सागर सांसद ने किया शिक्षक दिवस पर शिक्षकों का सम्मान

सागर। सांसद ने कहा क‍ि शिक्षक दीपक के समान हैं जो स्‍वयं जलकर दूसरों को प्रकाश देता है। उसी प्रकार शिक्षक तराशकर शिष्‍यों को अपने से भी ऊपर उच्‍च शिखर पर स्‍थापित करने का भाव रखता है।
उन्‍होंने कहा कि डॉ. सर्वपल्‍ली राधाकृष्‍णन जी ने शिक्षक से राष्‍ट्रपति तक की यात्रा की, परन्‍तु अपने जन्‍मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की परम्‍परा का संदेश देकर नवपीढ़ी को एक मिसाल दी है। भारतीय वैदिक परम्‍परा में ऋषि, गुरू की भूमिका में दीक्षित करते थे, राजा से लेकर आमजन का बच्‍चा गुरूकुल में पढ़ता था। उन्‍हें मनुष्‍य निर्माण के संस्‍कार शास्‍त्र एवं शस्‍त्र से दीक्षित किया जाता था । समाज ने गुरू को भगवान से ऊपर दर्जा प्रदान किया है ।

उन्‍होंने कहा कि देश को यशस्‍वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी एवं प्रदेश के मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन यादव नई शिक्षा नीति के तहत पुन: स्‍थापित करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं । उन्‍होनें कहा कि भारत का कोई भी नागरिक निरक्षर नहीं रहेगा । उन्‍होंने कहा कि हमें प्रकृति से भी सीखना चाहिए वृक्ष हमें हर पल जीवन के लिए प्राणवायु वनस्‍पति, काष्‍ट्, औषधि प्रदान करते हैं। इसलिए वह भी गुरू तुल्‍य हैं। उन्‍होने आव्‍हान किया कि एक पौधा गुरू, मां, पिता के नाम को रोपित करें उन्‍होनें शिक्षक दिवस के अवसर पर हर्ष श्रृंगार का पौधा, शाल-श्रीफल, भेंट कर शिक्षकों का सम्‍मान किया उन्‍होंने कहा कि प्रोफेसर ललित मोहन मेरे उच्‍च शिक्षा प्रदत्‍त कराने वाले गुरू हैं उनके आर्शीवाद से ही डॉक्‍ट्रेट तक की उपाधि प्राप्‍त कर सकी हूं, आज उनका सम्‍मान करते हुए मैं गौरान्वित हूं ।

इस अवसर पर जिन शिक्षकों का सम्‍मान किया गया उनमें मुख्‍यत: ललित मोहन जी, पं. धमेन्‍द्र शर्मा, जुगल किशोर उपाध्‍याय, उपेन्‍द्र गुप्‍ता, सुरेन्‍द्र दुबे, नरेश कुमार विश्‍वकर्मा, रामकृष्‍ण शर्मा, शामिल हैं ।

इस अवसर पर भाजपा के पूर्व जिला अध्‍यक्ष हरिराम सिंह ठाकुर, जिला उपाध्‍यक्ष रामेश्‍वर नामदेव, डॉ. डी.पी. चौबे, रामकुमार साहू, उमेश सिंह, सुभाष नेमा, महेन्‍द्र गोवास्‍मी, विनोद चोकसे, संजीव सराफ, मनीष नेमा सहित अन्‍य गणमान्‍य नागरिक उपस्थित थे ।

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