतान कर चुका था। लेकिन यह सभी लोग मेरे भाई से लगातार रुपयों की मांग कर प्रताड़ित कर रहे थे। इस कारण वह मानसिक रूप से लगातार परेशान था। इसी बीच सचिन्द्र दुबे ने मेरे छोटे भाई संजय मिश्रा व साहित्य मिश्रा से उनके स्वामित्व की कृषि भूमि जो ग्राम पिपरिया रामवन (ढाना) में स्थित है, उसका पंजीकृत इकरारनामा भी जबरदस्ती लिखवा लिया है। इसी तरह रीतेश पांडेय जो कि नगर निगम में ठेकेदार है, उसको पूरे रुपये वापस करने के बाद भी वह 35 लाख रुपये ब्याज के अलग से मांग रहा था। इससे भाई मानसिक रूप से परेशान था।
उधार लिए पैसे लौट दिए थे ब्याज का खेल जारी था
उन्होंने बताया कि सभी अनावेदकों के रुपये मेरे भाई संजय ने मृत्यु के पांच दिन पूर्व मेरे पुत्र सिद्धार्थ मिश्रा के द्वारा संजय सोनी को 1.5 लाख, राजकुमार गुप्ता को 1.10 लाख, कृष्णकांत उर्फ बाबू राजौरिया को 50 हजार, शुभम राठौर को 1.57 लाख रुपये नकद दिए थे। सूदखोरों की प्रताड़ना से मेरे भाई परेशान था। इसी के चलते उसने यह कदम उठाया।
इनपर लगे आरोपयह, मोबाइल उगलेगा राज
गौरतलब है कि संजय मिश्रा का शव 24 अक्टूबर 2024 को सुबह बेबस नदी में मिला था। संजय अपने साथ मोबाइल नहीं ले गए थे। उनके मोबाइल घर पर ही थे। इन मोबाइलों में सूदखोरों से संबंधित कई सबूत हो सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक संजय मिश्रा ने 23 अक्टूबर को दोपहर में दो बार 100 डायल को भी मोबाइल किए। इसमें एक बार काल रिसीव नहीं हुआ, दूसरी बार काल रिसीव हुआ। संजय को किए अंतिम मोबाइल में उसी धमकी दी गई, जिसके चलते वह मानसिक रूप से परेशान हो गया। इसके बाद उसका शव बेबस नदी में मिला।
आवेदन में इनके नाम का उल्लेख
संजय सोनी नगर निगम कर्मचारी,राजकुमार गुप्ता नगर निगम कर्मचारी, रीतेश पांडेय परकोटा निवासी, रीता कैलासिया पूर्व सीएमओ नगर पालिका मकरोनिया, मनीष दुबे पति रीता कैलासिया, राजेश टुटेजा निवासी सदर बाजार, कृष्ण कांत उर्फ बाबू राजौरिया, अनूप बांझल इंदौर, मुकेश तोमर सदर बाजार सागर, अमित मिश्रा अंगीठी भोजनालय बस स्टैंड सागर, सचिंद्र उर्फ लल्ला दुबे गोपालगंज, शैलू उर्फ शैलेंद्र जैन गोपालगंज, आदेश दीक्षित, हेमंत हजारी, अंचल चौधरी, अमित जैन सिलिकान कंप्यूटर व अन्य ।