भारत वृद्धि के नए अवसरों का लाभ उठाने की अच्छी स्थिति में है: वित्त मंत्री सीतारमण
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कोलंबिया विश्वविद्यालय में एक विशेष व्याख्यान के दौरान भारत की आर्थिक स्थिरता और संभावनाओं पर चर्चा की। इस व्याख्यान का आयोजन स्कूल ऑफ इंटरनेशनल एंड पब्लिक अफेयर्स के दीपक और नीरा राज सेंटर द्वारा किया गया था, जिसमें उन्होंने वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बीच भारत की बढ़ती संभावनाओं पर जोर दिया।
वैश्विक अनिश्चितता के बीच भारत की मजबूती
सीतारमण ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान में वैश्विक आर्थिक माहौल चुनौतियों से भरा हुआ है, लेकिन भारत वृद्धि के नए अवसरों का लाभ उठाने के लिए अच्छी स्थिति में है। उन्होंने इस बात पर विशेष रूप से प्रकाश डाला कि जब देश अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं का पुनर्मूल्यांकन कर रहे हैं, तो भारत कई देशों के लिए एक प्रमुख साझेदार बन सकता है, जो अपने स्रोतों में विविधता लाने की तलाश में हैं।
वित्त मंत्री ने कहा, “अधिक विखंडित वैश्विक अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ना, जिसमें पुनर्परिभाषित गठबंधन और बदलते व्यापार तरीके शामिल हैं, वास्तव में भारत के लिए लाभकारी हो सकता है।” उन्होंने बताया कि भारत घरेलू क्षमताओं को मजबूत करने और बाहरी झटकों के प्रति लचीलापन विकसित करने की दिशा में निरंतर काम कर रहा है।
अर्थव्यवस्था में रणनीतिक साझेदारियों का महत्व
सीतारमण ने कहा कि पिछली कुछ दशकों में बहुपक्षीय व्यापार ने वैश्विक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, लेकिन अब भविष्य की आर्थिक दिशा रणनीतिक साझेदारियों द्वारा निर्धारित होगी, और भारत इस बदलाव का भरपूर लाभ उठाने के लिए तैयार है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत अब वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, विशेष रूप से आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाने की दिशा में।
मैक्सिको यात्रा और न्यूयॉर्क में गोलमेज सम्मेलन
इससे पहले, सीतारमण ने मैक्सिको की यात्रा के दौरान ग्वाडलजारा में टेक लीडर्स राउंडटेबल की अध्यक्षता की थी और टीसीएस मुख्यालय का दौरा किया था। इसके बाद न्यूयॉर्क में उन्होंने न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में ‘भारत में निवेश के अवसर’ पर एक गोलमेज सम्मेलन को भी संबोधित किया। साथ ही, आईबीएम के चेयरमैन और सीईओ अरविंद कृष्ण के साथ उन्होंने भारत के दशकीय आर्थिक सुधारों और वृद्धि पर चर्चा की।
आगामी कार्यक्रम
न्यूयॉर्क से सीतारमण अब वाशिंगटन डीसी जाएंगी, जहां वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की वार्षिक बैठकों, जी-20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों की बैठकों सहित कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में भाग लेंगी।